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How Society's Viewpoint On Divorce Make Women's life Difficult: समाज का नजरिया तलाक के प्रति अक्सर नकारात्मक होता है, खासकर भारत जैसे पारंपरिक समाज में। लोग तलाक को एक असफलता के रूप में देखते हैं और इसे परिवार की बदनामी का कारण मानते हैं। समाज में अक्सर तलाकशुदा लोगों को हीन भावना से देखा जाता है, खासकर महिलाओं को। उन्हें समाज में फिर से अपनी जगह बनाने में मुश्किलें आती हैं। समाज के इस नकारात्मक नजरिए के कारण लोग तलाक के फैसले को लेने में हिचकिचाते हैं और कई बार असहनीय परिस्थितियों में भी रिश्ते में बने रहते हैं। लेकिन धीरे-धीरे समाज का नजरिया बदल रहा है और लोग तलाक को एक आवश्यक और व्यक्तिगत निर्णय के रूप में देखने लगे हैं।
कैसे तलाक को लेकर समाज का नजरिया महिला के जीवन को मुश्किल बना देता है
चलिए जानते हैं कि कैसे तलाक को लेकर समाज की सोच महिलाओं के जीवन को मुश्किल बना देती है
1.सामाजिक बदनामी
समाज में तलाकशुदा महिला को अक्सर बदनामी का सामना करना पड़ता है, जिससे उनके आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।समाज में तलाकशुदा महिलाओं को अक्सर हीन भावना से देखा जाता है, जिससे उनके आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्हें सामाजिक अलगाव का सामना करना पड़ता है।
2.दुबारा शादी में कठिनाई
तलाकशुदा महिलाओं के लिए दुबारा शादी करना अक्सर मुश्किल हो जाता है, क्योंकि समाज में उन्हें "अच्छी" पत्नी या माँ नहीं माना जाता।समाज में तलाकशुदा महिलाओं को अक्सर दूसरी शादी के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है, जिससे उन्हें अपने लिए सही साथी ढूंढने में मुश्किलें आती हैं। लोग अक्सर तलाकशुदा महिलाओं को लेकर नकारात्मक धारणाएं रखते हैं, जैसे कि वे अपने पहले पति के साथ जीवन नहीं बना पाईं या वे अच्छी पत्नी नहीं हैं।
3.परिवार का दबाव
परिवार के सदस्य अक्सर तलाकशुदा महिला पर दबाव डालते हैं कि वे अपने पति के साथ रहें, भले ही उनके रिश्ते में कितनी भी समस्याएं क्यों न हों।इससे महिलाओं को अपने जीवन के निर्णय लेने में मुश्किलें आती हैं और वे अपने भविष्य के बारे में अनिश्चितता महसूस करती हैं
4.आर्थिक समस्याएं
तलाक के बाद महिलाओं को अक्सर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, खासकर अगर वे अपने पति पर आर्थिक रूप से निर्भर थीं।तलाक के बाद महिलाओं को अक्सर अपने पति से आर्थिक सहायता नहीं मिलती है, जिससे उन्हें अपने जीवनयापन के लिए संघर्ष करना पड़ता है। यदि वे नौकरी नहीं करती हैं या उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, तो उन्हें अपने बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है।
5.सामाजिक समर्थन की कमी
तलाकशुदा महिलाओं को अक्सर सामाजिक समर्थन की कमी का सामना करना पड़ता है, जिससे वे अपने जीवन को फिर से बनाने में मुश्किलों का सामना करती हैं।इसके अलावा, सामाजिक समर्थन की कमी के कारण महिलाएं अपने अधिकारों और स्वतंत्रता का प्रयोग करने में भी मुश्किलें आती हैं। सामाजिक समर्थन की कमी महिलाओं को अपने जीवन के निर्णय लेने में भी असमर्थ बना सकती है, जिससे वे अपने भविष्य के बारे में अनिश्चितता महसूस करती हैं।
इन सभी कारणों से, तलाक को लेकर समाज का नजरिया महिला के जीवन को मुश्किल बना देता है और उन्हें अपने जीवन को फिर से बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।