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वह 27 साल की हैं, कस्तूरी दुरीसामी अपने गांव में प्रेजिडेंट बनने वाली पहली महिला हैं और यह उनके पहले इलेक्शन थे । वह अपने गांव में पक्की सड़कें बनाना चाहती है, जो समय की जरूरत है। इसके अलावा, वह सुनिश्चित करेगी कि गाँव में सरकारी योजनाएँ ठीक से लागू हों। दुरीसामी यह भी सुनिश्चित करने की उम्मीद करती है कि उसके गांव की महिलाओं की हर जरूरत पूरी हो। कस्तूरी ने द न्यूज इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “जैसे ही चुनावों की घोषणा हुई, मैंने चुनाव लड़ने की सोची। मैंने अपने गाँव में सिर्फ पुरुषों को ही राज करते देखा है, पर अब मै यह बदलाव ला रही हूँ। मुझे लगा इस बार, मैं यह कर सकती हूं। मुझे अपने पति और परिवार का पूरा साथ मिला है। ”
कस्तूरी दुरीसामी अपने गांव में प्रेजिडेंट बनने वाली पहली महिला हैं और यह उनके पहले इलेक्शन थे ।
तमिलनाडु के इन लोकल बॉडी एलेक्शंस में कुल छह महिलाओं को चुना गया था। तमिलनाडु लोकल पंचायत और अर्बन बॉडीज में अपनी महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत रेज़र्वेशन देने वाला देश का 17 वां राज्य है।
कस्तूरी को उनके समर्थन के लिए सामने आने वाले पुरुषों के बीच देखने के लिए यह एक सुंदर दृश्य था। राजनीति में हिस्सा लेने से पहले कस्तूरी गृहिणी थीं। यह वीमेन एम्पावरमेंट का एक सफल उदहारण है।
तमिल नाडु के लोकल बॉडी एलेक्शंस में कॉलेज जानेवाली लड़कियों से लेकर 80 साल की महिलाएं भी खड़ी हुई थी ।
इलेक्शन में खड़ी होनेवाली बाकी महिलायें
21 वर्षीय दलित महिला, सरन्या कुमारी को कोयम्बटूर जिले के अनामीलाई संघ में आथू पोलाची पंचायत में वार्ड सदस्य के रूप में चुना गया था। सरन्या उडुमलाई गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज में एक छात्र है। सामाजिक मुद्दों और एक्टिविटीज़ में सरन्या की परफॉरमेंस को देखकर कोई भी स्वतंत्र उम्मीदवार अपने क्षेत्र से चुनाव के लिए नहीं खड़ा था। उन्हें 470 वोट्स में से 137 वोट मिले।