दिल्ली की पहली महिला विपक्ष की नेता बनीं आतिशी, रचा इतिहास

आम आदमी पार्टी की नेता और कालकाजी विधायक आतिशी बनीं दिल्ली विधानसभा में पहली महिला विपक्ष की नेता। जानिए उनके राजनीतिक सफर, शिक्षा और इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में।

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Vaishali Garg
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Atishi Takes Charge as Delhi's New Chief Minister

आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता और कालकाजी से विधायक आतिशी ने इतिहास रच दिया है। उन्हें दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता (Leader of Opposition) चुना गया है, जिससे वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला नेता बन गई हैं। इस ऐतिहासिक मौके पर उन्होंने कहा, "मैं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी। जनता ने हमें विपक्ष की भूमिका दी है और हम एक मजबूत विपक्ष साबित होंगे।"

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दिल्ली में पहली बार ऐसा हुआ है कि मुख्यमंत्री और विपक्ष की नेता दोनों ही महिलाएं हैं। भाजपा की रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि आम आदमी पार्टी ने आतिशी को विधानसभा में विपक्ष का नेतृत्व सौंपा।

कौन हैं आतिशी ?

आतिशी सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि एक शिक्षाविद, समाजसेवी और नीति विशेषज्ञ भी हैं। वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा और रोड्स स्कॉलर रह चुकी हैं। उनके पास कई अहम विभागों में काम करने का अनुभव है।

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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के सुधार में आतिशी की अहम भूमिका रही है। उन्होंने मध्य प्रदेश में जैविक खेती और शिक्षा प्रणाली पर भी व्यापक रूप से काम किया है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से रोड्स स्कॉलर और चीवनिंग स्कॉलरशिप प्राप्त करने वाली आतिशी ने हमेशा से शिक्षा को सामाजिक उत्थान का साधन माना है।

"यह शिक्षा ही है जो महिलाओं को डिजिटल और वित्तीय रूप से सशक्त बनाएगी," आतिशी ने यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि शिक्षा कैसे तकनीकी और राजनीतिक क्षेत्र में लिंगभेद को समाप्त कर सकती है।

तकनीक और राजनीति में महिलाओं की भागीदारी

आतिशी का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में तकनीक ने राजनीतिक विमर्श को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दिल्ली की राजनीतिज्ञ के रूप में अपने चुनाव प्रचार के दौरान तकनीक के उपयोग पर बात करते हुए, उन्होंने कहा कि "तकनीकी साधनों ने राजनीतिक संवाद को बढ़ावा दिया है, लेकिन इसका उपयोग और प्रभाव क्षेत्र के अनुसार भिन्न होता है।"

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हालांकि, तकनीक के बढ़ते प्रभाव के बावजूद, डिजिटल विभाजन एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है। आतिशी ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में आज भी सरकारी स्कूलों के बच्चे ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच नहीं बना पा रहे हैं, जबकि निजी स्कूलों में ऐसा संभव है।

राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का महत्त्व

आतिशी का कहना है कि "अगर देश की युवा महिलाएं राजनीति में आएं तो अगले 20 सालों में भारत एक पूरी तरह से बदल सकता है।" वह महिलाओं को प्रोत्साहित करती हैं कि वे राजनीति में शामिल हों और अपने अधिकारों के लिए लड़ें।

शिक्षा से मिलेगा सशक्तिकरण

आतिशी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं और हाशिये पर मौजूद समुदायों के लिए शिक्षा ही स्वतंत्रता का रास्ता है। अगर महिलाएं शिक्षित होंगी, तो ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योग और सहकारी समितियां भी तेजी से बढ़ेंगी।

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