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हाल ही में प्रकाशित Lancet अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक भारत में 450 मिलियन यानी 45 करोड़ वयस्क मोटापे या अधिक वजन की समस्या से जूझेंगे। यह आंकड़ा भारत को उन देशों की सूची में शामिल करता है, जहां सबसे अधिक मोटे लोग होंगे। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के अनुसार, 2019-21 के दौरान भारत की लगभग एक-चौथाई आबादी 'ओवरवेट' या 'मोटापे' की श्रेणी में आ चुकी थी, जो 2015-16 की तुलना में 4% अधिक है।
2050 तक भारत में 45 करोड़ वयस्क होंगे मोटापे के शिकार
दुनिया भर में मोटापे का प्रभाव
2021 में दुनिया के आधे से अधिक मोटे लोग केवल आठ देशों में थे, जिनमें भारत (18 करोड़), चीन (40.2 करोड़), अमेरिका (17.2 करोड़), ब्राजील (8.8 करोड़), रूस (7.1 करोड़), मैक्सिको (5.8 करोड़), इंडोनेशिया (5.2 करोड़) और मिस्र (4.1 करोड़) शामिल हैं। 2050 तक भारत में 2.64 करोड़ लोग मोटापे से ग्रस्त होंगे, जबकि नाइजीरिया (1.81 करोड़), चीन (3.52 करोड़) और अमेरिका (2.21 करोड़) में भी यह संख्या तेजी से बढ़ेगी। कई ओशियानिक देशों जैसे कुक आइलैंड, नाउरू और टोंगा में यह दर 60-70% तक पहुंचने का अनुमान है।
भारत में मोटापे के बढ़ने के कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मोटापा बढ़ने का सबसे बड़ा कारण बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतें हैं। फास्ट फूड और हाई-कैलोरी डाइट का सेवन, शारीरिक गतिविधियों में कमी, वर्क-फ्रॉम-होम कल्चर, बढ़ता स्क्रीन टाइम और तनावपूर्ण जीवनशैली मोटापे को बढ़ावा दे रहे हैं। शहरीकरण के कारण लोग अधिक सुविधाजनक लेकिन अस्वास्थ्यकर जीवनशैली अपना रहे हैं, जिससे यह समस्या और गंभीर होती जा रही है। इसके अलावा, नींद की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि डिजिटल युग में देर रात तक जागने और स्क्रीन देखने की आदतें बढ़ गई हैं।
महिलाओं और बच्चों में बढ़ती समस्या
भारत में मोटापे की समस्या सबसे अधिक दक्षिणी राज्यों, दिल्ली और पंजाब में देखने को मिल रही है। शोध के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी गई है, लेकिन पुरुषों में इसका बढ़ने की दर तेज है। इसके अलावा, हाल के वर्षों में बच्चों और किशोरों में भी मोटापे की समस्या बढ़ी है, जिससे भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं बढ़ने की आशंका है।
सरकार की पहल और ‘एंटी-ओबेसिटी’ अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में इस मुद्दे पर चर्चा की और लोगों को तेल की खपत 10% कम करने, संतुलित आहार लेने और नियमित व्यायाम करने की सलाह दी। उन्होंने 'एंटी-ओबेसिटी' अभियान भी शुरू किया, जिसमें आर. माधवन, निरहुआ और श्रेया घोषाल जैसी हस्तियों को इस पहल से जोड़ा गया। सरकार के इस प्रयास का उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है।
As mentioned in yesterday’s #MannKiBaat, I would like to nominate the following people to help strengthen the fight against obesity and spread awareness on reducing edible oil consumption in food. I also request them to nominate 10 people each so that our movement gets bigger!… pic.twitter.com/bpzmgnXsp4
— Narendra Modi (@narendramodi) February 24, 2025
समस्या का समाधान और स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम
अगर इस समस्या पर अभी से ध्यान नहीं दिया गया, तो 2050 तक भारत में मोटापा महामारी का रूप ले सकता है। यह सिर्फ स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं रहेगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समस्या भी बन सकता है। समय रहते अगर लोग संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, योग और ध्यान जैसी आदतें अपनाएं, तो इस बढ़ती समस्या को रोका जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से न केवल व्यक्ति स्वस्थ रहेगा, बल्कि समाज भी एक बेहतर दिशा में आगे बढ़ेगा।