Fitness And Women: फिटनेस से जुड़े 5 मिथक जिन पर ना विश्वास करें महिलाएं

फिटनेस से जुड़े कई मिथक हैं जिन पर महिलाएं अक्सर विश्वास कर बैठती हैं। इनमें से एक यह है कि वजन उठाने से महिलाएं मांसल दिखने लगती हैं।लेकिन वास्तविकता यह है कि वजन उठाने से महिलाएं मजबूत और टोनड बन सकती हैं।

author-image
Shivalika Srivastava
New Update
Fitness

Photograph: (File Image )

Five Myths Related to Fitness Women Should Never Believe: फिटनेस से जुड़े कई मिथक हैं जिन पर महिलाएं अक्सर विश्वास कर बैठती हैं। इनमें से एक यह है कि वजन उठाने से महिलाओं की मसल दिखने लगती हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि वजन उठाने से महिलाएं मजबूत और टोंड बन सकती हैं। एक अन्य मिथक यह है कि महिलाओं को केवल योग और पिलेट्स करना चाहिए, जबकि वे विभिन्न प्रकार के व्यायाम कर सकती हैं जो उनके फिटनेस लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, यह मिथक भी है कि महिलाओं को अपने वर्कआउट में भारी वजन नहीं उठाना चाहिए, जबकि भारी वजन उठाने से उनकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।

Advertisment

मासिक धर्म के दौरान व्यायाम न करने का मिथक भी है, जबकि व्यायाम करने से दर्द और असहजता को कम करने में मदद मिल सकती है। यह मिथक भी है कि फिटनेस केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए है, जबकि यह मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा दे सकता है। इन मिथकों को तोड़कर महिलाएं अपने फिटनेस लक्ष्यों को प्राप्त कर सकती हैं और अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकती हैं।

Fitness And Women: फिटनेस से जुड़े 5 मिथक जिन पर ना विश्वास करें महिलाएं

1.  वजन उठाने से महिलाएं मांसल दिखने लगती हैं

Advertisment

 वजन उठाने से महिलाएं मजबूत और टोनड बन सकती हैं, लेकिन मांसल दिखने के लिए विशेष प्रयास और हार्मोनल परिवर्तन की आवश्यकता होती है।महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर पुरुषों की तुलना में कम होता है, जो मांसपेशियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, वजन उठाने से महिलाएं मांसल नहीं दिखेंगी, बल्कि उनकी मांसपेशियां मजबूत और टोनड होंगी। वजन उठाने से महिलाओं को कई फायदे हो सकते हैं, जैसे कि मांसपेशियों की मजबूती और टोनिंग, हड्डियों की मजबूती, वजन प्रबंधन में मदद ,आत्मविश्वास में वृद्धि आदि।

2.  महिलाओं को केवल योग और पिलेट्स करना चाहिए

 महिलाएं विभिन्न प्रकार के व्यायाम कर सकती हैं, जैसे कि कार्डियो, वेट ट्रेनिंग, और हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT), जो उनके फिटनेस लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।महिलाएं विभिन्न प्रकार के व्यायाम कर सकती हैं जो उनके फिटनेस लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। योग और पिलेट्स निश्चित रूप से महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन वे अकेले व्यायाम विकल्प नहीं हैं।

Advertisment

3. महिलाओं को अपने वर्कआउट के दौरान भारी वजन नहीं उठाना चाहिए

महिलाएं अपने वर्कआउट में भारी वजन उठा सकती हैं और इससे उनकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।महिलाओं को व्यायाम के दौरान भारी वजन नहीं उठाने की सलाह देने का कोई ठोस कारण नहीं है। महिलाएं व्यायाम के दौरान भारी वजन उठा सकती हैं।महिलाएं अपने फिटनेस लक्ष्यों और शारीरिक क्षमता के अनुसार वजन उठाने का चयन कर सकती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं व्यायाम के दौरान उचित रूप और तकनीक का उपयोग करें और अपने शरीर की सुनें।

4. महिलाओं को अपने पीरियड्स के दौरान व्यायाम नहीं करना चाहिए

Advertisment

महिलाएं अपने पीरियड्स दौरान व्यायाम कर सकती हैं और इससे उनके दर्द और असहजता को कम करने में मदद मिल सकती है।व्यायाम करने से एंडोर्फिन नामक हार्मोन का स्राव होता है, जो दर्द और तनाव को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, व्यायाम करने से महिलाओं को अपने शरीर के बारे में अधिक जागरूक होने और अपने मासिक धर्म के चक्र को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है।हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं अपने शरीर की सुनें और व्यायाम के दौरान अपनी शारीरिक स्थिति का ध्यान रखें। यदि महिलाएं पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक दर्द या असहजता का अनुभव करती हैं, तो वे अपने व्यायाम को हल्का और आरामदायक बना सकती हैं।

5. फिटनेस केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए है

 फिटनेस न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा दे सकता है।फिटनेस मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में मदद करता है, जैसे कि तनाव कम करना, मूड में सुधार करना, और आत्मविश्वास बढ़ाना।फिटनेस भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है, जैसे कि आत्म-सम्मान बढ़ाना, और भावनात्मक स्थिरता में सुधार करना।

myths women fitness