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Photograph: (Pm Modi/X & Swadesh)
26 tourists killed in terrorist attack in Pahalgam: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम के पास हुए आतंकी हमले में कम से कम 28 नागरिक मारे गए, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे। प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ली। यह हमला बैसरन घाटी में हुआ, जहाँ केवल पैदल या घोड़े पर ही पहुँचा जा सकता है। 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से यह केंद्र शासित प्रदेश में सबसे घातक आतंकी हमला था।
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री ने सख्त कार्रवाई का वादा किया: जाने 5 महत्वपूर्ण बातें
पहलगाम आतंकी हमले के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसा के पीछे के लोगों को कड़ी चेतावनी दी और अपराधियों और साजिशकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया।
बिहार से बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आज बिहार की धरती से मैं पूरी दुनिया से कहता हूं कि भारत हर आतंकवादी और उसके समर्थकों की पहचान करेगा, उन्हें ट्रैक करेगा और उन्हें दंडित करेगा। हम उन्हें धरती के छोर तक खदेड़ेंगे। आतंकवाद से भारत की आत्मा कभी नहीं टूटेगी। आतंकवाद को सजा मिलेगी।" प्रधानमंत्री ने कहा कि घटना में शामिल लोगों और "साजिश का हिस्सा" बनने वाले सभी लोगों को "उनकी कल्पना से परे सजा दी जाएगी।"
इस बीच, केंद्र सरकार ने सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने और अगली कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए कल यानी 24 अप्रैल को शाम 6 बजे संसद में सर्वदलीय बैठक निर्धारित की थी। खबरों के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सत्र की अध्यक्षता की।
संसद भवन परिसर में सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान इन नेताओं ने आतंकवाद से लड़ाई और सरकार की कार्रवाई में पूरा सहयोग देने का भी आश्वासन दिया है।#PahalgamTerrorAttack pic.twitter.com/POhevbkTGs
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) April 25, 2025
हमला कैसे हुआ
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह मंगलवार की दोपहर थी, जब खूबसूरत बैसरन घाटी में बहुत से पर्यटक आए हुए थे। घाटी के चारों ओर घने देवदार के जंगल से सेना की वर्दी में लगभग छह आतंकवादी निकले और गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने अपने पीड़ितों की पहचान धर्म से की, उनसे नाम बताने और इस्लामी आयतें पढ़ने को कहा और फिर उन पर करीब से गोलियां बरसा दीं।
एक व्यक्ति ने PTI को बातचीत में बताया कि, "हम स्टैंड पर खड़े थे और कुछ लोग ऊपर की तरफ चले गए थे। करीब 2:45 पर लोग इधर-उधर भागने लगे। हमने पूछा, तो पता चला कि गोली चली है।" एक अन्य गवाह ने एशियन न्यूज इंटरनेशनल को बताया, "हम काफी देर तक गोलीबारी की आवाज सुनते रहे। हर कोई उस जगह से भागने की कोशिश कर रहा था। हमने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा क्योंकि हम बस वहां से भागना चाहते थे।"
VIDEO | Pahalgam terror attack: Here's what a local, Gulzar Ahmad, said:
— Press Trust of India (@PTI_News) April 22, 2025
"We were standing in the stand, and customers had gone to the upper side. At around 2:45 pm, people started running around. When we asked, we found that a gunshot had been fired... We immediately started… pic.twitter.com/fTrCPQkbPM
#WATCH | Anantnag, J&K | A tourist couple from Maharashtra's Nagpur who were present at the spot of the terrorist attack on tourists in Pahalgam, say, "This incident happened when we had just left the place of the incident. We could hear the sound of firing for a long time.… pic.twitter.com/yXF3JLnSMz
— ANI (@ANI) April 22, 2025
बचे हुए लोगों ने भयावह अनुभव को याद किया
आतंकवादी हमले में कम से कम 26 पर्यटक मारे गए। पीड़ितों में से एक कर्नाटक के मूल निवासी मंजूनाथ थे, जिनकी पत्नी पल्लवी ने एक कन्नड़ मीडिया चैनल को बताया, "हम पहलगाम में हैं और मेरे पति की मौत मेरे सामने ही हुई। मैं न तो रो सकती थी और न ही प्रतिक्रिया दे सकती थी -- मैं यह भी नहीं समझ पा रही थी कि अभी क्या हुआ था।" उनका 18 वर्षीय बेटा अभिजय भी हमले में बच गया।
"पहले तो हमने गोलियों की आवाज सुनी और सोचा कि सेना ने गोली चलाई है। फिर लोग भागने लगे। मैंने देखा कि मेरे पति पहले ही बेहोश हो चुके थे और खून से लथपथ पड़े थे। उनके सिर में गोली लगी थी। मैं उनके शव के पास बैठी रही और कुछ भी कहने में असमर्थ रही," उन्होंने आगे कहा।
पल्लवी ने बताया कि उनका सामना एक आतंकवादी से हुआ, जिसने कथित तौर पर उनसे कहा, "नहीं मरेंगे। तुम मोदी को जाकर बोलो।" उन्होंने आगे कहा, "आतंकवादी हमारे ठीक सामने थे। लगभग सभी पुरुषों को निशाना बनाया गया। कई नवविवाहित जोड़े थे और ज्यादातर मामलों में केवल पतियों पर हमला किया गया, जबकि महिलाओं और अन्य को बख्शा गया। हिंदुओं को निशाना बनाया गया। वहां करीब 500 पर्यटक मौजूद थे।"
पुणे की एक अन्य जीवित बची असावरी जगदाले ने PTI को बताया कि बंदूकधारी उस टेंट में घुस आए, जहां उनका परिवार छिपा हुआ था। उन्होंने कहा, "हम पाँच लोगों का समूह थे, जिसमें मेरे माता-पिता भी शामिल थे। हम पहलगाम के पास बैसरन घाटी में थे और गोलीबारी शुरू होने पर मिनी स्विटजरलैंड नामक स्थान पर थे।"
जगदले ने कहा कि हमलावरों ने पुरुषों को गोली मारने से पहले परिवार पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने का आरोप लगाया। "फिर उन्होंने मेरे पिता से एक इस्लामी आयत (शायद कलमा) पढ़ने को कहा। जब वह ऐसा करने में विफल रहे, तो उन्होंने उन्हें तीन गोलियाँ मारी, एक सिर पर, एक कान के पीछे और एक पीठ में... उसके बाद मेरे चाचा को आतंकवादियों ने चार से पाँच गोलियाँ मारी। कई अन्य पुरुषों को भी गोली मारी। मदद के लिए वहां कोई मौजूद नहीं था," उन्होंने कहा।
द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली जिम्मेदारी
खबरों के अनुसार, ISI समर्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट ने सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकवादी समूह ने दावा किया कि वे उन "बाहरी लोगों" से असंतुष्ट थे जो इस क्षेत्र में बस गए थे और "जनसांख्यिकीय परिवर्तन" का कारण बने। कश्मीर में पुलिस महानिरीक्षक वी के बिरदी ने सीएनएन को बताया कि अधिकारियों को पता था कि समूह ने जिम्मेदारी ली है, लेकिन उन्होंने कहा कि वे अभी भी मामले की जांच कर रहे हैं।
भारतीय सेना की कार्रवाई
भारतीय संयुक्त बलों ने बैसरन, पहलगाम में जम्मू-कश्मीर पुलिस बलों के साथ मिलकर अभियान चलाया। भारतीय सेना की चिनार कोर के अनुसार, चिकित्सा दल को तुरंत तैनात किया गया और घायलों को निकालने का काम जारी है। सोशल मीडिया पर सेना की तरफ से जरी बयान में लिखा गया कि, "तलाशी अभियान जारी है और हमलावरों को जरुर पकड़ा जायेगा जल्द ही।"
On 22 April 2025, in a cowardly act of violence, terrorists opened fire on innocent tourists and locals.
— Chinar Corps🍁 - Indian Army (@ChinarcorpsIA) April 22, 2025
In the immediate aftermath, Joint Forces are overseeing the situation. Medical teams were swiftly mobilized and casualty evacuation commenced.
A Joint Search Operation has…
23 अप्रैल को चिनार कोर ने कथित तौर पर बारामुल्ला जिले के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LOC) पर आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को भी विफल कर दिया। भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि भारी गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए। सेना ने कहा कि आतंकवादियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और युद्ध जैसे अन्य सामान बरामद किए गए हैं।
OP TIKKA, Baramulla
— Chinar Corps🍁 - Indian Army (@ChinarcorpsIA) April 23, 2025
On 23 Apr 2025, approximately 2-3 UI terrorists tried to infiltrate through general area Sarjeevan at Uri Nala, Baramulla, the alert tps on LC challenged and intercepted them resulting in a firefight.
Operation is in progress.#Kashmir@adgpi… pic.twitter.com/FOTXiTNYSf
पहलगाम हमले में मारे गये लोगों की सूची आई सामने
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की दुखद मृत्यु हुई। मृतकों में विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों से आए लोगों और कर्मचारी शामिल हैं। इंदौर से सुशील नथ्याल, हापतनार (पहलगाम) से सैयद आदिल हुसैन शाह और ठाणे मुंबई से हेमंत सुहास जोशी और संजय लक्ष्मण लाली थे। करनाल, हरियाणा के विनय नारवाल, डोंबिवली पश्चिम मुंबई के अतुल श्रीकांत मोनी और उत्तराखंड के नीरज उधवानी भी इस हमले में जान गंवाने वालों में शामिल हैं। कोलकाता से बितान अधिकारी और समीर गुहार, नेपाल के बाटवाली रोपांडी से सुदीप न्यूपाने तथा श्याम नगर कानपुर से शुभम द्विवेदी भी इस सूची में हैं। ओडिशा के मलाश्वर से प्रशांत कुमार सतपथी, बिहार से आबकारी निरीक्षक मनीष रंजन और कोचीन के एन. रामचंद्र भी इस हमले का शिकार बने।
चंडीगढ़ के दिनेश अग्रवाल, पनवेल मुंबई के दिलीप दसाली, विशाखापत्तनम-बेंगलुरु से जे. सचंद्र मोली, बेंगलुरु के मधुसूदन सोमिसेट्टी और सुंदर नगर बेंगलुरु के भरत भूषण की भी मृत्यु हुई। पुणे से संतोष जागधा और कस्तूबा गणवोटे, कर्नाटक से मंजू नाथ राव और गुजरात के भावनगर से सुमित परमार व उनके पिता यतेश परमार भी मृतकों में शामिल हैं। इसके अतिरिक्त ज़ीरो, अरुणाचल प्रदेश के वायुसेना कर्मी तागेहायिंग तथा सूरत गुजरात के शैलेशभाई एच. कलाथिया भी इस हमले में शहीद हुए। यह घटना पूरे देश को शोक और आक्रोश में डालने वाली है।
Credit : Aaj tak