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मैचमेकिंग ऐप्स पर 78% महिलाएं फर्जी प्रोफाइल का शिकार: सर्वे रिपोर्ट

सर्वे के अनुसार, भारत में 78% महिलाओं को डेटिंग और मैट्रिमोनियल ऐप्स पर फर्जी प्रोफाइल का सामना करना पड़ा है, जिससे वेरिफिकेशन और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं।

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Vaishali Garg
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हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार, भारत में 78% महिलाओं को डेटिंग या मैट्रिमोनियल ऐप्स पर फर्जी प्रोफाइल का सामना करना पड़ा है। ये ऐप्स जहां लोगों के लिए नए रिश्तों की शुरुआत का जरिया होते हैं, वहीं इन पर बढ़ती धोखाधड़ी ने इन्हें एक सावधानीपूर्ण अनुभव बना दिया है।  

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मैचमेकिंग ऐप्स पर 78% महिलाएं फर्जी प्रोफाइल का शिकार: सर्वे रिपोर्ट

क्या प्यार में पड़ रहे हैं या जाल में?

डेटिंग ऐप 'जुलेओ' ने YouGov के साथ मिलकर भारत में मैचमेकिंग ऐप्स के अनुभवों पर एक सर्वे किया। इसमें देश के आठ प्रमुख शहरों के 1,000 सिंगल्स को शामिल किया गया। सर्वे में फर्जी प्रोफाइल, धोखाधड़ी, मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण आंकड़े सामने आए।  

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फेक प्रोफाइल्स से बचने की जरूरत

सर्वे में 78% महिलाओं ने कहा कि उन्होंने फेक प्रोफाइल्स का सामना किया है और अब वे बेहतर वेरिफिकेशन और प्राइवेसी की मांग कर रही हैं। वहीं, 74% सभी यूजर्स ने कहा कि वे चाहते हैं कि उनकी प्रोफाइल केवल उन्हीं को दिखाई दें जिन्हें वे चुनते हैं।

82% महिलाएं मानती हैं कि अगर सरकार की ओर से आईडी वेरिफिकेशन की व्यवस्था होती, तो वे डेटिंग और मैट्रिमोनियल ऐप्स का उपयोग अधिक सुरक्षित महसूस करतीं। इस तरह की वेरिफिकेशन प्रक्रिया से फाइनेंशियल स्कैम्स पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है, जो इन ऐप्स पर हाल के समय में बढ़ रहे हैं।

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ऑनलाइन डेटिंग का मानसिक दबाव

सर्वे में यह भी सामने आया कि 48% यूजर्स ने मानसिक और भावनात्मक थकान का अनुभव किया है। हर चार में से तीन महिलाएं बताती हैं कि ऑनलाइन डेटिंग का अनुभव उनके लिए काफी थकाऊ और परेशान करने वाला रहा है।

लगातार स्वाइपिंग और नए मैच से उम्मीदें जोड़ने का मानसिक दबाव यूजर्स को एक अंतहीन चक्र में फंसा देता है। 70% यूजर्स ने कहा कि लगातार स्वाइपिंग करने से उन्हें भावनात्मक परेशानियां बढ़ती हैं।

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सर्वे में यह भी सामने आया कि भारत में हर तीन में से दो मैचमेकिंग ऐप यूजर्स ने अपने मैच से कभी वास्तविक जीवन में मुलाकात नहीं की। इसका सबसे बड़ा कारण 'घोस्टिंग' या मैच का अचानक गायब हो जाना है, जो आज के डेटिंग अनुभव का हिस्सा बन गया है।

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