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स्मृति लमेच कहती हैं कि हमें एक छोटी उम्र में ही साड़ी पहननी शुरू कर देनी चाहिए

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Swati Bundela
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जब आपका एक बंगाली परिवार में जन्म होता है तो आपके लिए अपनी मां, आंटियों और दादी को साड़ी पहने देखना बहुत आम बात होती है. स्मृति मलेच की परिवार की महिलाओं ने ही उन्हें छोटी उम्र में साड़ी पहनने की प्रेरणा दी. वह एक रुढ़िवादी परिवार से हैं और स्मृति कहती है कि एक  अपनी किशोर अवस्था में पहुंचने के बाद उन्हें शादियों में और अन्य  समारोह में साड़ी ही पहननी होती थी.

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      स्मृति ने अपनी पहली साड़ी तब पहनी जब वह 14 साल की थी.



स्मृति एक पत्रकार रह चुकी हैं और अब एक सोशल मीडिया कंसल्टेंट की तरह काम करती हैं. वह हमें बताती हैं," यदि आप छोटी उम्र में ही साड़ी पहनना शुरू नहीं करते तो आपके दिमाग में उसके प्रति  एक मानसिक ब्लॉक  विकसित हो जाता है.

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कॉलेज शुरू होने के बाद स्मृति ने जींस और टीशर्ट पहनना शुरू कर दिया था परंतु ग्रेजुएशन खत्म होने के बाद जब वह काम करने लगी तो उन्होंने वापस साड़ी पहननी शुरू कर दिया.

उन्होंने बताया कि उनकी  मम्मी जिस भी राज्य में जाती वहां से उनके लिए एक साड़ी ले आती इसलिए स्मृति के पास एक बहुत बड़ी साड़ियों की कलेक्शन है. जब उनकी शादी हुई तो स्मृति की मम्मी ने उपहार के तौर पर प्रीति को 20 से 30  भिन्न भिन्न प्रकार की साड़ियां दी.

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स्मृति ने एक ऐसी साड़ी की बात करि जिससे उनको अपनी शादी से पहले प्यार हो गया था. वह शादी से पहले एक दिन शॉपिंग करने गई. वह कपड़ों पर बहुत खर्चा कर चुकी थी परंतु जब उन्हें यह साड़ी दिखी वह अचंभित हो उठी.  वह एक बहुत ही सुंदर शिफॉन की साड़ी थी जिसपर जरदोजी का काम किया हुआ था. वह सरसोई नारंगी रंग की थी. परंतु बहुत महंगी होने के कारण उन्होंने उस साड़ी को खरीदने का विचार अपने दिमाग से निकाल दिया. परंतु उसके बात कुछ बहुत अच्छा हुआ.



उनके एक अंकल जो उनकी शादी के उद्देश्य से वहां आए हुए थे स्मृति को कुछ खरीद कर दिलाना चाहते थे. जाहिर है कि स्मृति ने उनसे वही साड़ी मांगी.
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उसी साड़ी के विषय में बात करते हुए वह हमें बताती हैं-," मैं इस साड़ी को सबसे ज्यादा इसलिए पसंद करती हूं क्योंकि यह तो बहुत सुंदर और पुरानी हाथ कढ़ाई का कॉन्बिनेशन है -  जरदोजी और चिकनकारी.

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वह कहती है-" उस समय मैं नवविवाहित थी और मेरी बहुत सी सहेलियों की भी शादी हो रही थी.  मैं उस साड़ी को भी अलग-अलग शादियों पर पहन कर गई. परंतु एक कील में फंस जाने के बाद वह साड़ी थोड़ी सी फट गई  और उसका आकर्षण कम हो गया. इस वर्ष सभी शादियों में वह साड़ी पहनने के बाद मैंने उसे पहनना छोड़ दिया.



अब स्मृति के पास साड़ियों की एक बहुत बड़ी कलेक्शन है. वह अपनी इकट और बालूचरी साड़ियों के बारे में भी बताती हैं.  वह कहती है कि वह नहीं बता सकती कि उनकी पसंदीदा साड़ी कौन सी है क्योंकि उनकी पसंद बदलती रहती है  परंतु वह यह भी स्वीकार करती हैं कि उनकी सभी साड़ियों की कोई ना कोई कहानी जरूर है.
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साड़ी साड़ी की कहानी स्मृति लमेच
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