Domestic Violence: महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना क्यों है जरूरी

घरेलु हिंसा एक ऐसा अपराध है जिसके खिलाफ अवाज हर महिला को उठानी चाहिए। ये महिला को शारीरिक के साथ मानसिक और भावनात्मक चोट देता है और चुप रहने के कारण कई बार ये बढ़ते बढ़ते प्रताड़ना का रूप ले लेती है।

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Simran Kumari
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what to do if husband commits domestic voilence

Photograph: (File Image )

Why is it important for women to raise their voice against domestic violence: कहते है एक महिला अपने घर पर भी सुरक्षित नहीं है। घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है। घरेलू हिंसा कहीं न कहीं एक महिला एक महिला को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक चोट देती है। ये केवल शोषण तक सीमित नहीं बल्कि ये इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना है, जिसका असर एक महिला पर पूरी जिंदगी रहता है। कई बार ऐसा देखने को मिलता की महिलाएं डर या शर्म के मारे इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा पाती और सामाजिक दवाब का शिकार हो जाती है। कई बार अगर महिला आवाज उठाने की कोशिश करती है तो समाज उसके आवाज को दबाने की कोशिश करता है। जिस समाज में आज भी महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है, उसके के लिए ये एक धब्बे के समान है। ये एक ऐसी गंभीर स्थिति है जिसमें पीड़ित महिला की चुप्पी उसे अंदर ही अंदर तक उसे तोड़ देती है। अगर घर के बच्चों के सामने ये होता है तो उनपर इसका बहुत ही ज्यादा नकारात्मक असर पड़ता है। आज की 21वीं सदी में जहां हम नारी सशक्तिकरण की बात करते है, फेमिनिज्म की बात करते है, ऐसे में एक महिला को सम्मान और सुरक्षा के साथ जीने का पूरा हक है। ऐसे में घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना न सिर्फ एक जरूरत है बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है। आइए जानते है ये इतना जरूरी क्यों है?

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महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना क्यों है जरूरी

1. खुद की सुरक्षा के लिए जरूरी है आवाज उठाना

महिला की चुप्पी कहीं न कहीं उसको ज्यादा चोट पहुंचा सकती है। चुप रहना खतरे को बढ़ता है और सामने वाले को मौका देता है कुछ भी गलत करने का। ऐसे में ये जरूरी है कि महिलाएं इसके खिलाफ डटकर खड़ी रहे क्योंकि चुप्पी का मतलब ही अपराध को स्वीकार करने के साथ बढ़ावा देना है।

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2. अन्य पीड़ितों को हिम्मत मिलती है जब कोई सामने आता है

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि महिलाएं सामाजिक दबाव, शर्म, डर और आर्थिक निर्भरता के कारण घरेलू हिंसा को सहती रहती है। लेकिन किसी एक के भी सामने आने से घरेलू हिंसा का सामना कर रही अन्य महिलाओं को हिम्मत होती है, इसके खिलाफ आवाज उठाने की और अपनी स्थिति सबको बताने की। उनको प्रेरणा मिलती है ये बता सकती है तो मैं क्यों नहीं।

3. कानूनी सहायता और न्याय तभी संभव है जब हिंसा रिपोर्ट की जाए

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भारतीय न्याय संहिता में घरेलु हिंसा के खिलाफ घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 है। लेकिन इसका फायदा तभी उठाया जा सकता है जब महिला इसके खिलाफ केस दर्ज करेगी, तभी कानून भी पीड़िता की मदद कर पाएगा। बिना मामला दर्ज किए न पुलिस मदद करेगी न कोर्ट।

4. खामोशी अपराधी को और मजबूत बनाती है

अगर महिला चुप है तो हिंसा करने वाले को लगता है कि उसको रोकने वाला कोई नहीं है और वो कुछ भी कर सकता है। ऐसे में उसको और हिम्मत मिलती है। चुप्पी के कारण शब्दों से शुरू हुए घरेलू हिंसा को कब शारीरिक चोट और प्रताड़ना तक पहुंचा देती है इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। इसलिए खामोशी को तोड़ना जरूरी है ताकि सामने वाले को सजा मिल सके।

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5. अच्छे समाज निर्माण के लिए रोक लगाना जरूरी है

एक अच्छे समाज की पहचान है सबकी सुरक्षा, सबका सम्मान। घरेलू हिंसा किसी समाज के लिए धब्बे से कम नहीं है। इससे घर के बच्चे से लेकर हर कोई की मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है। ऐसे में अच्छे समाज निर्माण के लिए जरूरी है कि घरेलू हिंसा जैसी घिनौनी घटना पर रोक लगाया जाए और इसके खिलाफ आवाज उठाई जाए।

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