शिक्षा के माध्यम से ही हम पूरी दुनिया का ज्ञान प्राप्त कर सकते है। एक व्यक्ति के चरित्र का निर्माण भी शिक्षा की नींव के आधार पर होता हैं चाहे लड़का हो या लड़की हर व्यक्ति को शिक्षा का पूरा अधिकार हैं।
एक शिक्षित व्यक्ति ही देश के विकास में अपना पूरा योगदान देता है। देश की लगभग हर समस्या का हल शिक्षा ही है। इन सभी बातों से लोग परिचित है परंतु आज भी लड़कियों की शिक्षा को लड़को के मुकाबले कमतर देखा जाता है। लड़कियों की शिक्षा पर पैसा खर्च करना आज भी माता पिता को व्यर्थ लगता है।
शिक्षा पाने के लिए संघर्ष
जहां एक तरफ महिलाएं किसी राज्य की मुख्यमंत्री, तो किसी देश की राष्ट्रपति बन रही है, वहीं दूसरी तरफ आज भी एक लड़की को शिक्षा पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो हालत और भी खराब है। वहां आज भी यही माना जाता है की लड़को को ही शिक्षा का अधिकार है। उन्हें आगे चल कर बाहर कमाने जाना है, विवाह के बाद घर चलाना है। लड़कियों को तो केवल घर पे रह कर काम करना है और बच्चो की देखभाल करनी है, उसके लिए पढ़ाई करने की क्या आवश्यकता है। इसी कारण आज भी लड़कियों को शिक्षा से दूर रखा जा रहा है।
शिक्षा बहुत अनिवार्य है
लड़कियों के लिए शिक्षा बहुत अनिवार्य है। उन्हें ही अपने लिंग के आधार पर सबसे अधिक भेदभाव का शिकार होना पड़ता है। और लिंग भेदभाव को खत्म करने का एकमात्र तरीका शिक्षा ही है। एक शिक्षित महिला हर तरह से देश के विकास में अपना योगदान देने में समर्थ होगी। वह अपने साथ साथ अपने परिवार को भी आर्थिक रूप से संभाल सकती है। एक लड़की एक शिक्षा प्राप्त करने से एक पूरा परिवार शिक्षित होता है। और एक शिक्षित परिवार एक पढ़े लिखे समाज का निर्माण कर सकता है। महिलाओं के आर्थिक रूप से मजबूत होने से देश की आर्थिक व्यवस्था भी मजबूत होगी।
वर्षो से महिलाओं पर अत्याचार किया जा रहा है जिसे वें अपनी किस्मत या भाग्य समझ कर सहती रहती है। शिक्षा से ही महिलाओं को अपने अधिकारों का ज्ञान होता है जिससे वे अपने पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ़ आवाज़ उठा सकती है। अपने साथ साथ वें अन्य किसी और महिला की भी सहायता कर सकती है।
महिलाओं को सही शिक्षा दी जाए तो वें डॉक्टर, वकील, वैज्ञानिक, शिक्षक आदि बन सकती है। महिलाओं को शिक्षा का पूरा अधिकार है। और ये ज़िमेदारी हम सभी की है की हर लड़की को शिक्षा प्राप्त हो।