Divorce: तलाक एक भावनात्मक रूप से कठिन समय होता है और अकेले माता-पिता के लिए, वित्तीय बोझ भी काफी बढ़ सकता है। हालाँकि, सावधानीपूर्वक योजना बनाकर और सही कदम उठाकर, आप एक मजबूत वित्तीय भविष्य का निर्माण कर सकती हैं और अपने बच्चों की देखभाल कर सकती हैं।
तलाक के बाद सिंगल पेरेंट् के लिए 5 आर्थिक योजनाएँ
1. बजट बनाना और उस पर कायम रहना
वित्तीय नियोजन की आधारशिला एक मजबूत बजट होता है। बजट बनाने का मतलब है अपनी आय और खर्च का लेखा-जोखा रखना। अपने हर रुपये को ट्रैक करें, खर्चों को अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित करें और देखें कि आप कहाँ बचत कर सकती हैं। यह पारदर्शिता आपको अपने धन पर नियंत्रण रखने में मदद करेगी। एक बार बजट बन जाने के बाद, उस पर कायम रहने की कोशिश करें।
2. आपातकालीन निधि बनाना
जीवन अप्रत्याशित घटनाओं से भरा होता है। कार खराब हो सकती है या घर में कोई मरम्मत का काम आ सकता है। ऐसे समय में आपातकालीन निधि आपकी आर्थिक सुरक्षा करती है। लक्ष्य कम से कम 3-6 महीने के खर्च के बराबर की राशि आपातकालीन निधि में जमा करने का होना चाहिए। आपातकालीन निधि के लिए बचत करने के कई तरीके हैं। आप हर महीने अपनी तनख्वाह से एक निश्चित राशि अलग रख सकती हैं। आप बजट में से कुछ गैर-जरूरी खर्चों में कटौती करके भी बचत कर सकती हैं।
3. अपने और अपने बच्चे के लिए बीमा करवाना
बीमा किसी भी वित्तीय योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। एकल माता-पिता के लिए तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। अपने लिए पर्याप्त जीवन बीमा करवाना जरूरी है ताकि भविष्य में किसी अनहोनी घटना में आपके बच्चे आर्थिक रूप से परेशान न हों। साथ ही अपने स्वास्थ्य बीमा में बच्चों को भी शामिल करें। यह किसी भी दुर्घटना या बीमारी के दौरान होने वाले खर्च को पूरा करने में मदद करेगा। बच्चे के लिए शिक्षा बीमा और टर्म बीमा करवाने पर भी विचार करें।
4. कर्ज से बचें
तलाक के बाद आर्थिक बोझ अचानक बढ़ जाने के कारण कई बार लोग कर्ज का सहारा ले लेते हैं। हालाँकि, कर्ज से बचना ही समझदारी है। क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग से बचें और केवल उन्हीं चीजों के लिए कर्ज लें जिन्हें टाला नहीं जा सकता, जैसे कि घर खरीदना। यदि आप पर पहले से ही कर्ज है, तो उसे जल्द से जल्द चुकाने की कोशिश करें। इसके लिए आप अतिरिक्त कमाई के जरिए कर्ज चुकाने की रणनीति बना सकती हैं।
5. भविष्य की योजना बनाएं
अपने और अपने बच्चे के भविष्य के लक्ष्यों के बारे में सोचें। इसमें आपके बच्चे की शिक्षा, आपकी सेवानिवृत्ति और किसी भी अन्य दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्य शामिल हो सकते हैं। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निवेश योजना बनाएं। आप अपने जोखिम सहनशीलता के अनुसार विभिन्न प्रकार के निवेश विकल्पों, जैसे कि म्यूचुअल फंड, पीपीएफ या ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं।