महिलाएं ही क्यों रोकती हैं एक-दूसरी का रास्ता? डॉ. शमोलि खेरा ने नई किताब में किया खुलासा

डॉ. शमोलि खेरा की नई किताब 'Letters to Daughters of Tomorrow' में महिलाओं की चुनौतियों, सशक्तिकरण और नेतृत्व पर चर्चा की गई है। जानें कैसे महिलाएं एक-दूसरे को समर्थन देकर समाज की सीमाओं को पार कर सकती हैं।

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Vaishali Garg
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Do Women Hold Other Women Back In Workplace

"आज अगर हम वर्तमान पीढ़ी की महिलाओं को सशक्त करते हैं, तो हम कल की बेटियों के लिए आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं," डॉ. शमोलि खेरा कहती हैं। डॉ. शमोलि खेरा, एक लेखिका, टीवी प्रजेंटर और TEDx स्पीकर, महिलाओं की चुनौतियों और उनके सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रस्तुत करती हैं। उनकी नई किताब 'Letters to Daughters of Tomorrow' में उन्होंने महिलाओं की समस्याओं और आत्मनिर्भरता पर विचार व्यक्त किए हैं।

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महिलाएं ही क्यों रोकती हैं एक-दूसरी का रास्ता? डॉ. शमोलि खेरा ने नई किताब में किया खुलासा

महिलाओं का नेतृत्व और समानता

डॉ. खेरा का मानना है कि “टैलेंट और सफलता किसी जेंडर पर निर्भर नहीं होते।” वे मानती हैं कि महिलाओं को पुरुषों की तरह बराबरी का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं को समान अधिकारों के लिए अब आभारी महसूस नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने अधिकार समझकर जीवन जीना चाहिए।

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क्या महिलाएं प्राकृतिक रूप से बेहतर नेता होती हैं?

डॉ. खेरा ने अपनी किताब में एक विचार-provoking सवाल उठाया है: क्या महिलाएं प्राकृतिक रूप से बेहतर नेता होती हैं? वे कहती हैं कि महिलाओं में सहानुभूति और संवेदनशीलता जैसे गुण होते हैं, जो एक सफल नेता बनने के लिए अनिवार्य हैं।

क्वीन बी सिंड्रोम और बहनापे की कमी

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डॉ. खेरा ने 'Queen Bee Syndrome' पर भी चर्चा की है, जिसमें कुछ महिलाएं अन्य महिलाओं को बढ़ने का मौका नहीं देतीं। उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं एक-दूसरे का समर्थन करें, तो वे एक मज़बूत सिस्टरहुड बना सकती हैं जो भविष्य की पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन सकती है।

समानता की तरफ बढ़ते कदमों का जश्न

डॉ. खेरा मानती हैं कि हमें पुरुषों का भी धन्यवाद देना चाहिए जो महिलाओं के सशक्तिकरण के इस बदलाव को स्वीकार कर रहे हैं। वे कहती हैं, “हमारी लड़ाई पुरुषों के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज की पाबंदियों के खिलाफ है।”

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शादी नहीं, विवाह की तैयारी

डॉ. खेरा ने एक अध्याय में "शादी नहीं, विवाह की योजना बनाएं" के विचार पर जोर दिया है। वे कहती हैं कि विवाह सिर्फ एक रस्म नहीं बल्कि एक लंबी साझेदारी होती है, जिसमें आपसी समझ, उम्मीदें और वित्तीयजिम्मेदारियों पर चर्चा होना जरूरी है।

वित्तीय स्वतंत्रता का महत्व

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डॉ. खेरा ने महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता का महत्व समझने के लिए प्रेरित किया है। उनका मानना है कि अगर लड़कियों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने की शिक्षा दी जाए, तो वे विवाह से आगे भी अपने भविष्य को संवार सकेंगी।

डॉ. शमोलि खेरा की यह किताब महिलाओं को न केवल सशक्त बनने बल्कि एक-दूसरे का समर्थन करने की प्रेरणा देती है।