बायसेक्सुअल का अर्थ है समान एवं विपरीत जेंडर से अट्रैक्ट होना। इसका मतलब एक लड़की दुसरे लड़की से भी अत्त्रक्ट हो सकती है और पुरुष से भी। ऐसे लोग LGBTQIA+ कम्युनिटी का हिस्सा होते हैं।
बायसेक्सुअलिटी को समझना मुश्किल हो सकता है। अक्सर बायसेक्सुअल लोगो को कहा जाता है की वे निर्णय नहीं ले पा रहे हैं की उन्हें क्या पसंद है, पर यह सही नहीं है। पहली बात तो यह है कि अट्रैक्शन और सेक्सुअलिटी पर किसी का नियंत्रण नहीं होता है। यह नेचुरल होता है, और जन्म के साथ ही निर्धारित हो चुका होता है। सेक्सुअलिटी प्यूबर्टी के समय एक्सप्रेस होता है, या समझ आता है।
बायसेक्सुअलिटी के बारे में कुछ चीज़ें:
1. बाईसेक्सुअलिटी एक स्पेक्ट्रम है
साइकोलॉजिस्ट किंस्ली ने सेक्सुअलिटी को समझने के लिए एक स्केल बताया, जिसे अब किंस्ली स्केल कहा जाता है। यह स्केल 0-5+X तक है, जहाँ 0 हेट्रोसेक्सुअल है (100%), और 7 होमोसेक्सुअल या समलैंगिक (100%) है। बीच का अंक, यानी 3-5, बाईसेक्सुअलिटी का संकेत देता है। इस स्केल में अपना अंक निकालने के लिए कुछ प्रश्नों का उत्तर देना पड़ता है। अगर आपका अंक X अत है तो आप एसेक्सुअल हैं। यह एक ग्राफ के रूप में भी दर्शाया जाता है।
2. बाईसेक्सुअल इंसान ‘इंडिसाइसिव’ नहीं है
बाईसेक्सुअल लोगों का अक्सर मज़ाक उदय जाता है, यह कहकर की वह निसंय नहीं ले सकते। यह बिलकुल गलत है।
3. यह फेज नहीं है
बाईसेक्सुअल लोगों को कहा जाता है की उनकी यह अट्रैक्शन एक फेज है, पर ऐसा नहीं है। अगर आप बाईसेक्सुअल हैं तो आप बाइसेक्सुअल ही रहेंगे।
4. अगर आप विपरीत जेंडर को डेट करते हैं, आप स्ट्रैट नहीं होते
एक बाईसेक्सुअल इंसान विपरीत जेंडर के व्यक्ति से प्रेम कर सकता है, या डेट कर सकता है। इससे वह हेट्रोसेक्सुअल या स्ट्रैट नहीं हो जाता।
5. अलग जेंडर के साथ अनुभव अलग हो सकता है
बाइसेक्सुअल व्यक्ति जब विपरीत जेंडर से अट्रैक्ट होता है, या समान जेंडर से अत्त्रक्ट होता है, उसका अनुभव अलग हो सकता है, और कैसा भी अनुभव गलत नहीं है। आपको अलग जेंडर से अलग ‘तरह’ का अट्रैक्शन हो सकता है।
6. किसी एक जेंडर से, दूसरे से अधिक अट्रैक्शन हो सकता है
क्योंकि बाईसेक्सुअलिटी एक स्पेक्ट्रम है, व्यक्ति स्पेक्ट्रम के किस हिस्से में आता है, यह उसपर निर्भर करता है। एक बाइसेक्सुअल व्यक्ति एक जेंडर को ज़्यादा ‘प्रेफर’ क्र सकता है, और यह नॉर्मल है।
7. बाइसेक्सुअल होना और मल्टीपल पार्टनर होना, अलग चीज़े हैं
एक अफवाह है कि बाईसेक्सुअल लोग “लॉयल” नहीं होते, अर्थात उनका एक से ज़्यादा पार्टनर होते हैं। यह सच नहीं है। पोलीअमोरी या पॉलिगामी का बाईसेक्सुअलिटी से संबंध नहीं है। वह व्यक्ति से व्यक्ति पर निर्भर करता है।