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UP महिला ने दी योगी को चुनौती : COVID-19 की स्थिति हमारे देश में और भी खराब होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के काफी अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई में भारी कमी की शिकायतें आ रही है और इस वजह से वहां पर भर्ती बहुत सारे लोगों की जान को खतरा है।
पिछले हफ्ते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की थी कि यूपी के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई बराबर है और जो भी 'एंटी सोशल एलिमेंट्स' है जो यह "प्रोपेगेंडा" ऑनलाइन फैला रहे हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
सीएम योगी को खुलेआम चुनौती देती हुई एक महिला वायरल वीडियो में कहती है कि लखनऊ के अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है और मेरे पिताजी चल बसे जब उनके ऑक्सीजन लेवल बहुत ज्यादा कम हो गए।
"मैंने ₹4,70,000 दिए परंतु फिर भी मेडिकल अधिकारियों को यह तक नहीं पता कि मेरे पिता के कौन से टेस्ट हो गए हैं और कौन से नहीं",महिला ने कहा यह उस क्लिप में कहा जो रिटायर्ड IAS ऑफिसर सूर्य प्रताप सिंह द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई।
"इस अस्पताल में आज ऑक्सीजन सप्लाई दो बार खत्म हो चुका है। मेरे पिता का ऑक्सीजन लेवल 6 पर था। यहां पर हैंड-पंप ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी एक दिन की रेट ₹40,000 है" महिला ने वेदना व्यक्त करते हुए कहा। "योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जो लोग ऑक्सीजन की कमी के खिलाफ शिकायत करेंगे उनसे शुल्क लिया जाएगा…... मैं यहां खड़ी हूं। करिए"।
शीदपीपल अकेले ही इस वीडियो की सच्चाई की जांच पड़ताल में असमर्थ रहा
द हिंदू के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ एक कॉन्फ्रेंस करी और इस बात का दावा किया कि प्रदेश के किसी भी COVID-19 अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने प्राधिकारियों को आदेश दिया कि जो भी लोग ऑनलाइन इसकी शिकायत करें, उन्हें नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत बुक किया जाए और उनकी संपत्ति को जब्त किया जाए।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस केस को सुनकर कहा, "अगर नागरिक अपनी तकलीफ सोशल मीडिया और इंटरनेट के द्वारा कम्युनिकेट कर रहे हैं, तो यह नहीं कहा जा सकता कि वह जानकारी गलत है"।
कई सारे अस्पताल और डॉक्टर को ऑक्सीजन सप्लाई के गैप को कवर करने के लिए पब्लिक में अपील करनी पड़ी। द टेलीग्राफ के अनुसार, लखनऊ का टेंडर पाम अस्पताल, महिला का वायरल वीडियो जहां का बताया जा रहा है, वहां मंगलवार और बुधवार के बीच करीब 8 मरीजों को ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई ।
पिछले हफ्ते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की थी कि यूपी के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई बराबर है और जो भी 'एंटी सोशल एलिमेंट्स' है जो यह "प्रोपेगेंडा" ऑनलाइन फैला रहे हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
सीएम योगी को खुलेआम चुनौती देती हुई एक महिला वायरल वीडियो में कहती है कि लखनऊ के अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है और मेरे पिताजी चल बसे जब उनके ऑक्सीजन लेवल बहुत ज्यादा कम हो गए।
"मैंने ₹4,70,000 दिए परंतु फिर भी मेडिकल अधिकारियों को यह तक नहीं पता कि मेरे पिता के कौन से टेस्ट हो गए हैं और कौन से नहीं",महिला ने कहा यह उस क्लिप में कहा जो रिटायर्ड IAS ऑफिसर सूर्य प्रताप सिंह द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई।
"इस अस्पताल में आज ऑक्सीजन सप्लाई दो बार खत्म हो चुका है। मेरे पिता का ऑक्सीजन लेवल 6 पर था। यहां पर हैंड-पंप ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी एक दिन की रेट ₹40,000 है" महिला ने वेदना व्यक्त करते हुए कहा। "योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जो लोग ऑक्सीजन की कमी के खिलाफ शिकायत करेंगे उनसे शुल्क लिया जाएगा…... मैं यहां खड़ी हूं। करिए"।
शीदपीपल अकेले ही इस वीडियो की सच्चाई की जांच पड़ताल में असमर्थ रहा
UP महिला ने योगी को चुनौती दी जब उन्होंने ऑक्सीजन "प्रोपेगेंडा" के खिलाफ एक्शन लेने की चेतावनी दी
द हिंदू के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ एक कॉन्फ्रेंस करी और इस बात का दावा किया कि प्रदेश के किसी भी COVID-19 अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने प्राधिकारियों को आदेश दिया कि जो भी लोग ऑनलाइन इसकी शिकायत करें, उन्हें नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत बुक किया जाए और उनकी संपत्ति को जब्त किया जाए।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस केस को सुनकर कहा, "अगर नागरिक अपनी तकलीफ सोशल मीडिया और इंटरनेट के द्वारा कम्युनिकेट कर रहे हैं, तो यह नहीं कहा जा सकता कि वह जानकारी गलत है"।
कई सारे अस्पताल और डॉक्टर को ऑक्सीजन सप्लाई के गैप को कवर करने के लिए पब्लिक में अपील करनी पड़ी। द टेलीग्राफ के अनुसार, लखनऊ का टेंडर पाम अस्पताल, महिला का वायरल वीडियो जहां का बताया जा रहा है, वहां मंगलवार और बुधवार के बीच करीब 8 मरीजों को ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई ।