104 साल की स्प्रिंटर मन कौर को नारी शक्ति पुरस्कार मिला

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Swati Bundela
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मन कौर को 8 मार्च 2019 को नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया। स्प्रिंटर दादी बहुत डेडीकेटेड है और रोज सुबह 4:00 बजे ट्रेनिंग के लिए उठती है। वह रोज़ जिम जाती है और करीब 20 किलोमीटर दौड़ लगाती हैं।

आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ रोचक बातें:

  • उनके 82 साल के बेटे ने बताया कि यह पुरस्कार प्रेसिडेंट राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में होने वाली सेरेमनी के अनुसार दिया।

  • नारी शक्ति पुरस्कार देश में महिलाओं के लिए सबसे बड़ा सिविलियन पुरस्कार है। नारी शक्ति पुरस्कार में ₹200,000 का होनौरेरियम और सर्टिफिकेट मिलता है।

  • 104 वर्षीय कौर ने अपना पहला मेडल 2007 में हुई चंडीगढ़ मास्टर्स एथलेटिक मीट में जीता था। उनका बेटा उन्हें अस्सिट करता है।


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वह आगे भी दौड़ना चाहती है और वह कहती है मैं जब तक दौड़ सकूंगी, दौड़ूंगी।



  • वह 2017 में अकलैंड में हुए मास्टर गेम्स में 100 मीटर्स स्प्रिंट जीतकर ज्यादा पहचानी जाने लगी। वह और उनका बेटा ग्लोबल कंपिटीशन्स में अपनी सेविंग्स की मदद से भाग लेते हैं। हो सकता है जब उनकी सेविंग्स खत्म हो जाए तो उन्हें यह बंद करना पड़े।

  • वह ऑकलैंड के स्काए टावर पर चलने वाली पूरी दुनिया की सबसे ज्यादा उम्र दराज इंसान है। यही नहीं, उन्होंने जैवलिन थ्रो व शॉटपुट में भी कई मेडल जीते हैं।

  • 2016 में वैंकूवर में हुए अमेरिकन मास्टर गेम्स में उन्होंने दुनिया की सबसे तेज 100 वर्षीय महिला होने का रिकॉर्ड दर्ज किया था। महिलाएं व दुनियाभर के स्प्रिंटर्स उन्हें 'मिरैकल मॉम फ्रॉम चंडीगढ़', यानी कि 'चंडीगढ़ की चमत्कारी माँ' के नाम से जानते हैं।


वह आगे भी दौड़ना चाहती है और वह कहती है मैं जब तक दौड़ सकूंगी, दौड़ूंगी। इससे उन्हें खुशी मिलती है। बेशक, मन कौर हम सभी के लिए एक प्रेरणा है और एक उदाहरण है कि अगर आपमें कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो उम्र, हाइट, वेट - यह सब सच में केवल नंबर्स ही हैं।

(यह आर्टिकल महक कौर कक्कर द्वारा लिखा गया है)
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