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बिज़्नेस शुरू करना कोई आम बात नही है लेकिन फिर भी अब स्टार्टाप के शेत्र में नयी कोम्पनियाँ आ रही है. शी द पीपल ने फाइव एंट्रेपरेणेउर्स से बात चीत कि और जाना कि बिज़्नेस में पहला कदम किस तरह रखा जा सकता है और क्या ख़ास नुस्के है सफलता पाने के.
सपना आहूजा एसमेरलड़ा नामक ज्यूयलरी ब्रांड की मालिक है. "मैं बचपन से ही कलत्मिक थी. उसके चलते मुझे एक तमिल फिल्म में कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर के तौर पे रोल मिला. उस अनुभव के बाद मैने फॅशन डिज़ाइनिंग का कोर्स किया.
मैं अप्नी कला और डिज़ाइनिंग तो शोकेस करना चाहती थी. फॅशन से शुरुआत हुई ज्यूयलरी की और फिर मैने अपना फुल टाइम बिज़्नेस करना शुरू किया.

सीमा ढोली, फार्म2किचन
मेरा पॅशन रचनात्मकता और मेरी क्रियेटिविटी में था. लेकिन मैं चाहती थी की मैं कुछ ऐसा करूँ जिससे मैं सोसिटी के लिए कुछ ख़ास कर सॅकू. परिस्थिति कुछ ऐसे बनी की मेरा इंटेरेस्ट कृषि और डिजिटल क्रियेटिविटी जोड़ के बना. फार्म 2 किचन ने मुझे वो मौका दिया जिससे मैं ज्ञान और ऑर्गॅनिक फार्मिंग तो एक साथ कन्स्यूमर्स के लिए प्रस्तुत कर सकी.
मेरा स्टार्टाप मेी ज़रूरत से पैदा हुआ. में गर्ववती थी और मुझे ऑर्गॅनिक सब्जी और फल नही मिल रहे थे. मुझे लगा कि
मेरे जैसे अन्य औरतें भी इसी दिकत से गुज़रती होंगी.

श्रद्धा सूद, मामा कुटुर
उधमिता से पहले श्रधा एक वकील थी. लेकिन जब उनका पहला शिशु पैदा होने वाला था श्रद्धा को महसूस हुआ की मॅटर्निटी वेर में बहुत कम ब्रॅंड्स थे. ना उन्हे दुकानो में कुछ ख़ास मिले और ना ही ऑनलाइन. इस बात से श्रधा को एक मार्केट गॅप लगा और उन्होने मामा कुटुर स्टार्ट किया.
"मैने काफ़ी रिसर्च किया और यह देखा की काफ़ी औरतों को यह एक समस्या लगती थी. प्रेग्नेन्सी में फॅशन की कोई ऑप्षन नही थी."