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दिवाली हिन्दुओं का एक बहुत पवित्र त्यौहार है । दिवाली को हम एक तरह से खुशियों का त्यौहार भी कह सकते है क्योंकि हर जगह ख़ुशी का माहौल होता है। दिवाली के लिए हर किसी के अंदर बहुत उत्साह होता है । मुझे दिवाली का त्यौहार बहुत पसंद है क्योंकि बहुत सी मिठाइयां खाने को मिलती है और काम से छुट्टी मिलती है । हर जगह जगमगाहट होती है जो सबमे एक सकारात्मकता जगाती है । पिछले कुछ सालों में मुझे दिवाली की तैयारियों में और दिवाली मनाने के तरीकों में बहुत फर्क दिखा है । तो आइये आज हम जानते है 10 साल पहले की और आज की दिवाली में कितना फर्क आ गया है ।
आजकल लोग अपनी सहूलियत के लिए सारा सामान घर पर ऑनलाइन ही मंगवा लेते है । बाज़ारों में अलग -अलग दुकानों पर जाकर भीड़ में तंग होकर सामान खरीदना आजकल लोगों को कम पसंद आता है । फिर ऑनलाइन सामान खरीदना कितना आसान भी तो है घर बैठे अपने मोबाइल पर लाखों ऑप्शंस में से अपने पसंदीदा ऑप्शंस चुनना बहुत आसान और चुटकियों का काम है ।
आजकल की इस भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में लोगो के पास समय नहीं है इसलिए लोग आजकल रिश्तेदारों और दोस्तों को दिवाली की मिठाइयाँ और तोहफे देने की प्रथा भी कम हो गयी है . लोग आजकल बहुत ही ज़्यादा व्यस्त है पैसा कमाने में, अपनी ज़रूरतों को पूरा करने में ।
पहले दिवाली पर बहुत सारे पटाखे जलाये जाते थे पर अब लोगों में पटाखों से हो रहे नुक्सान के बारे में जागरूकता आयी है । पटाखों द्वारा छोड़ी गयी ज़हरीली गैस कितनी नुकसानदायक हो सकती है लोगो को इसकी जानकारी है और इसलिए लोगो ने पटाखे जलाने कम कर दिए है ।
मुझे याद है बचपन में मेरी माँ अपने हाथों से रंगो की रंगोली बनाती थी पर आजकल लोग अपने घरों के बाहर स्टीकर वाली रंगोली चिपका लेते है जिससे उनकी मेहनत और उनका काम कम हो जाता है । रंगो की रंगोली बहुत ही सुन्दर और रंगबिरंगी होती है पर ये स्टीकरवाली रंगोली अलग -अलग पैटर्न्स वाली होती है और आसानी से मार्किट से मिल जाती है ।
आजकल के इस मॉडर्न समय में जहाँ पैसा कमाने की होड़ में हम तनाव और डिप्रेशन जैसी मुसीबतों का सामना कर रहे है और इनसे हमे बहुत सी बीमारिया भी होती है जिनमे से डायबिटीज सबसे कॉमन बिमारी है । अपनी सेहत के लिहाज़ से फिट रहने के लिए काफी सारे लोग सुगरफ्री मिठाई का विकल्प चुनते है ।
जैसे -जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ी है वैसे ही हमारे त्यौहार मनाने के तरीके भी । चाहे हम किसी भी तरीके से त्यौहार मनायें पर हर त्यौहार खुशियों से मानना चाहिए । हमे खुद भी खुश रहना चाहिए और अपने आस-पास हर जगह खुशियाँ बाँटनी चाहिए ।
आजकल लोग बाज़ारों में शॉपिंग करने की बजाये ऑनलाइन शॉपिंग करते है
आजकल लोग अपनी सहूलियत के लिए सारा सामान घर पर ऑनलाइन ही मंगवा लेते है । बाज़ारों में अलग -अलग दुकानों पर जाकर भीड़ में तंग होकर सामान खरीदना आजकल लोगों को कम पसंद आता है । फिर ऑनलाइन सामान खरीदना कितना आसान भी तो है घर बैठे अपने मोबाइल पर लाखों ऑप्शंस में से अपने पसंदीदा ऑप्शंस चुनना बहुत आसान और चुटकियों का काम है ।
लोग अब अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को दिवाली देने नहीं जाते
आजकल की इस भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में लोगो के पास समय नहीं है इसलिए लोग आजकल रिश्तेदारों और दोस्तों को दिवाली की मिठाइयाँ और तोहफे देने की प्रथा भी कम हो गयी है . लोग आजकल बहुत ही ज़्यादा व्यस्त है पैसा कमाने में, अपनी ज़रूरतों को पूरा करने में ।
लोगों में पटाखों से हो रहे नुक्सान के बारे में जागरूकता आयी है
पहले दिवाली पर बहुत सारे पटाखे जलाये जाते थे पर अब लोगों में पटाखों से हो रहे नुक्सान के बारे में जागरूकता आयी है । पटाखों द्वारा छोड़ी गयी ज़हरीली गैस कितनी नुकसानदायक हो सकती है लोगो को इसकी जानकारी है और इसलिए लोगो ने पटाखे जलाने कम कर दिए है ।
दिवाली पर रंगो की रंगोली की बजाये स्टीकर की रंगोली
मुझे याद है बचपन में मेरी माँ अपने हाथों से रंगो की रंगोली बनाती थी पर आजकल लोग अपने घरों के बाहर स्टीकर वाली रंगोली चिपका लेते है जिससे उनकी मेहनत और उनका काम कम हो जाता है । रंगो की रंगोली बहुत ही सुन्दर और रंगबिरंगी होती है पर ये स्टीकरवाली रंगोली अलग -अलग पैटर्न्स वाली होती है और आसानी से मार्किट से मिल जाती है ।
मिठाइयों की जगह सुगरफ्री डिशेस ने ले ली है
आजकल के इस मॉडर्न समय में जहाँ पैसा कमाने की होड़ में हम तनाव और डिप्रेशन जैसी मुसीबतों का सामना कर रहे है और इनसे हमे बहुत सी बीमारिया भी होती है जिनमे से डायबिटीज सबसे कॉमन बिमारी है । अपनी सेहत के लिहाज़ से फिट रहने के लिए काफी सारे लोग सुगरफ्री मिठाई का विकल्प चुनते है ।
जैसे -जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ी है वैसे ही हमारे त्यौहार मनाने के तरीके भी । चाहे हम किसी भी तरीके से त्यौहार मनायें पर हर त्यौहार खुशियों से मानना चाहिए । हमे खुद भी खुश रहना चाहिए और अपने आस-पास हर जगह खुशियाँ बाँटनी चाहिए ।