New Update
आज करन जोहर की फिल्म कुछ -कुछ होता है को रिलीज़ हुए पूरे 21 साल हो चुके है और इस फिल्म ने काफी लम्बा समय तय किया है बॉक्स ऑफिस पर । फिल्म कुछ -कुछ होता है 90 के दशक की एक लोकप्रिय फिल्म रही है । इस फिल्म में काजोल, रानी मुख़र्जी और शाहरुख खान तीनो ही मुख्य भूमिका में थे और तीनो के किरदारों को दर्शकों द्वारा बेशुमार प्यार दिया गया था । अगर आज हम इस फिल्म के बारे में बात करे और बात करे राहुल के किरदार की जो शाहरुख खान द्वारा अभिनीत था, वो हर लड़की के साथ फ्लिर्टिंग करता था पर रानी मुख़र्जी जो की फिल्म में टीना का किरदार निभा रही थी और प्रिंसिपल की बेटी थी उनके आने के बाद राहुल ने अपनी बेस्ट फ्रेंड अंजलि को भी भुला दिया ।
मतलब क्या आपका नजरिया किसी की तरफ उसका पहनावा देखकर बदलता है । पहले टीना ज़्यादा सुन्दर थी और मॉडर्न कपडे पहनती थी तो राहुल ने उसको अपने जीवन में चुना और फिर जब अंजलि ने सधारण पहनावे से बदलकर मॉडर्न पहनावा अपनाया तो राहुल जी को अपनी पुरानी दोस्त की याद अचानक आ गई और अंजलि उनके दिल में उतर गई ।
बता दें कि यह पूरी तरह साफ़ है की 90 के दशक की यह फिल्म धमाकेदार सेक्सिस्ट है जो की गलत है। इसके साथ बहुत सी चीजें गलत थीं, जिनमें सिर्फ पुरूषप्रधानता शामिल हैं जैसे की बास्केटबाल सीन जिसमे कहा गया है की लडकियां बास्केटबॉल नहीं खेल सकती ।
एक बच्चे के रूप में इस फिल्म के बारे में मुझे जो कुछ पसंद आया वो थे कपड़े, जो एक फैशन ट्रेंड बन गए (मुझे याद है कि मेरी बहन ने काजोल को कॉपी किया था और वो ड्रेस काजोल ने इस फिल्म के पहले भाग में पहनी थी।)
आखिर में मैं यही कहना चाहूंगी कि यह फिल्म कितनी ही लोकप्रिय क्यों न हो हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि इस फिल्म की कहानी आज के मिल्लेंनिअल्स कि सोच को नहीं भाती और इसलिए हमें यह फिल्म अटपटी लगती है.
क्या किसी के पहनावे पर उसकी और अपना नजरिया बदलना सही है ?
मतलब क्या आपका नजरिया किसी की तरफ उसका पहनावा देखकर बदलता है । पहले टीना ज़्यादा सुन्दर थी और मॉडर्न कपडे पहनती थी तो राहुल ने उसको अपने जीवन में चुना और फिर जब अंजलि ने सधारण पहनावे से बदलकर मॉडर्न पहनावा अपनाया तो राहुल जी को अपनी पुरानी दोस्त की याद अचानक आ गई और अंजलि उनके दिल में उतर गई ।
इस फिल्म की कहानी आज के मिल्लेंनिअल्स कि सोच को नहीं भाती और इसलिए हमें यह फिल्म अटपटी लगती है
बता दें कि यह पूरी तरह साफ़ है की 90 के दशक की यह फिल्म धमाकेदार सेक्सिस्ट है जो की गलत है। इसके साथ बहुत सी चीजें गलत थीं, जिनमें सिर्फ पुरूषप्रधानता शामिल हैं जैसे की बास्केटबाल सीन जिसमे कहा गया है की लडकियां बास्केटबॉल नहीं खेल सकती ।
एक बच्चे के रूप में इस फिल्म के बारे में मुझे जो कुछ पसंद आया वो थे कपड़े, जो एक फैशन ट्रेंड बन गए (मुझे याद है कि मेरी बहन ने काजोल को कॉपी किया था और वो ड्रेस काजोल ने इस फिल्म के पहले भाग में पहनी थी।)
आखिर में मैं यही कहना चाहूंगी कि यह फिल्म कितनी ही लोकप्रिय क्यों न हो हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि इस फिल्म की कहानी आज के मिल्लेंनिअल्स कि सोच को नहीं भाती और इसलिए हमें यह फिल्म अटपटी लगती है.