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Period Talks: हम पीरियड्स के बारे में खुलकर बात क्यों नहीं करते?

इश्यूज: हम पीरियड्स के बारे में खुलकर बात नहीं करते क्योंकि हमारे समाज में इसे शर्मनाक और अपवित्र माना जाता है। शिक्षा और जागरूकता की कमी, शर्म और झिझक और पारिवारिक और सामाजिक समर्थन का अभाव इसके प्रमुख कारण हैं।

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Trishala Singh
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Silence at period talk

(Credits: Pinterest)

Why Is There Hesitation to Talk About Periods: पीरियड्स, या मासिक धर्म, महिलाओं के जीवन का एक सामान्य और प्राकृतिक हिस्सा है, फिर भी इसके बारे में समाज में खुलकर बात करना आज भी एक चुनौती बनी हुई है। मासिक धर्म के विषय पर बात करने से जुड़ी झिझक, शर्म और चुप्पी का मुख्य कारण सामाजिक और सांस्कृतिक धारणाएं हैं। यहां कुछ प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं कि हम पीरियड्स के बारे में खुलकर बात क्यों नहीं करते।

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Period Talks: हम पीरियड्स के बारे में खुलकर बात क्यों नहीं करते?

1. सामाजिक और सांस्कृतिक वर्जनाएँ (Social and Cultural Taboos)

पीरियड्स के बारे में खुलकर बात न करने का सबसे बड़ा कारण सामाजिक और सांस्कृतिक वर्जनाएँ हैं। हमारे समाज में मासिक धर्म को अपवित्र और शर्मनाक माना जाता है। यह धारणा पुरानी रूढ़ियों और अंधविश्वासों पर आधारित है, जो हमें यह मानने पर मजबूर करती है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं अशुद्ध होती हैं और उन्हें अलग-थलग रहना चाहिए। इन वर्जनाओं के कारण लड़कियाँ और महिलाएं अपने अनुभवों को छिपाने पर मजबूर हो जाती हैं।

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2. शिक्षा और जागरूकता की कमी (Lack of Education and Awareness)

हमारे समाज में मासिक धर्म के बारे में शिक्षा और जागरूकता की कमी भी एक बड़ा कारण है। स्कूलों और घरों में इस विषय पर खुलकर बात नहीं की जाती, जिससे लड़कियाँ अपनी समस्याओं और सवालों को साझा करने में हिचकिचाती हैं। यह शिक्षा की कमी उन्हें पीरियड्स के बारे में मिथकों और गलतफहमियों का शिकार बनाती है। सही जानकारी के अभाव में, लड़कियाँ और महिलाएं अपने शरीर के इस प्राकृतिक प्रक्रिया को समझ नहीं पातीं और इसे एक बोझ के रूप में देखने लगती हैं।

3. शर्म और झिझक (Shyness and Hesitation)

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पीरियड्स के बारे में बात करने से जुड़ी शर्म और झिझक भी एक बड़ा कारण है। हमारे समाज में इसे एक निजी और गुप्त मुद्दा माना जाता है। इस विषय पर खुलकर बात करने से लोग असहज महसूस करते हैं और महिलाओं को भी अपने अनुभव साझा करने में संकोच होता है। यह झिझक और शर्म उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए मदद मांगने से रोकती है।

4. स्वास्थ्य समस्याएँ (Health Issues)

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि दर्द, अनियमित पीरियड्स, और अत्यधिक रक्तस्राव। इन समस्याओं के बारे में खुलकर बात न करने से महिलाएं सही समय पर चिकित्सा सहायता नहीं ले पातीं। इसके परिणाम से उनकी समस्याएं और बढ़ जाती हैं और उनका स्वास्थ्य प्रभावित होता है। 

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5. पारिवारिक और सामाजिक समर्थन का अभाव (Lack of Family and Social Support)

महिलाओं को मासिक धर्म के बारे में खुलकर बात करने के लिए पारिवारिक और सामाजिक समर्थन की आवश्यकता होती है। जब परिवार और समाज इस विषय पर खुलकर बात नहीं करते, तो महिलाएं भी अपनी समस्याओं और अनुभवों को साझा करने में संकोच करती हैं। इस समर्थन के अभाव में, वे अपने अनुभवों को दबा कर रखती हैं और मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना करती हैं।

हमें इस सोच को बदलने की जरूरत है। पीरियड्स के बारे में खुलकर बात करने से महिलाएं अपनी समस्याओं और अनुभवों को साझा कर सकती हैं, जिससे उन्हें सही समय पर सहायता मिल सकेगी। शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों और घरों में इस विषय पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। परिवार और समाज को महिलाओं का समर्थन करना चाहिए ताकि वे अपने अनुभवों को साझा कर सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें। 

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