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Gen Z's Take On Relationships: रिश्तों की नई परिभाषा, आज की युवा पीढ़ी की जुबानी

आज की युवा पीढ़ी के दिल की बात! Gen Z लड़कियां बता रही हैं रिश्तों के बारे में अपनी राय। ब्रेकअप से लेकर कम्युनिकेशन तक, जानिए उनका नज़रिया।

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Vaishali Garg
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Gen Z's Take on Relationships

Gen Z's Take on Relationships: रिश्ते - दो दिलों का मिलन, दो व्यक्तित्वों का समागम। सदियों से इस पवित्र बंधन को लेकर हमारे समाज में कई मान्यताएं और परंपराएं रची-बसी रही हैं। लेकिन आज के दौर में, जब हर चीज़ तेज़ी से बदल रही है, क्या रिश्तों की भी एक नई परिभाषा लिखी जा रही है?

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इस सवाल के जवाब की तलाश में, मैंने कुछ युवा लड़कियों से बात की। वे लड़कियां, जिनकी उम्र Gen Z की है - वो पीढ़ी जो डिजिटल युग की देन है और जिसने सोशल मीडिया पर प्यार का एक नया आयाम देखा है। उनकी बातें सुनकर मुझे हैरानी भी हुई और एक नई समझ भी मिली।

क्या इन युवा दिमागों ने रिश्तों को लेकर सचमुच एक नई सोच तैयार की है? आइए जानते हैं...

रिश्तों की नई परिभाषा, आज की युवा पीढ़ी की जुबानी

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टेंशन मत लो, यार!

श्रुति कहती है, “आजकल के रिश्ते बहुत कम्पटीशन वाले हो गए हैं। हर कोई परफेक्ट दिखाने की कोशिश करता है। लेकिन सच तो ये है कि हर किसी की ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं। मेरा मानना है कि रिश्ते को लेकर इतना तनाव लेने की ज़रूरत नहीं है। हां, कोशिश करनी चाहिए कि रिश्ता अच्छा रहे, लेकिन अगर चीज़ें नहीं बन रही हैं तो उस पर ज़्यादा ज़ोर देने से अच्छा है कि अपने आप पर ध्यान दें। खुद को खुश रखना सबसे ज़रूरी है।"

ब्रेकअप? कोई बात नहीं!

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श्रेया कहती है, “बचपन से हमें ये सिखाया गया कि एक बार रिश्ता बन गया तो उसे किसी भी कीमत पर बचाना चाहिए। लेकिन क्या वाकई ऐसा ही होना चाहिए? अगर कोई रिश्ता अपने आप खत्म हो रहा है, तो उस पर रोने-धोने से अच्छा है कि आगे बढ़ा जाए। ज़िंदगी में बहुत कुछ होता है, एक रिश्ता खत्म होना कोई अंत नहीं है। नई शुरुआत करने से डरना नहीं चाहिए।"

बातचीत ही कुंजी है

दीपाली का मानना है, "अक्सर देखती हूं कि लोग एक-दूसरे को समझने की कोशिश ही नहीं करते। बिना बात किए ही मन में ही मन गुस्सा या दुख जमा करते रहते हैं। मेरा मानना है कि किसी भी रिश्ते की सबसे बड़ी ताकत है ओपन कम्युनिकेशन। दिल की बातें शेयर करना, एक-दूसरे की सुनना, समझने की कोशिश करना - ये सब बहुत ज़रूरी है।"

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अपने आप को जानो

सत्या कहती है, “कई बार हम दूसरे को इतना जानने की कोशिश करते हैं कि खुद को ही भूल जाते हैं। ये ज़रूरी है कि हम खुद को समझें, अपनी पसंद-नापसंद को जानें। जब हमें पता होगा कि हम क्या चाहते हैं, तभी हम सही पार्टनर ढूंढ पाएंगे। और हां, खुद से प्यार करना भी बहुत ज़रूरी है।"

एक-दूसरे को जगह दो

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पलक का कहना है, “"रिश्ते में दो लोग होते हैं, इसका मतलब ये नहीं कि एक-दूसरे के ऊपर ही पूरी दुनिया टिकी है। हर किसी की अपनी ज़िंदगी, अपने दोस्त, अपने सपने होते हैं। ये ज़रूरी है कि हम अपने पार्टनर को अपनी पर्सनल स्पेस दें। साथ ही, हमें भी अपनी ज़िंदगी जीने का समय निकालना चाहिए।"

ये पांच बातें, इन पांच युवा लड़कियों की तरफ से, हमें रिश्तों को एक नए नज़रिए से देखने पर मजबूर करती हैं। ये बातें न सिर्फ युवाओं के लिए, बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए प्रासंगिक हैं। आइए, इन बातों को ध्यान में रखते हुए अपने रिश्तों को और मज़बूत बनाएं।

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