रिलेशनशिप में घुसना आसान है, पर रिलेशनशिप में रहना मुश्किल। यह लाइन हम में से बहुत लोगों ने सुनी होगी, और यह सच भी है। पर यह मुश्किल वर्किंग औरतों के लिए और भी बढ़ जाती है। इस ब्लॉग में पढ़िए वर्किंग वीमेन के लिए कुछ रिलेशनशिप टिप्स, जो आपके डेटिंग या शादी में मदद कर सकती हैं।
वर्किंग वीमेन के लिए रिलेशनशिप टिप्स:
1. खर्चा शेयर करें
कई औरतें शादी के बाद भी अपनी कमाई अपने लिए बचा कर रखती हैं, और अपने पार्टनर को अकेले घर के खर्चे का बोझ उठाने देती हैं। यह बिल्कुल भी सही नहीं है। अगर आप कमेटी हैं, तो खर्चे में भी योगदान दें। चाहे आप शादीशुदा हों, लिव इन रिलेशनशिप में हो या केवल रेस्टॉरंट में मिलते हो, आपको भी खर्चे में योगदान देना चाहिए।
2. समय बाटे
अपने काम और पर्सनल लाइफ में समय बांटे। एक के लिए दुसरे को लम्बे समय तक कोम्प्रोमाईज़ न करें। अपने डेट्स और आउटिंग के बारे में पहले से प्लान करें, और अच्छी तरह से समय को भाग करें।
3. पार्टनर के सामने काम न करें
कभी कभी एक दो कॉल या मेसेज करना ठीक है, मगर जब आप अपने पार्टनर या परिवार के साथ हैं, अपने करियर के काम को बीच में न लाए। इससे आपके पार्टनर को ठेस पहुंच सकती है। अगर आप और आपका पार्टनर एक साथ रहते हैं तो आपको अपने पार्टनर से बात कर के एक टाइम बनानी चाहिए जिसके बाद आप ऑफिस का काम नहीं करेंगे।
4. पार्टनर पर काम की भड़ास न निकाले
हम सबके साथ कभी कभी ऐसा होता है की हमारे ऑफिस में कुछ होता है, जिससे हम गुस्सा होते हैं या हमें ठेस पहुँचती हैं। हम अपने बॉस या सहकर्मी पर तो चिल्ला नहीं सकते, इसलिए वह भड़ास अपने पार्टनर पर निकल देते हैं। ऐसा करने से खुद को रोकें।
ऐसा हो सकता है की आपने किसी और का गुस्सा अपने पार्टनर या परिवार वाले पर निकाल दिया हो। यह बहुत ही नॉर्मल है, पर फिर भी गलत है। इसलिए अगर आपसे ऐसी गलती हो जाए, जैसे ही आपको इसका एहसास हो, उनसे माफ़ी मांगे। उन्हें समझाए की आपका गुस्सा उन पर नहीं था।
अपने पार्टनर से भी यही उम्मीद रखें, और अगर वे आप पर किसी और का भड़ास निकल दे, तो उनकी अवस्थ समझें, मगर विनम्र शब्दों में यह भी साफ़ कर दे की आप किसी प्रकार का अब्यूज़ नहीं सहेंगी। इस बारे में रिलेशनशिप के शुरुवात में ही बात होनी चाहिए की गलती से भड़ास निकलना और अब्यूज़ करना अलग बात होता है।
5. इमरजेंसी फंड बनाए
अगर आप शादीशुदा, लिव इन, या लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप में है, तो आपको एक इमर्जेन्सी फंड बनाना चाहिए जिसमें आप दोनों अपने कमाई का 5-20% जमा करते हैं, किसी भी फाइनेंशियल समस्या के लिए। यह जॉब लॉस, इकोनॉमिक रिसेशन, मेडिकल इमरजेंसी, इत्यादि के लिए काम आएगा।