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फेसबुक पर उस पोस्ट को शेयर करते हुए इरा ने लिखा, 'जिन लोगों को लगता है कि दिव्यांगों के लिए यह दुनिया बहुत अच्छी और दयालु है- उनके लिए मैं अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर किए गए एक शख्स का कमेंट शेयर कर रही हूँ। यह साइबर बुलिंग है।' हालांकि, इरा ने अपने खिलाफ गलत कमैंट्स पर ध्यान देने के बजाय, स्कूल स्तर पर बच्चों को मिलजुल कर पढ़ने और एक दूसरे की और संवेदनशील बनने की सीख देने को जरूरी बताया।
इरा ने शिक्षा पैटर्न पर उठाए सवाल
अपने फेसबुक वॉल पर इरा ने लिखा कि भारतीय स्कूल व्यवस्था बच्चों को बेहतर नागरिक बनाने पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है। इरा ने लिखा, 'हमें ऐसे स्कूलों की जरूरत है जहां दिव्यांग और सामान्य बच्चे एक साथ पढ़े और इसलिए हमारी शिक्षा व्यवस्था को किसी और चीज से अधिक एक बेहतर इंसान बनने पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।'
अपनी तस्वीर शेयर करने पर मिला भद्दा कमेंट
इरा ने बताया कि उनके साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ बल्कि 2014 से हो रहा है जब उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम में टॉप किया था। उन्होंने बताया कि इस बार उन्होंने सिर्फ अपनी एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें इस तरह के कमेंट किए गए। उन्होंने कहा, 'वहां कोई बहस या चर्चा नहीं हुई थी। इंस्टाग्राम पर फॉलो करने वाले अधिकतर यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्र हैं। अगर उनकी ऐसी मानसिकता है, तो इससे साफ जाहिर है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में बच्चों को बेहतर इंसान बनने पर ज़ोर देना चाहिए।'