प्राची कौशिक ने जागरूकता पैदा करके लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़कर और उनकी उद्यमिता यात्रा शुरू करने में मदद करके लाखों वंचित लोगों के जीवन को प्रभावित किया। प्राची कौशिक का लक्ष्य महिला उद्यमिता को बढ़ावा देकर और मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाकर ग्रामीण भारत को बदलना है इसके लिए उन्होंने एक उद्यमिता पाठ्यक्रम NIESBUD में दाखिला लेने और व्यवसाय चलाने के कौशल सीखा। नतीजतन, वह अब अपने लक्ष्य को बहुत हद तक पूरा कर चुकी हैं।
आपको बता दें की राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD) कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE Skill India) का एक प्रमुख संगठन है, जो प्रशिक्षण, परामर्श, अनुसंधान आदि में लगा हुआ है। प्राची आज इस मुकाम तक पहुंच पाई है की वह अपनी बात कई लोगों के सामने कह पाती है उसका श्रेय वह NIESBUD को देती हैं।
प्राची कौशिक व्योमिनी सोशल फाउंडेशन की संस्थापक और निदेशक हैं, जो युवा उद्यमियों द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका उद्देश्य समाज के हाशिए पर पड़े वर्ग (महिलाएं, विकलांग, रिहा किए गए कैदी, निराश्रित, एकल महिलाएं, किशोर, ट्रांसजेंडर आदि) के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है। वह रिहा किए गए कैदियों और जेल के कैदियों को सैनिटरी नैपकिन बनाने का प्रशिक्षण देती हैं ताकि वे अपने इलाके/क्षेत्र में उद्यमी बन सकें।
SheThePeople के साथ खास बातचीत में प्राची ने बताया की कैसे उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर एक एंटरप्रेन्योर बनने का निर्णय लिया, कैसे वह आज कई महिलाओं की मदद करती हैं जो व्यवसाय करने की इच्छुक हैं।
प्रश्न: प्राची जी व्योमिनी क्या है? हमें इसके बारे में थोड़ा विस्तार से बताइए
व्योमिनी सामाजिक रूप से दिमाग वाली महिला उद्यमियों को प्रेरित करती है, शिक्षित करती है और उनका निर्माण करती है जो आय उत्पन्न करती हैं, महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ाती हैं, और सीमांत समुदायों के भीतर सामाजिक प्रभाव और पर्यावरणीय लाभ पैदा करती हैं।
व्योमिनी कार्य, पसंद से भारत में 10 राज्यों में कम आय वाले जलवायु संकट वाले समुदायों के आसपास केंद्रित है। 2017 से व्योमिनी के माध्यम से प्राची ने 10,0000 से अधिक जमीनी स्तर की महिलाओं को स्वास्थ्य जागरूकता के माध्यम से समस्याओं को हल करने और विनिर्माण क्षेत्र में प्रवेश करके ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने का अधिकार दिया है। एक दशक से अधिक समय के बाद, प्राची के काम को जो चीज आगे बढ़ाती है, वह है उनका जुनून।
प्राची का मानना है की जमीनी स्तर पर कमजोर समझी जाने वाली महिलाओं को बदलाव लाने वालों के रूप में विशेष रूप से सबसे कमजोर और जलवायु प्रभावित क्षेत्रों में सशक्त बनाने की अत्यधिक आवश्यकता है।
व्योमिनी द्वारा शुरू की गई पहली परियोजना हरियाणा के झज्जर जिले में मासिक धर्म स्वास्थ्य प्रबंधन कार्यक्रम और 3ए के साथ 360 डिग्री दृष्टिकोण के साथ दिल्ली की मलिन बस्तियों में जागरूकता, पहुंच और एमएचएम की सामर्थ्य थी। समय बीतने के साथ विकास परियोजनाओं को हरियाणा के अन्य जिलों में विस्तारित किया गया और भारत के विभिन्न राज्यों में भी लॉन्च किया गया। एमएचएम कार्यक्रम के तहत बहुत कम समय में 10 लाख महिलाओं को शामिल किया गया।
प्रश्न: आपका लक्ष्य क्या है?
हम "वुमन फर्स्ट प्रॉस्पेरिटी फॉर ऑल" थीम को रखते हुए समाज को स्थायी मॉडल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा दृढ़ विश्वास है की यदि महिलाओं को विकास में सबसे आगे रखा जाता है और यदि उन्हें विकास प्रक्रिया में भाग लेने के अवसर मिलते हैं तो कोई बात नहीं है की सतत विकास लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है। प्राची आगे बताती है की "मुझे समाज में ज्यादा से ज्यादा महिला Entrepreneur को लाना है। समाज के एक बहुत बड़े तबके तक मासिक धर्म के बारे में जानकारी पहुंचाना है"।
प्रश्न: प्राची आप उन महिलाओं से क्या कहेंगी जो एंटरप्रेन्योर बनने की इच्छुक हैं?
इस सवाल का जवाब देते हुए प्राची जी ने कहा की सपने हर किसी को देखने चाहिए लेकिन सपने देखने के साथ-साथ उस सपने को पूरा करने में जो कठिन परिश्रम लगता है उस परिश्रम को भी जरूर करना चाहिए। मेंटली अपने आपको कहें की आप यह कर लेंगे। आप अपने निर्णय खुद से लें, आपको क्या करना है, आपको क्या बनना है, आपको कब शादी करनी है और आपको शादी करनी है की नहीं। जिस दिन आप अपने निर्णय खुद से लेने लगेंगे आप अपने सपनों को साकार कर पाएंगी।