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क्यों महिलाएं दूसरी महिलाओं को स्लट शेम करती हैं?

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Swati Bundela
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क्यों एक महिला दूसरी महिला के साथ स्लट शेमिंग करती है? क्या ये पुरानी कहावत सही है कि एक औरत ही दूसरी औरत की सबसे बड़ी दुश्मन है? क्या आपने कभी सोचा है कि नारीवाद की प्रगति पर इसका क्या असर पड़ता है? क्यों स्लट शेमिंग कल्चर इतना बढ़ रहा है?

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हम सभी जानते हैं कि पुरुष महिलाओं को स्लट शेम करते आए हैं परंतु अगर हम गौर से देखें तो पता चलता है कि केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी अब महिलाओं को स्लट शेम करने लगी हैं। "उसके शॉर्ट्स कितने टाइट हैं, तुम्हें नहीं लगता उसे कुछ और पहन के आना चाहिए था?, वह लड़का तो कितना अच्छा है, वह उसके साथ ऐसी नीच हरकत कैसे कर सकता है? शायद उस लड़की ने ही ऐसा करने के लिए मजबूर किया होगा, देखो तो वह कैसे चल रही है, यह तो कितनी अटेंशन सीकर है" और न जाने क्या-क्या कमेंट्स सुनने को मिलते हैं।

स्लट शेम एक सीरियस मुद्दा

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जब महिलाओं को स्लट शेम किया जाता है, तो इसे एक 'हार्मलेस गॉसिप' की तरह माना जाता है। परंतु यह महिलाओं के खिलाफ कई जजमेंट्स और स्टीरियोटाइप्स को बढ़ावा देता है। लालची, मतलबी, बेशर्म औरत आदि कहा जाता है। क्या यह सब पुरुषप्रधान समाज और उसकी गलत सोच के कारण हुआ है? क्या एक महिला अपनी जिंदगी कैसे जीती है इस पर सवाल करने का हमें हक है? तो कैसे इस टॉक्सिक सिस्टम को तोड़ा जाए या खत्म किया जाए?

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इंटरनेट और सोशल मीडिया का रोल



इंटरनेट और सोशल मीडिया पर तो रोज ही किसी न किसी लड़की को स्लट शेम किया जाता है। लड़कियां एक-दूसरे के पीठ पीछे बुराइयां करती हैं। वे दूसरी लड़कियों के कपड़ों, चाल, और बाहरी रूप-रंग की बुराइयां करती है। क्या इसका एक कारण एक दूसरे से जलन हो सकता है? इंटरनेट की वजह से ही आज औरतों के साथ स्लट शेमिंग बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर रोज किसी को गंदे या हीन कॉमेंट्स या डीएम करना, किसी की फोटो या वीडियो को फोटोशॉप करके वायरल करना, यह सब कई हद तक बढ़ गया है।
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फैशन इनफ्लुएंसर और सेलिब्रिटी तो इनका सबसे पहले शिकार बनते हैं। वे क्या कपड़े पहनते हैं, कितनी स्किन दिख रही है या नहीं दिख रही, यह सब उनके फैंस को पता होता है। रोजमर्रा की जिंदगी में भी औरतों पर रोक लगाई जाती है। उन्हें क्या पहनना चाहिए, क्या नहीं पहनना चाहिए कहां जाना है, कब जाना चाहिए और कब लौट कर फिर से घर आना चाहिए, ये सब प्रतिबंधों का सामना वे रोज करती हैं। अगर वे किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर कर रही है तो कौन उन्हें घूर रहा है, कोई उनका पीछा तो नहीं कर रहा आदि का भी सामना करना पड़ता है।

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लड़कियों पर विपरीत प्रभाव



लेकिन हमने कभी सोचा है कि स्लट शेमिंग से एक लड़की पर क्या गुजरती है? शारीरिक और मानसिक रूप से उसे किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है?इंटरनेट पर वायरल फोटोस और वीडियोस के कारण कई लड़कियां सुसाइड कर लेती है। कईयों का घरों से निकलना, किन्हीं जगहों पर जाना सब बंद हो जाता है। उनकी जिंदगी जैसे की चारदीवारी में कैद हो जाती है। तो सोचने वाली बात है कि यह सब करके क्या हासिल होगा? हम इस टॉक्सिक कल्चर को कैसे रोक सकते हैं?



सबसे पहले तो महिलाओं को दूसरी महिलाओं के प्रति अपने रवैये को बदलना होगा। जब आप खुद को दूसरों से कंपेयर करना ही बंद कर देंगे तो शायद काफी चीजें आसान हो सकती है। अपने आप से प्यार करें, अपने आप को एक्सेप्ट करें, तो शायद आपको खुद में कोई कमी नजर ही नहीं आएगी। दूसरों का भी वैसे ही सम्मान कीजिए जैसा कि आप दूसरों से अपेक्षा रखती है।
नारीवाद स्लट शेमिंग
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