Interview: कौशल भारत (Skill India) या भारत का राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है। इस अभियान के अंतर्गत लोगों बहुत सारी सुविधाएं व अवसर दिए गए हैं। जिसका लोगों को बहुत लाभ हुआ है। इसी की एक लाभकारी समीक्षा दिनेश कापकर हैं। समीक्षा दिनेश कापकर महाराष्ट्र के संभाजी नगर की रहने वाली हैं। कोविड-19 के दौरान समीक्षा दिनेश कापकर के पति ने अपनी नौकरी खो दी और उनकी आजीविका के लिए मुश्किल हो गई, फिर समीक्षा ने जन शिक्षण संस्थान (JSS) से जूट बैग बनाने का कोर्स किया। आपको बता दें की जन शिक्षण संस्थान की योजना जुलाई 2018 में Ministry Of Education (पूर्ववर्ती MHRD) से Ministry of Skill Development and Entrepreneurship (MSDE) को ट्रांसफर्ड कर दी गई थी।
Sameeksha Dinesh Kapkar - A Journey from Homemaker to a Successful Entrepreneur
आज समीक्षा दिनेश कापकर एक सफल उद्यमी हैं, अच्छी आमदनी कमा रही हैं और अपने साथ 25 अन्य लोगों को रोजगार दे रही हैं। आइए जानते हैं समीक्षा दिनेश कापकर ने ShethepeopleTV के साथ इंटरव्यू में अपनी एंटरप्रेन्योरियल जर्नी के बारे में क्या कहा-
प्रश्न: आप हमें अपने बारे में थोड़ा बताएं
इस सवाल का जवाब देते हुए समीक्षा ने जवाब दिया "मेरा नाम समीक्षा दिनेश कापकर है, मैं महाराष्ट्र के संभाजी नगर की रहने वाली हूं, मैं 20 साल से एक ग्रहणी थी लेकिन कोविड-19 के बाद से मैंने जूट बैग बनाने का काम शुरू किया और अब मैं एक उद्यमी हूं। मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि मैं एक व्यवसाय शुरू करूंगी।
प्रश्न: आपने इस प्रकार का व्यवसाय क्यों चुना?
समीक्षा जी ने कभी पहले सोचा ही नहीं था कि वह एक सफल उद्यमी बनेंगी, इस सवाल का उत्तर देते हुए समीक्षा जी ने कहा "जब कोविड-19 का दौर था उस समय बहुत सारे कोर्स चल रहे थे तभी मैंने एक जूट बैग मेकिंग का कोर्स किया और जब मैं कोर्स कर रही थी तब मैंने सोचा यह कुछ नया है और इसमें बहुत बेहतर किया जा सकता है इसलिए फिर मैंने अपने परिवार वालों से भी इस विषय को लेकर बातें की उन्होंने भी मुझे बहुत प्रोत्साहित किया और बस तब से ही मैंने झूठ बैग बनाना शुरू कर दिया था"। कहते हैं ना यदि जीवन में अपनों का साथ मिल जाए तो हम नामुमकिन चीज मुमकिन कर लेते हैं और बस यही समीक्षा जी के साथ भी हुआ।
प्रश्न: उद्यमी बनने के पीछे क्या प्रेरणा थी?
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए समीक्षा जी ने कहा ऐसी कुछ खास प्रेरणा नहीं थी उद्यमी बनने को लेकर। मेरी शादी को 20 साल हो गए हैं और 20 साल से मैं एक ग्रहणी थी लेकिन कोविड-19 के बाद से जो मैंने कार्य शुरू किया, मैंने और भी लोगों से मिली जैसे-जैसे काम आगे बढ़ता गया वैसे-वैसे मैं लोगों को भी इसमें शामिल कर दी गई। समीक्षा ने कभी नहीं सोचा था वह एक उद्यमी बनेंगी और यही बात जब उनसे प्रेरणा को लेकर पूछी गई कि आपको कहां से मिली तब उन्होंने कहा जैसे जैसे उन्होंने काम शुरू किया वैसे वैसे लोगों जुड़ते गए और वह उद्यमी बन गईं। समीक्षा की परिस्थितियां उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा रहे हैं।
प्रश्न: जब आपने यह कार्य शुरू करने का सोचा तब आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
चुनौतियों के विषय में पूछे जाने पर समीक्षा जी ने कहा कि मेरा सबसे बड़ा प्लस्पॉइंट यह था कि मेरे पूरे परिवार का मेरे इस व्यवसाय को लेकर काफी अच्छा सहयोग रहा है, एक ग्रहणी के रूप में मैं 20 साल घर पर ही रही ज्यादा बाहर के कामों में इंवॉल्वमेंट ना रखने के कारण मैं बाहरी दुनिया से उतना अवगत नहीं थी। जब बाहर मैंने शुरुआत की काम करने की तब लोगों से बहुत अजीबोगरीब कमेंट सुनने को मिलते थे। जैसे जहां हमारी जूट बैग बनते हैं वहां पर की महिलाएं यहां क्या करती रहती है या फिर गंदे गंदे कमेंट पास करना महिलाओं पर। समीक्षा जी ने इन चुनौतियों का बहुत ही बखूबी सामना किया उन्होंने पुलिस स्टेशन में ऐसे लोगों की कंप्लेन कराई और उनके साथ काम कर रहीं महिलाओं को सशक्त होना सिखाया।
प्रश्न: आपका गृहिणी से एक सफल उद्यमी तक का सफर कैसा रहा?
गृहिणी से एक सफल उद्यमी तक का सफर के बारे में बात करते हुए समीक्षा जी ने अपने और अपने कार्यकर्ताओं के बीच के रिश्ते के बारे में बात की और बताया कि कैसे समय के साथ-साथ उन्होंने बाहरी दुनिया में लोगों को पहचाना व कैसे अपने हक के लिए लड़ना सीखा और उन लोगों की मदद की जिनको मदद की जरूरत थी अपना फायदा ना देखते हुए। ग्रहणी से उद्यमी तक का सफर समीक्षा के लिए एक रोलर कोस्टर जैसा रहा है, जब उन्होंने यह काम शुरू किया था तब सिर्फ अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया था आज एक सफल व्यवसाय उन्होंने बिल्ड किया है और अपने अंदर 20 से 25 महिलाओं को वह ट्रेनिंग व काम देती हैं।
प्रश्न: उन महिलाओं से आप क्या कहेंगी जो उद्यमी बनने की ख्वाहिश रखती हैं?
"यदि आपने कुछ करने का फैसला कर लिया है तो उस फैसले से कभी पीछे न हटें"-समीक्षा दिनेश कापकर
समीक्षा जी का उन महिलाओं के लिए यह कहना है जो एक उद्यमी बनने की ख्वाहिश रखती हैं की जब आप एक व्यवसाय करने का कोशिश करते हैं तो आपको बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हो सकता है कई बार आपके खुद के घरवाले आपको इस चीज के लिए सपोर्ट ना करें लेकिन इन सब चुनौतियों के बावजूद भी आप अपने फैसले पर अडिग रहें और लोगों को यह प्रूफ करके दिखाएं, अपने आपको यह प्रूफ करके दिखाएं कि आप यह चीज कर सकते हैं।