Women Should Know These 5 Rules And Laws: हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा उन्हें अपने कार्य स्थल घर परिवार में सुरक्षा प्रदान करने के लिए नियम कानून बनाए गए हैं। जो कानून महिलाओं को शक्ति प्रदान करते हैं कि वह किसी भी क्षेत्र में जाकर आसानी से कार्य कर सकती हैं यदि उन्हें किसी प्रकार की कुछ समस्या होती है तो यह नियम और कानून उनकी सुरक्षा हेतु तैनात है। महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय संविधान में कई कानून और नियम बनाए गए हैं। इन महत्वपूर्ण कानून और नियमों को हर महिला को जानना चाहिए:
महिलाओं को पता होने चाहिए यह 5 नियम और कानून
1. दहेज निषेध अधिनियम, 1961
दहेज लेना और देना दोनों ही अपराध हैं। हमारे देश में दहेज की प्रथम काफी लंबे समय से चलती आ रही है जो काफी हद तक काम हो गई है परंतु पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुआ है। तो इसके लिए सरकार ने दहेज निषेध अधिनियम, 1961 बनाया जिसके अंतर्गत यदि किसी महिला से शादी के दौरान या बाद में दहेज की मांग की जाती है, तो वह व्यक्ति कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकता है।
2. घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005
यह अधिनियम महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और यौन हिंसा शामिल होती है। महिला अपने परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ कानूनी सहायता प्राप्त कर सकती है।
3. सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा (विशाखा गाइडलाइंस)
महिलाओं को कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न से सुरक्षा के लिए यह दिशा-निर्देश बनाए गए हैं। यह सुनिश्चित करता है कि हर कंपनी और संस्थान में एक आंतरिक शिकायत समिति होनी चाहिए।
4. मेटरनिटी बेनिफिट एक्ट, 1961
यह कानून गर्भवती महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर लाभ और सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अंतर्गत महिला को 26 सप्ताह की पेड मैटरनिटी लीव दी जाती है और काम पर लौटने के बाद उसे समान पद और वेतन मिलना चाहिए।
5. भारतीय दंड संहिता की धारा 498A
इस धारा के अंतर्गत महिला को ससुराल में किसी भी प्रकार की क्रूरता या उत्पीड़न से सुरक्षा दी जाती है। यह कानून उन महिलाओं की मदद करता है जो अपने पति या ससुराल वालों द्वारा मानसिक या शारीरिक यातना का शिकार हो रही होती हैं।