हाल ही में हुए पैरालंपिक खेलों में, गर्भवती पैरा-आर्चर जोडी ग्रिनहैम और उनके साथी नाथन मैकक्वीन ने मिलकर मिश्रित टीम कंपाउंड फाइनल में ईरान को हराकर ब्रिटेन के लिए गोल्ड मेडल जीता। ग्रिनहैम, जो पहले से एक बच्चे की माँ हैं, सात महीने की गर्भावस्था के बावजूद पैरालंपिक मंच पर एक ऐतिहासिक वापसी की।
गर्भवती ब्रिटिश पैरा-आर्चर ग्रिनहैम ने जीता गोल्ड, कहा 'मैंने बच्चे की किक महसूस की'
विजय के क्षण में भावुक हुईं ग्रिनहैम
"मैं खेल के अंत में बस कूदना, चिल्लाना और रोना चाहती थी," ग्रिनहैम ने मैच के बाद प्रेस को बताया। हालांकि गर्भवती होने की वजह से उन्होंने तुरंत बैठकर एक पल लिया और फिर अपनी टीम को गले लगाया।
ब्रिटिश तीरंदाज, जो पहले से एक बच्चे की माँ हैं, ने महिला शक्ति का प्रतीक बनते हुए इस ऐतिहासिक क्षण को जिया। उन्होंने पैरालंपिक में कंपाउंड महिला आर्चरी में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा, और यह कारनामा करते हुए वह गर्भवती होने के बावजूद पदक जीतने वाली पहली एथलीट बन गईं।
महिला शक्ति का नया उदाहरण: ग्रिनहैम की ऐतिहासिक जीत
31 वर्षीय ग्रिनहैम ने अपने साथी और डिफेंडिंग चैंपियन फोएबे पैटरसन पाइन को 142-141 के रोमांचक मुकाबले में हराकर कांस्य पदक जीता। इसके बाद, उन्होंने अपने ब्रिटिश साथी नाथन मैकक्वीन के साथ मिलकर ईरान को 155-151 से हराकर मिश्रित टीम कंपाउंड इवेंट में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
ग्रिनहैम के बाएं हाथ में बौनापन (ड्वार्फिज़्म) के कारण अंगुलियों की कमी है, लेकिन उन्होंने इस चुनौती को अपने अनुकूल ढालते हुए खेल में सफलता हासिल की। गर्भावस्था के दौरान भी उन्हें अपने तीरंदाजी के तरीके में बदलाव करना पड़ा।
संघर्षों के बावजूद सफलता की उड़ान
"हमें स्थिरीकरण बदलना पड़ा क्योंकि शरीर का आगे का हिस्सा भारी होता जा रहा था," उन्होंने बताया। "अगर मुझे वजन बढ़ाने की जरूरत होती है, तो मैं बस इसे एडजस्ट कर लेती हूँ," उन्होंने कहा। उन्होंने कभी भी अपनी स्थिति को शिकायत का विषय नहीं बनाया और अपना ध्यान केवल खेल पर केंद्रित रखा।
गर्भवती होने के बावजूद, जोडी ने मैच के दौरान अपने बच्चे की हलचल महसूस की, लेकिन अपनी शांति और संयम बनाए रखा और कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं।
महिला शक्ति का प्रतीक: भविष्य के लिए प्रेरणा
"यह एक सम्मान की बात है कि मेरा बच्चा मेरे साथ है और वह मेरे अंदर एक सपोर्ट सिस्टम की तरह है," ग्रिनहैम ने कहा। उनके लिए पेरिस में पदक जीतना सिर्फ उनके लिए नहीं था, बल्कि वह दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बनना चाहती हैं।