उद्यमी स्नेहा रायसोनी के जीवन का मूलमंत्र है स्टीव जॉब्स के शब्द – स्टे हंग्री, स्टे फूलिश.

author-image
Swati Bundela
New Update

“स्टे हंग्री, स्टे फूलिश” स्टीव जॉब्स द्वारा कहे गए इन शब्दों को स्नेहा रायसोनी ने अपने जीवन में पूरी तरह से उतारा है. आज उनका गिफ्टिंग और होम डेकोर स्टोर, टप्पु की दुकान, मुंबई के लोगों का अत्यंत पसंदीदा स्थान है और इसकी वेबसाइट द्वारा कोई भी भारतीय व्यक्ति, अपनी पसंद का प्रोडक्ट, अपने चाही हुई जगह पर पहुँचा सकता है.

Advertisment

स्नेहा कहती हैं, “५ वर्ष पहले मैं चार्टर्ड अकाउंटंट के रूप में काम कर रही थी. मुझे महसूस हुआ कि मैं सारी ज़िन्दगी यह काम नहीं कर सकती. मैंने यात्रा करना शुरू किया, मेरे मन में एक गिफ्ट शॉप का विचार आया, क्योंकि उस समय हमारे पास ज़्यादा विकल्प नहीं होते थे.”


 
Advertisment

टप्पु की दुकान, अनोखी, मज़ेदार, काम की और किफायती कलात्मक वस्तुओं का घर है. इन्हें स्नेहा ने पूरे देश से चुन-चुनकर लाया है. स्नेह स्वीकार करती हैं कि उन्होंने डिज़ाइन की औपचारिक पढ़ाई नहीं की है, पर नए विचारों और डिज़ाइन की समझ के कारण, वे सफलता पा सकी हैं.


Advertisment

स्नेहा कहती हैं, “युवाओं की हमेशा रहने वाले भीड़ के अलावा, डेलॉइट जैसे कंपनियों ने भी कॉर्पोरेट गिफ्टिंग के लिए हमसे संपर्क किया है. मेरा स्टोर कई मायनों में मेरी ही छवि है. मेरे स्टोर में एक भी ऐसी चीज़ नहीं, जिसे मैं खुद किसी को तोहफे में ना देना चाहूँ.”


 
Advertisment

Tappu Ki Dukan Tappu Ki Dukan
Advertisment

 

जिस समय से, स्नेहा ने फोर्ट पर स्थित अपने पिता के व्यापारिक प्रतिष्ठान के ऊपर अपना स्टोर शुरू किया, लोग बड़ी संख्या में यहाँ आते रहे हैं. पर उनके अनुसार, पिछले वर्ष अनेक शॉपिंग वेबसाइट आ जाने के कारण रिटेल स्टोरों को नुकसान उठाना पड़ा है.

Advertisment

अब चुनौती है हर पल कुछ नया करने की, जिससे ग्राहक हमसे जुड़े रहें.


Advertisment

स्नेहा के अनुसार, “हालाँकि कुछ लोग अब भी ज़रूरत की चीज़ खरीदने के लिए स्टोर आना चाहते हैं, पर ज़्यादातर लोग ऑनलाइन माध्यम का उपयोग कर रहे हैं जहाँ से वे कुछ भी खरीद सकते हैं,
वो भी अपनी सुविधा के अनुसार. इसलिए अब चुनौती है हर पल कुछ नया करने की, जिससे ग्राहक हमसे जुड़े रहें.


दो वर्ष पहले, स्नेहा लोअर परेल में एक और उद्यम से जुड़ीं. रोटी, कपडा और मकान, एक छोटा सा कैफ़े और स्टोर है, जहाँ कपड़े और घर सजाने की चीज़ें विक्रय की जाती हैं.


वे कहती हैं, “काँटे-चम्मच-छूरी से लेकर कुर्सियों तक, यहाँ पर सब कुछ मिलता है. लोगों से घुलना-मिलना पसंद होने के कारण, सर्विस इंडस्ट्री में अपने समय का मैं बहुत आनंद उठा रही हूँ. और यदि यह कैफे लगातार अच्छा करता रहा, तो हमारा जल्द ही इसे एक बड़े स्थान पर ले जाने का विचार है.”
sneha raisoni sneha raisoni’s story sneha tappu ki dukaan स्नेहा रायसोनी