Smart Money Moves: SIP या फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) महिलाओं के लिए कौन सा निवेश बेहतर है?

निवेश का कौनसा विकल बेहतर है, इसका पता सही इंटरेस्ट रेट और जोखिम रहित विकल्पों को जानकर ही लग सकता है। आज जानिए FD और SIP में कौनसा विकल्प है बेहतर!

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Kirti Sirohi
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Smart Money Moves

Smart Money Moves Credit: (Pinterest )

SIP और FD, क्या है बेहतर निवेश विकल्प कहते हैं, "पैसे की बचत करना अच्छी आदत है लेकिन उस पैसे को सही जगह निवेश करना आपकी समझदारी!" और जब बात महिलाओं की आती है तो यह दोनों ही बातें जरूरी हो जाती हैं। क्योंकि महिलाएं हमेशा से परिवार, बच्चों, जरूरतों, घर और आर्थिक सुरक्षा में संतुलन बनाए रखने की कोशिश करती आई हैं। Smart Money Moves में अभी तक हमने महिलाओं को बताया है कि वो आर्थिक तौर मजबूत बनने के लिए कैसे पैसे की बचत कर सकती हैं, कैसे इमरजेंसी फंड बना सकती हैं और कैसे अपनी संपत्ति बना सकती हैं। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आपके के लिए SIP (Systematic Investment Plan) और FD (Fixed Deposit) में बेहतर विकल्प कौनसा हो सकता है।

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1. SIP और FD: दोनों में आखिर अंतर क्या है?

SIP (Systematic Investment Plan) म्यूचुअल फंड में निवेश का एक ऐसा जरिया है जहां आप नियमित रूप से (मासिक और छह महीने में) थोड़ी-थोड़ी धनराशि इन्वेस्ट करती हैं। 

Fixed Deposit (FD), एक वन टाइम पेमेंट सर्विस है जो कि निवेश करने का सबसे सुरक्षित और पारंपरिक विकल्प है। इसमें आप बैंक में एक निश्चित धनराशि जमा करते हैं जो तय समय तक लॉक हो जाती है और उसपर आपको फिक्स्ड ब्याज दर (interest rate) मिलता है। 

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2. ज्यादा फायदा किस में है? 

जब बात पैसों की हो तो केवल बचत और निवेश ही नहीं फायदा और नुकसान भी देखना जरूरी हो जाता है। SIP और Fixed Deposit में भी दो पहलू हैं। कोई एक जोखिम भरा हो सकता है तो कोई दूसरा नहीं। आइए जानते हैं FD और SIP में रिस्क और रिटर्न का क्या हिसाब है!

SIP में Risk और Return 

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SIP स्टॉक मार्केट से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से इसमें रिस्क की ज्यादा संभावना होती है। लेकिन इसका लॉन्ग टर्म एवरेज रिटर्न 10 से 12 प्रतिशत तक हो सकता है।

SIP में रिटर्न पर जोखिम भी बना रहता है पर यहां आप कम निवेश करने पर भी बड़ा मुनाफा कमा सकती हैं। 

FD (Fixed Deposit में Risk और Return)

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FD में कोई भी मार्केट रिस्क नहीं होता और इसमें रिटर्न भी 100 प्रतिशत गारंटीड होता है लेकिन इसका रिटर्न रेट SIP के मुकाबले काफी कम है जो कि 5 से 8% होता है।

3. दोनों में कब और कैसे निकाल सकती हैं पैसा

FD में आपका पैसा तय समय के लिए लॉक हो जाता है और इस तय समय के बाद ही आप इस पैसे को वापस निकाल सकती हैं। जैसे कि अगर आपने अपनी FD 10 साल के लिए कराई है तो आप 10 साल बाद ही पैसा निकाल सकेंगी। लेकिन उससे पहले आप इस FD को तुड़वाती हैं तो आपको पेनल्टी देनी होगी, साथ ही आपको ब्याज दर भी कम मिलेगा।

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वहीं, SIP में कुछ Funds को छोड़कर बाकी फंड्स में निवेश किए गए अपने पैसों को आप कभी भी निकाल सकती हैं। इसमें कोई भी लॉक-इन पीरियड नहीं होता है और न ही कोई पेनल्टी आपको देनी पड़ती है।

4. क्या FD और SIP में ब्याज दर पर tax लगता है?

FD और SIP दोनों में ही मिलने वाले ब्याज दर के आधार पर tax लगाया जाता है। FD में आपको जो भी ब्याज मिलता है उसे सबसे पहले आपकी आय (income) में जोड़ा जाता है जिसके बाद टैक्स स्लैब के हिसाब से आप tax देती हैं। इसके लिए अगर आपकी FD का ब्याज 40 हजार से ज्यादा हो तो बैंक 10 प्रतिशत TDS (Tax Deducted At Source) काटता है और यदि आपके पास PAN card नहीं है तो यह TDS 20 प्रतिशत कटता है।

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SIP में 1 लाख तक का गेन होने तक यह बिल्कुल फ्री होता है। लेकिन अगर एक साल होने से पहले आप अपनी यूनिट्स बेचेंगी तो आपको 15% टैक्स देना पड़ सकता है। वहीं 1 साल में, 1 लाख से ज्यादा प्रॉफिट गेन होने पर आपको 10% टैक्स (Long Term Capital Gains) देना होता है।

फिर भी FD प्रचलित है?

आपने अक्सर अपनी पड़ोसियों या सहेलियों से सुना होगा कि उन्होंने FD कराई है लेकिन SIP में निवेश की बात शायद ही कोई कभी बोले। दरअसल, Fixed Deposit निवेश का एक पुराना तरीका है जो दशकों से चलता आ रहा है। इसमें पैसे सुरक्षित रहते हैं, रिटर्न का आना निश्चित होता है क्योंकि इसमें कोई जोखिम नहीं होता। वहीं बात करें SIP कि तो इसे लोकप्रियता कुछ दशक पहले ही मिली है। SIP लोकप्रिय इसलिए भी है क्योंकि आप छोटी-छोटी बचत करने के बाद 500 से 1000 रुपए से भी इसमें निवेश करके शुरुआत कर सकती हैं, इससे आपका बजट भी नहीं डगमगाता। साथ ही महंगाई बढ़ने या कम होने से भी इसमें कोई अंतर नहीं आता बल्कि यह महंगाई बढ़ने के साथ बढ़ता है और इसका असल रिटर्न पॉजिटिव रहता है। वहीं FD में महंगाई बढ़ने पर यह आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है।

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50-50 का संतुलन

अगर आप बिल्कुल जोखिम नहीं लेना चाहतीं और आपका उद्देश्य सिर्फ सुरक्षित रिटर्न पाना है भले ही वह कम हो तो FD आपके लिए एक सही विकल्प है। लेकिन अगर आप छोटी बचत से अधिक रिटर्न पाना चाहती हैं तो SIP आपके लिए सही विकल्प है क्योंकि इसमें धीरे-धीरे पैसे बढ़ते हैं और महंगाई को मात देने में भी ज्यादा सक्षम है।

लेकिन अगर आप दोनों में किस्मत आजमाकर एक संतुलन चाहती हैं तो 50-50 की रणनीति अपनाएं। आप आधा पैसा FD में और आधा SIP में लगा सकती हैं, जिससे सुरक्षा भी बनी रहेगी और आप मुनाफा भी कमाएंगी।

निवेश कम करें या ज्यादा, लेकिन उसकी जानकारी पूरी रखें। यह आपको आर्थिक स्वतंत्रता पाने में मदद करता है और प्रेरित भी। इसलिए महिला होने के नाते आर्थिक जानकारी जरूर रखें और छोटी छोटी बचत से ज्यादा मुनाफा कमाने की सोचें जिससे आपके ऊपर भार भी न पड़े और आप निवेश भी कर सकें। 

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