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22 जनवरी को होगी निर्भया के दोषियों को फांसी, डेथ वॉरंट जारी

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Swati Bundela
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तिहाड़ जेल में 22 जनवरी सुबह 7 बजे उन सब को फांसी दी जाएगी। दोषियों को सभी ऑप्शंस के इस्तेमाल के लिए 14 दिनों का वक्त दिया गया है।


एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा के सामने इस अहम मामले पर फैसला देने की जिम्मेदारी थी। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये आज चारों दोषियों पवन शर्मा, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय का पक्ष सुना। सुनवाई के दौरान जज ने चारों दोषियों से पूछा कि क्या आपको जेल की तरफ से नोटिस मिल गया है? दोषियों ने कहा कि हां नोटिस मिल गया है और हमने उसका जवाब भी दिया और जो भी लीगल ऑप्शंस है, हम उसका इस्तेमाल करेंगे। इससे पहले निर्भया मामले की सुनवाई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पूरी हो गई थी।
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केस की हिस्ट्री


बता दें कि 13 सितंबर 2013 को लोअर कोर्ट  ने निर्भया कांड के चारों दोषियों पवन शर्मा, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय को मौत की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया दोषियों की पुनर्विचार याचिका जुलाई 2018 में ही खारिज कर दी  थी और दोषियों के पास क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने के लिए डेढ़ साल का समय था लेकिन तब उन्होंने ऐसा नहीं किया। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से चारों दोषियों को नोटिस जारी कर उनके पास मौजूद ऑप्शंस पर उनका जवाब लेने को कहा था।
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बता दें की इस केस में पीड़िता को निर्भया नाम दिया था और फिर बाद में पीड़िता की पहचान ज्योति सिंह पांडे के रूप में हुई थी । साउथ दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर, 2012 की रात अपने दोस्त के साथ एक खाली प्राइवेट बस में चढ़ी 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा ज्योति के साथ छह लोगों ने मिलकर चलती बस में गैंगरेप किया और लोहेकी रॉड से हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया था । बाद में दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदंरजग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13 दिन बाद 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।

केस के आरोपी

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इस केस में बचे चारों दोषियों को फांसी की सजा दी जा चुकी है, लेकिन अभी भी सभी गुनहगार तिहाड़ जेल में ही बंद हैं। बता दें कि निर्भया गैंगरेप मामले में 6 लोगों को दोषी पाया गया था, जिनमें से एक नाबालिग था। नाबालिग को जुवेनाइल बोर्ड ने तीन साल की सज़ा सुनाई गई थी।इस मामले के मुख्य आरोपी दोषी राम सिंह ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी और एक दोषी नाबालिग है।
इंस्पिरेशन
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