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ब्रैस्ट हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए करें ये 5 योग

योग करने के शरीर के लिए कई बेहतरीन फायदे हो सकते हैं। रोजाना योग को अपने लाइफ स्टाइल में शामिल करने से आपको आपनी हेल्थ को बेहतर करने और शरीरिक और मानसिक रूप से स्वास्थ्य रहने में भी सहायता मिल सकती है।

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Priya Singh
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Breast Health(Freepik)

(Image Credit - Freepik)

5 Yoga To Promote Breast Health: योग करने के शरीर के लिए कई बेहतरीन फायदे हो सकते हैं। रोजाना योग को अपने लाइफ स्टाइल में शामिल करने से आपको आपनी हेल्थ को बेहतर करने और शरीरिक और मानसिक रूप से स्वास्थ्य रहने में भी सहायता मिल सकती है। महिलाओं के लिए योग और व्यायाम करना उन्हें स्वास्थ्य रखने में मदद कर सकता है। आइये जानते हैं ब्रेस्ट के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए महिलाएं कौन सा योगासन कर सकती हैं।

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ब्रैस्ट स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए 5 योग

1. गरुड़ासन (ईगल पोज़)

यह मुद्रा कंधों और ऊपरी पीठ, ब्रैस्ट स्वास्थ्य से निकटता से जुड़े क्षेत्रों में परिसंचरण और लचीलेपन में सुधार के लिए फायदेमंद है। अपने पैरों को हिप्स की चौड़ाई से अलग करके और हाथों को आपके सामने सीधा फैलाकर खड़े होकर शुरुआत करें। हथेलियों को एक साथ लाते हुए अपने दाहिने हाथ को अपनी बाईं जांघ के ऊपर से क्रॉस करें और फिर अपनी दाईं जांघ को अपनी बाईं जांघ के ऊपर से क्रॉस करते हुए अपने घुटनों को थोड़ा मोड़ें। एक पैर पर संतुलन बनाते हुए, 15-30 सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहें और फिर दूसरी तरफ से करें।

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2. भुजंगासन (कोबरा मुद्रा)

कोबरा पोज़ छाती को खोलने, पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने और पेट के अंगों को उत्तेजित करने के लिए जाना जाता है। अपने पेट के बल लेटकर अपनी हथेलियों को अपने कंधों के नीचे रखकर शुरुआत करें। सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं, अपनी बाहों को सीधा करें और अपनी पीठ को झुकाएं। अपने कंधों को नीचे और पीछे रखें, आगे की ओर देखें। 15-30 सेकंड के लिए इस मुद्रा में बने रहें।

3. उष्ट्रासन (ऊंट मुद्रा)

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उष्ट्रासन एक बैकबेंड है जो छाती को खोलता है, मुद्रा में सुधार करता है और संभावित रूप से बेहतर ब्रैस्ट स्वास्थ्य में योगदान देता है। अपने घुटनों को कूल्हे-चौड़ाई से अलग रखते हुए, अपने हाथों को अपनी पीठ के निचले हिस्से पर रखें। धीरे से पीछे की ओर झुकें, अपने हाथों से अपनी एड़ियों तक पहुँचें। गहरी सांस लेते हुए 15-30 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें।

4. सेतु बंधासन (ब्रिज पोज़)

ब्रिज पोज़ छाती, गर्दन और रीढ़ को मजबूत बनाता है, साथ ही बेहतर ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ावा देता है।

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अपने घुटनों को मोड़कर और पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से अलग रखते हुए अपनी पीठ के बल लेटें। अपने पैरों को दबाएं और अपने हिप्स को छत की ओर उठाएं, अपनी उंगलियों को अपनी पीठ के नीचे फंसाएं और अपनी बाहों को सीधा करें। अपने कंधों को अपने नीचे घुमाएं और 15-30 सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहें।

5. गोमुखासन (गाय मुख मुद्रा)

गाय मुख मुद्रा छाती, कंधों और भुजाओं को खोलने में प्रभावी है। अपने पैरों को क्रॉस करके बैठें, अपना दाहिना हाथ उठाएं, मोड़ें और अपना हाथ अपनी पीठ के नीचे लाएं। अपनी उंगलियों को आपस में जोड़ने का प्रयास करते हुए अपने बाएं हाथ को अपने पीछे ले जाएं। 15-30 सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहें, फिर दूसरी ओर से करें।

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