कंगना रानौत हर तरह से भारत की सच्ची नारीवाद प्रतिनिधित्व हैं| व्यंग्य यह है कि जब भी हम उनकी बात करते हैं, हमारा सारा ध्यान इन बातों पे होता है कि उन्होने क्या पहना और वे किसके साथ कहाँ दिखी| हम शायद उनकी बहन रंगोली के बारे में भूल गये, जिनपर 23 वर्ष की आयु में तेज़ाब से हमला किया गया था|
रंगोली उत्तरांचल कॉलेज ऑफ साइन्स आंड टेक्नालजी में चल रही अपनी पढ़ाई के अंतिम वर्ष में थी जब एक अग्यात पुरुष ने डून वॅली में उनके घर के पास उनपर तेज़ाब फेंक कर उन्हे जला डाला| इस हमले के साथ उन्का चेहरा, हाथ और आँख भंग हो गये| जब डॉक्टर्स ने काई सर्जरी करने के बाद उनके पूरी तरह से ठीक होने की आशा छोड़ दी, रंगोली इस ख़तरनाक घाटना के सदमे से अपनी अन्द्रूनि शक्ति, दृढ़ संकल्प, और सबसे ज़रूरी, पारिवारिक संबल के कारण बाहर आ पाइइ| सबसे ज़्यादा, उनकी बहन कंगना उनका सहारा बनी|
यह शक्तिशाली बहने सभी तेज़ाब-वार की शिकार होने वाली महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं| आइए देखें हम इन बहनो से ऐसी आक्रामक घटनायें और उनके परिणाम से बाहर आने के बारे में क्या सीख सकते हैं:
रंगोली का इलाज कंगना ने देश के सर्वश्रेष्ट डॉक्टर्स से करवाया, जिसके बावजूद इस घटना में उन्होने एक आँख की रोशनी खो दी, उनका एक कान चला गया| वे 3 महीने तक आईना नहीं देख पाई, पर उन्होने हिम्मत नहीं हारी| अपने परिवार के सपोर्ट और अपनू के प्यार के चलते वे इस घटना से और मज़बूत उभर के आई| मेरे ख़याल से अपने जीवन को खुशी खुशी जीना ही ऐसी घटनाओं का सबसे बड़ा विरोध है||
जहाँ कई महिलायें ऐसे हादसे के बाद आत्महत्या जैसे उपाय करती हैं, रंगोली ने जवाबी हमला किया| पिंकविल्ला के साथ एक . मे कंगना ने यह कहा की इस देश में असली हीरोस की कहानी कोई नहीं सुनाना चाहता| लेकिन रंगोली की कहानी अलग थी, वे हमारी शीरो हैं||
इस हमले से पहले रंगोली बहुत खूबसूरत थी- उनकी आँखें बहुत बड़ी और सुंदर थी, ऐसा कंगना का कहना है| पर इस हमले से उनके अपने भविष्य को लेकर सपने नहीं बदले| और तो और उन्होने अपने मंगेतर से शादी करने से भी माना कर दिया, जब तक वे इस झटके से बाहर नहीं आ जाती| उन्होने शादी शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह ठीक होने के बाद ही की| इससे हमें यह सिख मिलती है के चाहे जितना बुरा समय आ जाए, अपने निश्चय पर अडिग ऱाःन बहुत ज़रूरी है||
दोनो बहनो ने उल्लेखनीय ब्ल दिखाया है| हमले के बाद कंगना रंगोली को अपने पास बंबई ले आई, जहा उन्होने अपनी बहन की सबसे अच्छी देखभाल की| धीरे धीरे रंगोली कंगना के सारे काम संभालने लग गयी, जिसके बाद 2011 में उन्होने शादी कर ली| खीट्ण प्रेर्णात्मक है ये सब! जिस डेष में पुरुषों पर रक्षक बनने की भूमिका थोप दी जाती, वहाँ इन बहनो इस सोच को अपनी जिंदगी जी कर दकियनूसि साबित कर दिया!!