Breast Talks: क्या सिर्फ़ एक साइज के ब्रेस्ट लगते हैं अच्छे? जानिए लोगों में बढ़ती इनसिक्योरिटी

किसी एक चीज़ को आधार या आदर्श बना लेना सभी के लिए सही नहीं होता है। पुराने समय से महिलाओं के शरीर को एक आइडल शरीर से तुलना करके बुरा फील कराया जाता है। सबका अपना शरीर है अपना साइज है। कोई किसी के जैसा नहीं है।

author-image
Anjali Mishra
New Update
Breast size

Breast size Photograph: (Freepik)

Know the insecurity between women about breasts: महिलाओं के शरीर को लेकर समाज की राए बेहद सीमित और अस्वस्थ होती जा रही हैं। ब्रेस्ट साइज़ को लेकर फैलती यह सोच कि सिर्फ़ एक ही 'आदर्श' साइज सुंदर होता है, न केवल महिलाओं के आत्मविश्वास को प्रभावित कर रही है, बल्कि एक गहरी इनसिक्योरिटी को भी जन्म दे रही है। लड़कियां कम उम्र से ही अपने शरीर को दूसरों के नजरिए से आंकने लगती हैं, जिससे आत्म-सम्मान और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। हर किसी का शरीर अलग होता है और वो अलग तरीके से बढ़ता है। कोई किसी के जैसा नहीं होता तो किसी के बीच भी कंपैरिजन करना ठीक नहीं है। कई बार इंटरनेट के बहकावे में आके महिलाएं खुद के शरीर को कोसती हैं, खुद के बारे में बुरा सोचने लगती हैं जो उनके मानसिक स्थिति के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। तो चलिए जानते क्या है बढ़ती इनसिक्योरिटी और उसका कारण।

Advertisment

क्या सिर्फ़ एक साइज के ब्रेस्ट लगते हैं अच्छे? जानिए लोगों में बढ़ती इनसिक्योरिटी 

1. सर्जरी और ब्यूटी इंडस्ट्री का इनफ्लुएंस 

बॉलीवुड और ब्यूटी इंडस्ट्री द्वारा हमारी सोसायटी में एक परफेक्ट साइज की तस्वीर पेश कर दी गई है जिससे हर एक महिला जो उसे में फिट नहीं होती उसे अच्छा फील नहीं होता है और वो इनसिक्योर होती है। इंडस्ट्री में सिलिकॉन इंप्लांट्स, ब्रेस्ट एन्हांसमेंट और बूब जॉब जैसे सर्जरीज कहने को कॉन्फिडेंस बढ़ाने वाला है पर असलियत इसके परे है।

Advertisment

2. दूसरों से कंपेयर करना

ज़रूरी नहीं कि जो मोटे हैं या पतले हैं वहीं खुद को दूसरों से कंपेयर करते हैं। हर एक महिला खुद की तुलना दूसरों से करती है जिससे वो खुद में कमी निकाल के उनके बारे में सोचती रहती हैं।

3. सोशल मीडिया से बढ़ावा

Advertisment

अब कुछ बस सोसायटी द्वारा नहीं हो रहा है कुछ चीजें सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल से भी हो रही हैं। इंटरनेट और सोशल मीडिया में दिखने वाले लोग और उनकी बनावट एक अजीब सी इनसिक्योरिटी पैदा कर देती है सभी में जो किसी की भी मानसिक स्थिति खराब कर सकता है

4. सोसाइटी का आदर्श फिगर

हमारी सोसायटी ने हमेशा से ही महिलाओं के एक शरीर की बनावट को आदर्श बनाया है और जो उसमें फिट नहीं होती उन्हें ताने दिए जाते हैं, उन्हें अपने शरीर के बारे में बुरा फील करवाया जाता हैं।

Advertisment

5. मेंटल हेल्थ पर असर

महिलाओं में बढ़ती इनसिक्योरिटी उनके मानसिक स्वास्थ पर असर कर रही है जो डिप्रैशन, एंजाइटी का कारण बन रही है। महिलाएं अपने शरीर को अपनाने को तैयार नहीं है और दूसरों को अपना आदर्श मानती हैं। ज़रूरत है हर महिला को खुद को जैसे हैं उसी तरह अपनाने की महसूस करने की खुद को।

Insecurity breast women