हाल ही में हुए चंडीगढ स्टॉकिंग केस ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा के विषय में सवाल खड़े कर दिए हैं. इसके कारण ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो रात को घर से बाहर निकलते समय स्वयं को सुरक्षित रखने के उपायों का चयन कर रही हैं.
हमने 5 कामकाजी महिलाओं से बात करी और जानने का प्रयोग किया कि वह रात को बाहर निकलने से पहले किस प्रकार की सावधानियां बरतती हैं.
सुरक्षित रहने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना
"यदि मैं सच कहूं तो मैं रात को अकेले बाहर नहीं निकलती क्योंकि मुझे पता है कि यह सुरक्षित नहीं है. परंतु यदि मुझे कभी बाहर निकलना पड़े तो मैं अपने फोन में गूगल मैप खोल लेती हूं. मैं हमेशा उन रास्तों पर जाती हूं जिन पर बहुत ट्रैफिक हो. मैं खाली सड़कों पर जाने से बचती हूं - फ्रीलांस राइटर रितिका तिवारी कहती हैं.
सुबह हो या रात, मैं सदा अपने साथ एक पिपरमेंट स्प्रे रखती हूं. यदि मुझे अकेले बाहर निकलना पड़े तो मैं इस बात का ध्यान रखती हूं कि मेरे फोन की बैटरी पूरी तरीके से चार्ज हो. मेरे आस-पास चल रही गाड़ियों और लोगों के विषय में बहुत सतर्क रहती हूं. मोमप्रेनेउर सर्कल की फाउंडर लतिका वाधवा ने बताया.
लाइफ कोच और "हैप्पी लाइवस" की फाउंडर कुशा कालरा कहती हैं-:
"मैं अपने फोन की बैटरी चार्ज करती हूं ताकि इमरजेंसी में मुझे घर कॉल करने में कोई समस्या ना हो. उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने पोस्ट में कुछ चिली पाउडर रखती हैं ताकि वह स्वयं को सुरक्षित रख सकें. कैब लेते समय वह कैब का नंबर लिख लेती हैं और अपने परिवार वालों के साथ उसे शेयर करती हैं."
वह मैसेजेस के द्वारा उनसे जुड़ी रहती हैं.
"मुझे जब भी रात को बाहर जाना होता है मैं इस बात का ध्यान रखती हूं कि मेरे पास अपनी गाड़ी हो. मैं ध्यान रखती हूं कि मेरे घर लौटने तक मेरे माता-पिता जागते रहें. मुझे किसी ने स्विस नाइफ अपने साथ रखने का सुझाव भी दिया था और अब मैं वास्तव में यह अपने साथ रखती हूं," बर्थ फोटोग्राफर ऊर्शिता सैनी बताती हैं.
"मैं कैब लेने के दौरान अपने माता-पिता से फोन पर बात करती रहती हूं. मैं इस बात का भी ध्यान रखती हूं कि मैं उनके साथ अपनी डिटेल्स शेयर करूं ताकि वह मुझे आसानी से ट्रेस कर सकें. मैं कैब ड्राइवर के सामने ही अपनी लोकेशन के बारे में उन्हें बताती रहती हूं ताकि उसे यह समझ आ जाए कि उसे कोई ट्रेस कर रहा है. मैं इस विषय में बहुत सतर्क रहती हूं कि मुझे किन रास्तों से अपनी मंजिल तक पहुंचाया जा रहा है." फोटोग्राफर अभिधा शर्मा कहती हैं.