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दस बार जब बॉलीवुड अभिनेता महिलाओं के समर्थन में खड़े हुए

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Swati Bundela
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भारत में बॉलीवुड का प्रभाव बहुत ज्यादा है. सितारों में न केवल नए विचारों को लाने की ताक़त बल्कि हमारे समाज में बदलाव लाने की क्षमता भी है. जब एक प्रसिद्ध व्यक्ति सामाजिक मुद्दों के लिए बोलता है, तो उसका बड़ा प्रभाव पड़ता है. महिलाओं के सशक्तिकरण का विषय जैसे जैसे महत्वपूर्ण होता जा रहा है वैसे वैसे हम देख रहे है कि सैलिब्रिटिज़ महिलाओं के बारे में बोल रही है. तो देखें यहां पर ऐसे 10 उदाहरण.

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प्रियंका चोपड़ा



वह एक आदर्श फेमिनिस्ट है. उनका 'ब्रेकिंग द ग्लास सीलिंग' पर भाषण असाधारण था. पीसी ने महिलाओं के कामों का हमेशा बड़े पैमाने पर समर्थन किया है. प्रियंका, यूनिसेफ ग्लोबल गुडविल एंबेसडर के तौर पर दुनिया भर में बाल कल्याण और अगली पीढ़ी को कैसे बेहतर भविष्य दे जैसे काम कर रही है.

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शबाना आज़मी



उनका काम स्पष्ट रूप से लिंगों की समानता पर उनका रुख दर्शाता है. वह एक सामाजिक कार्यकर्ता है जो बाल कल्याण और महिलाओं के अधिकारों जैसे मुद्दों को उठा रही है. वह समलैंगिकता को चित्रित करने वाली एक फिल्म (आग) के लिए अपने सर को मुंडवा भी चुकी है.

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कंगाना राणावत



वह हमारे फिल्म उद्योग में सबसे साहसी अभिनेत्री में से एक है. कंगाना अपने दिमाग की बात को बोलती है और आपने संघर्षों पर गर्व करती है जिसने उन्हें इस मंच तक ला दिया. उन्होंने कहा, "महिला सशक्तिकरण का मतलब यह नहीं है कि आप पुरुषों के बीच जटिलता पैदा करें. फिर पुरुषों को सशक्त बनाने में 20 और साल लगेंगे. यह एक इंसान के रूप में एक आत्मा के रूप में विकसित होने के बारे में है. इसका मतलब यह नहीं है कि आप सेक्सिस्ट बन जाये."

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आमिर खान



आमिर के काम में गुणवत्ता के बारे में सब अच्छी तरह से जानते है. सत्यमेव जयते जैसे शो और उनकी फिल्मों जैसे दंगल, महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए खुला समर्थन देते दिखाते हैं. उनके हालिया विज्ञापन अभियान "शून ते शान" महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करता है.

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फरहान अख्तर



फरहान अख्तर अपने सामाजिक अभियान 'मर्द' के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण का समर्थन करते है. वह दक्षिणपूर्व एशिया के लिए पहले पुरुष संयुक्त राष्ट्र वुमेन गुडविल राजदूत भी हैं. अपने ट्वीट में, उन्होंने 'मर्द' की परिभाषा का वर्णन किया है,

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"यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो महिलाओं का सम्मान करते हैं, उनके अधिकार, उनकी गरिमा, उनकी आजादी, उसका दिमाग, उसका शरीर, उसकी जिंदगी, तो आप  मर्द हैं" - फरहान अख्तर



राहुल बोस

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"पूर्णना" उनका हालिया प्रोडक्शन है, जिसमें एक ऐसी लड़की की कहानी को दिखाया गया है जो सभी चुनौतियों के बावजूद नई ऊंचाइयों तक पहुंचती है. उनकी कहानी सही मायने में सशक्त है. उन्होंने "द फाउंडेशन" नामक एक संगठन भी शुरू किया है जो समानता पर काम करता है और हाशिए पर मौजूद समूहों का समर्थन करता है.”

कल्कि कोचलिन



वह नारीवादी मुद्दों पर मुखर है. उनकी फिल्में, उनके यूट्यूब वीडियो हमेशा हमारे घर कर गये पितृसत्ता को चुनौती देती है. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, "मैंने हमेशा विश्वास किया है कि बहन, महिलाओं की कहानियों को साझा करने का विचार, अन्य महिलाओं को समझाना, यह जानकर कि आप अकेले नहीं हैं, आपने आप में सशक्त बनाता है. "

कोंकाना सेन



वह अपनी फिल्मों में मजबूत महिला पात्रों को चित्रित करके महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान देती है. उनके एक साक्षात्कार में, वह कहती हैं, "हमें युवा लड़कों से बहुत कम उम्र में सहमति के बारे में बात करनी चाहिए." ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्खा’ 'जैसी उनकी फिल्में भारत में नारीवाद की शक्तिशाली उदाहरण हैं. उन्होंने विभिन्न प्लेटफार्मों पर #MeToo अभियान को भी अपना समर्थन दिखा है.

अनुष्का शर्मा



वह सामाजिक कारणों पर बात करने में कभी हिचकिचाती नहीं है. वोग के साथ अपने फोटोशूट में, वह एक टी-शर्ट पहनती है जो कहता है, "हम सभी को नारीवादी होना चाहिए." महिला दिवस पर उनका एक ट्वीट प्रेरणादायक है. "उन सभी महिलाओं को बधाई, जो जीवन में सबसे कठिन परिस्थितियों में साहस दिखाती रही. यह एक महिला होने का असली सार है. "

स्वरा भास्कर



स्वरा ने दिल्ली कमिशन से पुरुस्कार लेते हुये कहा, "एक विकासशील समाज में, परंपरागत मानसिकता हमें क्यो नहीं छोड़ती है? इन मूल्यों के बोझ से निर्दयी और मुक्त रहें।" दिल्ली आयोग में एक पुरस्कार प्राप्त करते हुए स्वारा ने कहा, "अब स्वार्थी बनें।" स्वरा भास्कर अपनी फिल्मों और भाषणों के माध्यम से एक अनोखा परिप्रेक्ष्य लाती है।
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