Women Laws: आपके अधिकारों से जुड़े ये महिला कानून क्या आप जानती हैं?

हर महिला के लिए उनके अधिकार जानना बहुत जरूरी होता है ताकि अगर कभी उनके अधिकारों को उनसे छीन लिया जाए तो वो न्याय की अपील कर सकें। महिलाओं की रक्षा के बहुत से कानून भारत के संविधान में है।

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Anjali Mishra
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Women laws Photograph: (Freepik)

Women laws that will shock you: भारत में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कई ऐसे कानून बनाए गए हैं, जिनके बारे में जानना हर महिला के लिए बेहद जरूरी है। ये कानून न सिर्फ महिलाओं को समाज में सम्मान दिलाने का काम करते हैं, बल्कि उनके खिलाफ होने वाले अन्याय और भेदभाव से भी उन्हें सुरक्षा देते हैं। कई बार महिलाएं इन कानूनों से अनजान रहती हैं, जिसकी वजह से वे अपने हक के लिए आवाज़ नहीं उठा पातीं। लेकिन अगर इन कानूनों की जानकारी हो, तो महिलाएं न सिर्फ खुद को सुरक्षित महसूस कर सकती हैं, बल्कि अन्याय के खिलाफ भी मजबूती से खड़ी हो सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ महिला कानूनों के बारे में जो न सिर्फ जानकारी बढ़ाएंगे, बल्कि आपको हैरान भी कर सकते हैं। 

आपके अधिकारों से जुड़े ये महिला कानून क्या आप जानती हैं?

1. मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1976

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इसमें हर वो महिला जो प्रेगनेंट है उसे मैटरनिटी लीव लेने का अधिकार है भले ही वो किसी सरकारी जगह काम करती हो या गैर सरकारी। अगर उस महिला ने कंपनी में प्रेगनेंट होने से पूर्व 12 महीने के दौरान 80 दिनों तक काम किया है तो वो इस लीव को लेने की हकदार है। यह एक्ट लाया गया था महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान आराम देने के लिए और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए।

2. पोश एक्ट 2013

ये कानून महिलाओं को वर्क प्लेस पे सेक्सुअल हैरासमेंट से बचाने के लिए बनाया गया है। किसी भी कंपनी में अगर 10 या 10 से ज्यादा लोग हैं तो वहां पर इंटर्नल कंप्लेंट कमिटी का होना जरूरी है। हैरासमेंट की शिकायत आने पर 90 दिन के अंदर उस पर कार्यवाही होनी चाहिए और अगर दोषी पाए गए तो नौकरी से भी निकाला जाना चाहिए।

3. महिला को अरेस्ट करने के नियम

किसी भी महिला को सन सेट के बाद और सन राइस से पहले नहीं अरेस्ट किया जा सकता है। केवल महिला अधिकारी की मौजूदगी में ही उनकी तलाशी ली जा सकती है या अरेस्ट किया जा सकता है। अगर महिला प्रेगनेंट है तो उसे खास सिक्योरिटी में रखा जाएगा।

4. दहेज , 1961

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इस एक्ट के हिसाब से दहेज लेना या देना कानूनी जुर्म है और अगर इसमें दोषी पाए गए तो कम से कम 5 साल की सज़ा सुनाई जाएगी। ये एक्ट इसलिए लाया गया क्योंकि हमारे समाज में दहेज की जड़े बहुत गहरी हैं और इससे छुटकारा पाना आसान नहीं है।

5. प्रोटेक्शन फ्रोम डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट, 2005

इस कानून के तहत महिलाओं को किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा जैसे मारपीट, मानसिक दबाव, सेक्सुअल हैरासमेंट। ये न सिर्फ पत्नी पर बल्कि हर उस महिला पर लागू होता है जो किसी संबंध में रह रही है चाहे वो सास, बहन, या बेटी हो। इसके तहत विक्टिम शिकायत सीधा कोर्ट में भी कर सकती है और गिल्टी पाए जाने पर कोर्ट आरोपी को दूर रहने, खर्चा देने और संबंध न रखने के आदेश दे सकती है।

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