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यह फिल्म नीरज घायवान द्वारा निर्देशित की गई है। इसमें सेनशर्मा भारती मंडल का किरदार निभा रही है। भारती एक दलित फैक्ट्री वर्कर है जिसकी नौकरी, प्रमोशन और सम्मान आदि को एक उच्च वर्ग की गोरी लड़की प्रिय शर्मा (अदिति राव हैदरी) के आने से खतरा है।
शीदपीपल के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में कोंकणा सेन शर्मा ने इंडियन सिनेमा, बेड मैरिज, महिलाओं के सिनेमा में रोल आदि की बात करी
सेनशर्मा अजीब दास्तान की 'गीली पुच्ची' में अपने किरदार को लेकर
"हम सभी की बहुत सारी पहचान है"। भारती के किरदार में काफी सारी पहचानों का मेल था, जिसकी वजह से वह काफी रियल नजर आ रहा था और मेरे लिए इस कैरेक्टर को निभाना आसान था।
कोंकणा इंडियन सिनेमा को लेकर कोंकणा सेन शर्मा अजीब दास्तां
हम इंडियन सिनेमा में मैनस्ट्रीम पर एक पर्टिकुलर टाइप के कल्चर को ही बताते हैं। किसी भी चीज की स्वीकृति के लिए बहुत ही छोटी रेंज है कि महिलाओं का कैरेक्टर कैसा होना चाहिए। जब हम किसी भी किरदार के परिवार या लोगों के को बताते हैं तो वे अक्सर डोमिनेंट कास्ट से होते हैं। यह हमने नॉर्मलाइज कर दिया है जो कि सच नहीं है, यह इनकंप्लीट स्टोरी है।
भारती का किरदार इस फिल्म में इन सबसे अलग है। वह एक क्वियर दलित महिला है और ऊपर बताई गई कोई भी चीज इस फिल्म में नहीं है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि वह ना सिर्फ एक मार्जिनलाइज्ड कम्युनिटी से है बल्कि फिल्म में उसे एक विक्टिम के तौर पर नहीं दिखाया गया है। उसे एक सशक्त महिला के रूप में दिखाया गया है।
शर्मा मैस्कुलिन अथॉरिटी पर कोंकणा सेन शर्मा अजीब दास्तां
हम जब भी अथॉरिटी की बात करते हैं तब हम उसे हमेशा मेल डोमिनेटेड तरीके से देखते आए हैं। उदाहरण के तौर पर यदि कोई असिस्टेंट फीमेल डायरेक्टर है तो वे एग्रेसिव रोल्स ही करते है क्योंकि ऐसे ही उन्हें सीरियसली लिया जाता है। यह हम पर और हमारी अथॉरिटी को देखने के नजरिए पर सवाल उठाता है।
सेनशर्मा महिलाएं और बेड मैरिज पर बात करते हुए
भारत में कई तरह-तरह के लोग और कई अलग-अलग तरह की शादियां होती हैं। यदि कोई बेड मैरिज में फंसा हुआ है, स्पेशली महिलाएं तो उनके लिए जरूरी है आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना। यदि महिलाओं के पास फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस होगी, तो आगे चलकर उनके पास बहुत सारे चॉइसेज और अपॉर्चुनिटी होंगी कि उन्हें इस शादी में अब रहना है या नहीं या कोई भी अन्य कारण अगर शादी खुशहाल नहीं है तो।