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Who Is Draupadi Murmu? बनी भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति नॉमिनी

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बीजेपी के द्वारा 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुरमू को कैंडिडेट के रूप में चुना गया है। वह बीजेपी की तरफ से यह चुनाव लड़ेंगी। उनकी उम्र 64 साल है। उनके राष्ट्रपति बनने की काफी ज्यादा उम्मीद है। इससे NDA और BJP पार्टी को आदिवासी लोगों का समर्थन मिलेगा। इससे पार्टी की उड़ीसा में जड़े भी मजबूत होंगी। 

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प्रधानमंत्री ने किया ट्वीट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा द्रौपदी मुर्मू जी ने अपनी जिंदगी समाज और देश के कल्याण के लिए समर्पित कर दी है। उन्हें राजनीति और शासन का भी काफी अनुभव है। मुझे पूरा भरोसा है कि वह हमारे देश की बहुत ही अच्छी राष्ट्रपति बनेंगी।

दूसरे ट्वीट में मोदी जी ने लिखा कि लाखों लोगों को जो गरीब हैं या पिछड़े हुए हैं मुर्मू देवी जी से प्रेरणा मिलेगी। उनकी नीतियों को समझने की काबिलियत और उनका दयालु स्वभाव हमारे देश के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

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द्रौपदी मुर्मू कौन हैं?

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 में बैदापोसी गांव, मयूरभंज जिला, ओडिशा में हुआ था। उनके पिताजी का नाम बिरंचि नारायण टुडू है। वह एक संथाल परिवार से है जो एक आदिवासी एथनिक ग्रुप है। संथाल लोगों को उनकी सभ्यता और जंगलों में रहने की बजाए खेती करके रहने के लिए जाना जाता था।

एक आदिवासी परिवार से होने के कारण उन्होंने अपने पूरे जीवन में गरीबी के हर पहलू को बारीकी से देखा है। उनके लिए गरीबी देश की सबसे बड़ी समस्या है। उनका पूरा बचपन इस तरह की चुनौतियों से भरा था। 

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मुर्मू ने श्याम चरण मुर्मू से शादी की और उनके दो बेटे और एक बेटी भी हुए। उन्होंने अपने पति और दोनों बेटों को खो दिया। यह उनके लिए दिल तोड़ने वाला हादसा था। 

एजुकेशन

अपने जीवन में इतने संघर्षों के बाद भी उन्होंने भुवनेश्वर के रामदेवी विमेंस कॉलेज से आर्ट्स में बैचलर की डिग्री हासिल की। उन्होंने रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम किया है। 

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कुछ समय बाद उन्हें ओडिशा सरकार के सिंचाई और ऊर्जा डिपार्टमेंट में जूनियर असिस्टेंट की नौकरी मिल गई।

पॉलिटिकल बैकग्राउंड

ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल की गठबंधन सरकार के समय में वह कॉमर्स और ट्रांसपोर्ट की मिनिस्टर थी। 6 August 2002 से 16 मई 2004 तक उन्होंने मछली और पशु विभाग में काम किया। 

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वह दो बार ओडिशा विधानसभा की सदस्य भी बन चुकी है। उन्होंने राज्य की मंत्री की गद्दी भी संभाली थी। 2007 में उन्हें ओडिशा विधानसभा के बेस्ट एमएलए होने के लिए नीलकंठ अवार्ड भी मिला। मुर्मू ने 1997 में बीजेपी ज्वाइन कर ली थी और रायरंगपुर नगर पंचायत की काउंसलर भी बन गई थी।

द्रौपदी मुर्मू
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