पहले बच्चे के रूप में लड़की होने के बाद गर्भवती माताओं की निगरानी के लिए कर्नाटक सरकार ने उठाये कदम

author-image
Swati Bundela
New Update


स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग का मानना ​​हैकी इस बात को ख़ास तोर पर निर्धारित करने के लिए स्वस्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ऐसी गर्भधारण की निगरानी के लिए एक कार्य योजना के साथ सामने आया है।

5 मार्च से आरोग्यवाणी, विभाग की आरोग्य हेल्पलाइन विंग , हर हफ्ते चार लाख तक कॉल करेंगे उन महिलाओ को जिनकी पहली संतान बेटी है और वो दूसरी संतान के लिए गर्भवती है ।

हम इन महिलाओं को ट्रैक करेंगे क्योंकि ऐसे मामलों में कन्या भ्रूण हत्या की संभावना अधिक होती है। किसी भी अप्रिय घटना के मामले में, हम पुलिस को लूप में रखेंगे और यदि आवश्यक हो, तो एफआईआर दर्ज कर सकते हैं, क्योंकि यह जागरूकता पैदा कर सकता है, "डॉ प्रभु गौड़ा,उप निदेशक, पीसीपीएनडीटी सेल, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग।

Advertisment

गर्भवती महिलाओं को टेटनस इंजेक्शन, नियमित कैल्शियम, आयरन सप्लीमेंट की दो खुराकें मिली हैं या नहीं, इसकी जाँच करने के अलावा, महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा लागू मटरू भोजन योजना का लाभ उठा रही हैं, आरोग्यवाणी उनकी मनोवैज्ञानिक भलाई पर भी ध्यान देगी।

हम जरूरत पड़ने पर महिलाओं की काउंसलिंग करेंगे और साप्ताहिक कॉल के जरिए उनके स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे। हम सरकार द्वारा जारी किए गए थायी (मदर) कार्ड के जरिए महिलाओं को ट्रैक करेंगे।"

विभाग के पास पहले से ही गर्भवती महिलाओं का एक डेटाबेस है। प्रत्येक गर्भवती महिला के डिटेल्स, जिनमें आईडी प्रूफ और पता शामिल है, जो किसी भी पंजीकृत केंद्र में स्कैनिंग से गुजरती हैं, को बालिका सॉफ्टवेयर में खिलाया जाता है।

इंस्पिरेशन