हमारे देश की 52% लड़कियों का भविष्य इसलिए अंधकार में है क्योंकि वह पढ़ नहीं पाती। इसका सबसे बड़ा कारण है लड़कियों के साथ छेड़खानी, जबरदस्ती, बलात्कार और उनके साथ यौनाचार जैसी घटनाओं का होना। इन घटनाओं से निपटने की बजाय, हमारा समाज ऐसी घटनाओं के बाद सबसे पहले लड़की का पढ़ना लिखना बंद कर देता है। ऐसा ही कुछ देखने में आया चित्रकूट के बर्गढ कस्बे में।
बरगढ़ के मदरसे में रहते हुए बाबा कुतुबुद्दीन बच्चों को पिछले सात सालों से अरबी पढ़ा रहे थे। उनपर कस्बे की आठ लड़कियों ने छेड़खानी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बाबा ने उनके साथ ये दुर्व्यवहार पढ़ाई के दौरान की।
एक छात्रा ने बताया, “बाबा सर पर हाथ रखते हुए, पूरे शरीर पर हाथ फेर दिया करते थे। फिर एक दिन जबरदस्ती हमें अपनी कुटिया के अन्दर लगे बिस्तर तक ले गये और वहां हमें कपड़े उतारने को कहने लगे।”
एक अन्य महिला के अनुसार, बाबा कुरान और मज़ार पर हाथ रखवा कर बच्चियों से कसमें खिलवाता था कि यदि उन्होंने घर वापस जाकर कुछ बताया तो उनके सारे घर वाले मर जायेंगे। “तुम्हारा हाथ कट के गिर जायेगा”, यह भी कहते थे। बच्चियां इसलिए डर में रह रही थी, पर पढने जाने के लिए मना करने लगी, और तब माँ बाप को शक हुआ। इसके बाद ही ये बात सामने आई।
कस्बे के अब्दुल हमीद ने बताया, “बाबा को मैंने तीन साल पहले रंगे हाथों पकड़ा था लेकिन उसने मुझे यह कह कर झूठा साबित कर दिया कि जो बाबा हमसे कराएँगे वही हम करेंगे।”
बरगढ़ निवासी अंसार अहमद का कहना है कि अब वे सब ये चाहते हैं कि बाबा को जेल में डाला जायें। “हम सब पूरी कार्यवाही और गवाही देने को तैयार हैं।”
वहीँ, इस घटना पर बरगढ़ थाने के दरोगा सुभाष चन्द्र चौरसिया ने कुतुब्बुद्दीन के खिलाफ धारा 354 आईपीसी और पॉक्सो कानून के तहत धारा 8 लगायी है।
उनका कहना है कि अदालत में बयान पेश होने के बाद आगे की कार्रवाही की जाएगी।
Reporting by Khabar Lahariya