Advertisment

कांट्रेसेप्शन से जुड़े इन मिथ्स पर आपको बिल्कुल भरोसा नहीं करना चाहिए

author-image
Swati Bundela
New Update
भारत में अभी भी सेक्स एजुकेशन को स्कूल करिकुलम का हिस्सा नहीं बनाया गया है। इसलिए शायद हम में से कई लोग अभी भी इंटरनेट की सुविधा से इस विषय की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। हमारे पास इस विषय के ज्ञान का अभाव तो है ही और साथ ही हम कई झूठी और गलत बातों पर भी भरोसा करने लगते हैं।

Advertisment


सच तो यह है कि किसी ने समय निकालकर, हमारे साथ बैठ कर हमें बताया ही नहीं कि सच क्या है और झूठ क्या। आइए जानें डॉ वरुणा श्रीनिवासन से कि कांट्रेसेप्शन को लेकर क्या मिथ्स हैं

मिथ 1 - 2 कॉन्डम्स 1 से बेहतर होते हैं कांट्रेसेप्शन से जुड़े मिथ्स 

Advertisment


अगर आप एक ही कॉन्डम का इस्तेमाल अच्छे से करते हैं, मतलब कॉन्डम के टॉप पर बबल है और आप उसे अच्छे से नीचे तक स्ट्रेच कर रहे हैं, लुब्रिकेंट का यूज कर रहे हैं, तो एक ही कॉन्डम काफी है। आपको 2 कॉन्डम्स की आवश्यकता नहीं है। यह भी जरूरी नहीं है कि 2 कॉन्डम्स 1 से बेहतर ही हो।

मिथ 2 - 2 कॉन्डम्स से ब्रेकेज हो सकता है

Advertisment


यह भी हर बार सच नहीं होता। यह तभी सच है जब आप कोई ऑयल बेस्ड कॉन्डम का इस्तेमाल कर रहे हैं। हां, ऑयल बेस्ड कॉन्डम ब्रेक हो सकते हैं। कॉन्डम का सबसे जरूरी यूज तो यही है कि वो हमें STIs और प्रेग्नेंसी से बचाए।

Advertisment

मिथ 3 - बर्थ कंट्रोल से STIs नहीं होते कांट्रेसेप्शन से जुड़े मिथ्स



बर्थ कंट्रोल एक हार्मोनल कांट्रेसेप्टिव होता है। इस पिल को आपको रोज एक निर्धारित समय पर लेना होता है, जिससे आप प्रेगनेंसी को प्रीवेंट कर सके। ये आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल के साथ सिंक होती है और कुछ ऐसे हार्मोंस रिलीज करती है जिससे बॉडी की बायोकेमिस्ट्री बदल जाती है और आप प्रेग्नेंट नहीं होते । यह 100% इफेक्टिव नहीं होती है। यह स्किन टू स्किन बैरियर को नहीं रोकती, जो कि STIs होने का सबसे कॉमन तरीका है। इसके साथ हमेशा एक एक्सटर्नल कांट्रेसेप्टिव जैसे कॉन्डम आदि पहनने की सलाह दी जाती है।

Advertisment

मिथ 4 - हर एक कांट्रेसेप्टिव 100% इफेक्टिव होता है



कोई भी कांट्रेसेप्टिव 100% इफेक्टिव नहीं होता है। जब हम किसी भी कांट्रेसेप्टिव के इफेक्टिवनेस की बात करते है, तो हम दो चीजों की बात करते हैं - परफेक्ट यूज और टिपिकल यूज। अगर हम किसी भी कॉन्डम को हर बार परफेक्टली यूज करते हैं, तो वह 98% तक इफेक्टिव होता है। हम सब से गलतियां होती हैं और कॉन्डम को हर बार परफेक्ट तरीके से यूज कर पाना नामुमकिन है। टिपिकल यूज में, कॉन्डम 85% ही इफेक्टिव होता है।

Advertisment

मिथ 5 - आप पीरियड्स में प्रेग्नेंट नहीं हो सकती



यह बात भी गलत है। हालांकि, पीरियड्स में प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं बहुत कम है लेकिन फिर भी थोड़ी बहुत संभावना तो होती ही है। जब आप सेफ सेक्स कर सकते हैं तब क्यों ऐसी रिस्क लेना? अगर फिर भी आपने पीरियड्स में सेक्स करने का निर्णय लिया है, तो आप कॉन्डम का प्रयोग जरूर करें।मिथ 6 - कॉन्डम से प्लेजर कम हो जाता है

Advertisment


यह बात जरूर जाने कि अगर आप प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती है, तो कॉन्डम का उपयोग बहुत बहुत जरूरी है। सेफ सेक्स भी उतना ही जरूरी है जितना की प्लेजरेबल सेक्स। अगर कुछ लोगों को लगता है कि कॉन्डम के प्रयोग से उनकी सेंसटिविटी कम हो रही है पर फिर भी आपको उतना ही प्लेजर मिलता है। पेनेट्रेटिव सेक्स ही सिर्फ एक तरह का सेक्स नहीं होता। बहुत सारे अन्य तरीके भी होते हैं सेक्स करने के और अगर आप क्वियर सेक्स कर रहे हैं तो डेंटल डैम भी उतना ही ज्यादा इफेक्टिव है।



इस बात का ध्यान रखें कि आप सेक्स करते वक्त लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करें, आप कॉन्डम का इस्तेमाल सेफली करें।
हेल्थ सेक्सुअल हेल्थ कांट्रेसेप्शन से जुड़े मिथ्स
Advertisment