छत्तीसगढ़ के बालमपुर में एक विनाशकारी घटना सामने आई, जब एक सरकारी स्कूल के परिसर में बिजली का करंट लगने से एक आदिवासी समुदाय की 6 वर्षीय लड़की की जान चली गई। इस घटना में दो अन्य लड़कियाँ भी घायल हो गईं, जो स्कूल अधिकारियों की लापरवाही के परिणामों को उजागर करती हैं। इस घटना से आक्रोश फैल गया है और शैक्षणिक संस्थानों में बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में स्कूल परिसर में छह साल की बच्ची की करंट लगने से मौत
6 जुलाई को रामनगंज जिले के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में अवकाश के दौरान, उस समय त्रासदी हुई जब तीन युवा लड़कियाँ पास की एक मेले की दुकान पर जा रही थीं। स्कूल के गेट से गुजरते समय 6 साल की बच्ची वर्षा खेरवार गलती से गेट को छू गई और करंट की चपेट में आ गई। पास में खड़ी उसकी सहेलियां आरती और काजल को भी चोटें आईं। वर्षा और काजल पहली कक्षा में पढ़ती थीं, जबकि आरती तीसरी कक्षा में थी।
लापरवाही और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ
यह घटना स्कूल प्रशासन की लापरवाही का नतीजा थी। यह पता चला कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) भवन के लिए बिजली की आपूर्ति को स्कूल परिसर से तारों का उपयोग करके अस्थायी रूप से पंचायत भवन से जोड़ा गया था। दुर्भाग्य से, एक विद्युत प्रवाहित तार लटक गया और कट गया, जिससे बच्चों के लिए गंभीर ख़तरा पैदा हो गया। स्कूल अधिकारी इस खतरनाक स्थिति को नोटिस करने में विफल रहे, जिसके कारण यह दुखद जीवन हानि हुई।
जवाबदेही और कार्रवाई
घटना के जवाब में दो सहायक शिक्षकों, अभय कुमार और रवींद्र प्रसाद को स्कूल परिसर के भीतर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कथित लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है। जिला अधीक्षक, लाल उम्मेद सिंह ने आवश्यक दस्तावेजीकरण शुरू कर दिया है और पुष्टि की है कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए तुरंत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की जाएगी।
सरकारी प्रतिक्रिया और मुआवज़ा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवा लड़की की हृदय विदारक क्षति पर शोक व्यक्त किया और दुखी परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की पेशकश की। इसके अतिरिक्त, दो जीवित पीड़ितों को उनकी रिकवरी और सहायता के लिए 50,000 रुपये की राहत राशि दी गई है।
इस दुखद घटना ने स्कूलों में सुरक्षा के मुद्दे को सामने ला दिया है। ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल, नियमित निरीक्षण और बुनियादी ढांचे के उचित रखरखाव की तत्काल आवश्यकता है। स्कूल अधिकारियों और सरकारी निकायों के लिए छात्रों की भलाई को प्राथमिकता देना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपाय लागू करना आवश्यक है।