Social Issues: भारत में महिलाएं सदियों से सामाजिक असमानता से जूझ रही हैंl जहाँ समाज एक तरफ महिलाओं को देवी का दर्जा देता है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें पुरुषों से कम समझता है। इन मुद्दों का समाधान जरूरी है, क्योंकि यह महिलाओं के अधिकारों को लेकर समाज में असमानता बढ़ाते हैं और उन्हें पीछे की ओर खींचते हैं। महिलाओं के साथ समानता और न्याय की भावना को समाज में बढ़ावा देना चाहिए, ताकि वे भी अपने पूरे पोटेंशियल को पूरा कर सकें और समाज में अपनी जगह बना सकें।
महिलाओं द्वारा सामना किये जाने वाले सामाजिक मुद्दे
1. लिंग भेदभाव (Gender Discrimination)
यह वह जगह है जहाँ महिलाओं को पुरुषों के समान व्यवहार नहीं किया जाता है। उन्हें शिक्षा, रोजगार, पदोन्नति, वेतन आदि के अवसरों से वंचित रखा जा सकता है। लिंगभेद का एक उदाहरण कार्यस्थल पर हो सकता है, जहाँ महिला को समान कार्य के लिए पुरुष से कम वेतन मिलता है या फिर उसे पदोन्नति के लिए नजरअंदाज कर दिया जाता है।
2. शिक्षा की कमी (Lack of Education)
दुनिया भर में, लड़कियों को लड़कों की तुलना में कम स्कूल जाने का मौका मिलता है, इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है और उन्हें अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं चल पाता l शिक्षा की कमी के कारण महिलाओं को आर्थिक रूप से पुरुषों पर निर्भर रहना पड़ सकता है और उन्हें घरेलू हिंसा या शोषण जैसी स्थितियों से निकलने में भी मुश्किल हो सकती है l
3. रेप (Rape)
एक जघन्य अपराध है जो न सिर्फ महिला के शरीर पर हमला है, बल्कि उसके आत्मसम्मान और मानसिक स्थिति पर भी गहरा घाव करता है l इस जघन्य अपराध का सामना करने वाली महिला को कई तरह की सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैl दुर्भाग्य से, हमारे समाज में बलात्कार की पीड़िता को ही अक्सर दोषी माना जाता है l
4. बाल विवाह (Child marraige)
महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा है, इससे उनकी शिक्षा रुक जाती है, स्वास्थ्य बिगड़ता है, घरेलू हिंसा का खतरा बढ़ जाता है और वो आर्थिक रूप से कमजोर हो जाती हैं l अपने सपने पूरे करने का मौका भी उन्हें नहीं मिल पाता और कम उम्र में मां बनने से उनका और उनके बच्चों का स्वास्थ्य भी खतरे में पड़ जाता है l
5. दहेज प्रथा (Dowry System)
महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ी सामाजिक समस्या है, ये रिवाज लड़की के परिवार पर आर्थिक बोझ डालता है और कई बार दहेज की मांग पूरी न होने पर लड़कियों को टॉर्चर किया जाता है और जान से भी मार दिया जाता है l इस दहेज प्रथा के कारण महिलाओं को सम्मान की बजाय बोझ समझा जाता है, दहेज खत्म करने के लिए सख्त कानून तो बनाए गए हैं, लेकिन समाज में फैली इस कुरीति को खत्म करने के लिए लोगों की सोच बदलना भी बहुत जरूरी है l
6. सैनिटाइजेशन (Sanitization)
सफाई का मुद्दा महिलाओं के लिए सामाजिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है, इसकी कई वजह हैं- सबसे पहले, सुरक्षित और साफ शौचालयों की कमी महिलाओं की सुरक्षा को खतरे में डालती हैl खासकर रात के समय, बाहर शौच के लिए जाने पर उन्हें हरासमेंट का शिकार होना पड़ सकता है l दूसरी समस्या माहवारी के दौरान साफ-सफाई से जुड़ी है, कई जगहों पर पीरियड्स पर विचार नहीं किया जाता है, जिससे महिलाओं को साफ-सुथरे रहने में परेशानी होती हैl साथ ही, गंदगी के कारण संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है l इसलिए, सफाई की सुविधा न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है l