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Finance: जानें फाइनेंस और औरतों के बारे में बड़ी ग़लत धारणाएँ क्या हैं

हमारे समाज में जहां औरतें आज पैसा कमा कर हर क्षेत्र में आगे आ रहीं हैं वहीं वित्तीय निर्णय लेने के मामले में औरतों को आज भी विश्वस्नीय नहीं माना जाता और बहुत सारी पुरानी धारणाओं के चलते उन्हें इन फैसलों से दूर भी रखा जाता है।

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Mandie Panesar
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Nirmala Sitaraman

Misconceptions about women & finance (Image Credit: News18)

Misconceptions About Women & Finance :  मारे समाज में जहां औरतें आज पैसा कमा कर हर क्षेत्र में आगे रहीं हैं वहीं वित्तीय निर्णय लेने के मामले में औरतों को आज भीविश्वस्नीय नहीं माना जाता और बहुत सारी पुरानी धारणाओं के चलते उन्हें इन फैसलों से दूर भी रखा जाता है।

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फाइनेंस और औरतों के बारे में बड़ी ग़लत धारणाएँ

1. बहुत खर्चीली होतीं हैं महिलाएँ 

वित्तीय मामलों को लेकर आज भी ये सोचा जाता है कि महिलाएँ हद्द से ज़्यादा खर्चीली होतीं हैं तो इनको आमदनी की सही जानकारीना ही दें तो बेहतर है। यह माना जाता है कि औरतें हमेशा नये ड्रेसेज़, शोज़ या फिर आलीशान समान के बारे में ही सोचतीं हैं। जबकिमहिलाओं को रोज़मर्रा के घर खर्च को मैनेज करने से ले कर महीने के अंत तक घर चलाने तक की फ़िक्र रहती है।

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2. नहीं जानतीं महिलाएँ कि कैसे करें सेविंग्स 

एक धारणा ये भी प्रचलित है कि औरतों को पैसा बचाने की या फिर निवेश की जानकारी नहीं होती। लेकिन ये बिलकुल भी सच नहीं है।लगभग हर एक महिला एक बच्चे के जन्म लेते ही उसके भविष्य की चिंता करते हुए बैंक या पोस्ट ऑफिस में एफ़डी या फिर किसी भीअच्छी स्कीम में पैसा डालना शुरू कर ही देती है। साथ ही साथ महीने के अंत में कुछ ना कुछ पैसे घर ख़र्च से बचा कर भी आने वालेकल के लिए सम्भाल लेती है।

3. नहीं लेतीं रुचि वित्तिय मामलों में औरतें

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कुछ लोग तो यह ही कह कर अपना पल्ला छुड़ा लेते हैं कि महिलाओं की तो वित्तिय मामलों में कोई रुचि ही नहीं है जबकि सच तो ये हैकि उन्हें इन फैसलों में कोई लेना ही नहीं चाहता। चाहे वो उनके अपने माँ-बाप हों या फिर ससुराल। औरत अपने पति के कंधे से कंधामिला कर पैसे कमा तो सकती है मगर घर के वित्तिय प्रबंधन में कोई फ़ैसला नहीं ले सकती!

4. बड़े बुजुर्ग और पति मानते हैं शर्म

कोई महिला चाहे बैंक मैनेजर ही क्यों ना हो, मगर घर के सदस्य (माँ-बाप/पति) घर के वित्तिय फ़ैसलों में औरत की सलाह लेने में शर्मही मानते हैं। आज की महिला सशक्त है और अपने परिवार और ख़ुद के अच्छे बुरे फ़ैसले वो ले सकती है। इसकी बड़ी वजह हमारेसमाज की पुरानी सोच है।

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5. समय ही कहाँ है इसके पास 

घर के सदस्य हमेशा यही सोचते हैं कि घर के काम, नौकरी और बच्चों की ज़िम्मेदारियों से औरत के पास वित्तीय प्रबंधन के लिए फ़ुरसतही कहाँ होती है। ये लोग इस बात से बेख़बर होते हैं कि महिलायें दिन के लगभग हर काम का प्रबंधन बग़ैर किसी काग़ज़ कलम के मनही मन कर लेतीं हैं और इस से बढ़कर ये मल्टी टास्कर होतीं हैं तो वित्तीय फैसले भी उनके लिए कुछ इतना मुश्किल काम नहीं है।

इस सब के इलावा औरतों को धन प्रबंधन के लिए उचित साक्षर भी नहीं समझा जाता लेकिन आज की महिला पैसा कमाना भी जानतीहै, सही जगह ख़र्च करने के बाद पैसा बचा कर सँभालने का मूल्य भी समझती है। बहुत सारीं महिलाएँ आज के समय में अपना घरपरिवार ख़ुद चलातीं हैं तो वो अपने वित्तीय फ़ैसले भी ख़ुद लेने के स्क्षम हैं।

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