हमारे समाज में लड़के और लड़कियों के लिए अलग रूल और रेगुलेशंस बनाए गए हैं। ऐसे कुछ काम बांटे गए हैं जो अगर लड़के करें तो वह सही है लेकिन अगर लड़कियां करती हैं तो वह गलत और असंस्कारी कहलाती है। हमारी सोसाइटी ने कुछ काम ऐसे तय कर रखे हैं जिन्हें अगर लड़कियां करती हैं तो वह समाज द्वारा उनका चरित्र खराब होने का प्रमाण हो जाता है।
लड़कियों को संस्कारी बनाने के लिए समाज ने अपनी एक रूलबुक बना रखी है। अगर आप उसको फॉलो करेंगे तो आप संस्कारी होंगे और अगर वह काम आप करेंगे तो आप का चरित्र खराब है।
1. शराब और सिगरेट पीना
शराब और सिगरेट का इस्तेमाल अगर पुरुष करते हैं तो यह हमारे समाज में बहुत सामान्य सी बात है। लेकिन अगर यही काम महिलाएं करने लग जाती हैं तो समाज सीधे-सीधे उनके चरित्र पर सवाल खड़ा करता है। हालांकि शराब और सिगरेट के सेवन से एक मनुष्य के शरीर के पूरजें ही खराब होंगे चाहे वह पुरुष हो या महिला हो। पर यह समाज का दोगलापन ही है, जो शराब और सिगरेट पीने पर सिर्फ महिलाओं को ही चरित्रहीन करार देता है।
2.रात तक बाहर रहना और लड़कों से दोस्ती
आज भी हमारे समाज में लड़कियों और महिलाओं को देर रात तक घर से बाहर रहने की इजाजत नहीं है। ध्यान दिया जाए की इस इजाजत को देने वाले भी मर्द है और घर की महिलाओं के देर रात तक बाहर रहने से डरने वाले भी मर्द हैं। यानी के मर्दों को मर्दों से ही डर है लेकिन इजाजत औरतों को नहीं है कि वह देर रात तक बहार रह सके। अगर किसी महिला का पुरुष मित्र होता है तो उसको शक की निगाहों से देखा जाता है और उसके चरित्र पर सवाल किया जाता है।
3. घर का काम करना नहीं जानती
जो महिला घर का काम करना नहीं जानती है, गोल रोटियां बनाना नहीं जानती है, अच्छा खाना पकाना नहीं जानती है, वह तो समाज की नजरों में किसी काम की ही नहीं होती। क्योंकि महिलाओं से हमारा समाज यही अपेक्षा रखता है कि वह सिर्फ घर को संभाले और घर के कामों को संभाले। इसके विपरीत अगर वह कुछ भी काम करती है, समाज में नाम कमाती हैं तो वह उनकी उपलब्धि नहीं समझी जाती।
4. अपनी पसंद के कपड़े पहनना
महिलाओं के कपड़ों पर टिप्पणी करना हमारे समाज का बहुत पसंद का काम है। एक महिला अगर अपनी मर्जी से अपनी पसंद के कपड़े पहनती है तो वह समाज को पसंद नहीं आता। अगर आप छोटे कपड़े पहन रही हैं तो सीधे तौर पर समाज की नजरों में आपका चरित्र खराब है और आपके घर वालों ने आपको कोई संस्कार नहीं दिए हैं। यही नहीं समाज यह भी मानता है कि छोटे कपड़े पहनने से महिलाएं उनके साथ होने वाली यौन हिंसा को निमंत्रण देती है।
5. सेक्स या प्यार के बारे में विचार रखना
वैसे तो समाज महिलाओं के विचारों को मानने से काफी परहेज रखता है और उनको जरूरी भी नहीं समझता है। लेकिन अगर महिलाएं सेक्स जैसे विषय पर अपनी इच्छाएं या अपने विचार रखती है तो समाज को यह बात बहुत अखरती है। अगर आप ऐसे विषय पर अपनी बातें खुलकर रखती हैं तो समाज की नजर में आप असंस्कारी है साथ ही आपका चरित्र भी खराब है।
समाज के मुताबिक जो लड़कियां अपनी बातों को लेकर काफी वोकल होती है यानि अपने विचार रखती हैं, उनसे कोई शादी भी नहीं करता है। यह सीधे तौर पर महिलाओं की आवाज और उनकी इच्छाओं को दबाने का प्रयास है।