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Photograph: (NDTV)
Adopted Daughter Child Kills Her Mother In Odisha: एक मां ने जिस बच्ची को सड़क किनारे बेसहारा छोड़ने से बचाकर गोद लिया, उसी बच्ची ने किशोरावस्था में उसकी हत्या कर दी। ओडिशा के गजपति जिले में सामने आई इस दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। 13 वर्षीय किशोरी ने दो युवकों के साथ मिलकर अपनी दत्तक मां की हत्या इसलिए कर दी क्योंकि मां उसके प्रेम संबंधों का विरोध कर रही थी और संपत्ति को लेकर मनमुटाव था।
ओडिशा में दिल दहला देने वाली वारदात, गोद ली गई बच्ची ने की मां की हत्या
पुलिस के अनुसार, 13 वर्षीय आठवीं कक्षा की छात्रा ने 29 अप्रैल को अपने दो पुरुष मित्रों 21 वर्षीय मंदिर पुजारी गणेश रथ और 20 वर्षीय दिनेश साहू के साथ मिलकर 54 वर्षीय राजलक्ष्मी कर की हत्या कर दी। राजलक्ष्मी उसकी दत्तक मां थी। यह वारदात परलाखेमुंडी शहर के एक किराए के घर में अंजाम दी गई।
DNA की खबर के अनुसार, किशोरी को राजलक्ष्मी और उनके पति ने लगभग 14 साल पहले गोद लिया था, जब वह भुवनेश्वर की एक सड़क के किनारे उन्हें बेसुध हालत में पड़ी मिली थीं। बच्ची उस समय करीब तीन साल की थी। संतान नहीं होने के कारण दंपति ने उसे अपनाया और बेटी की तरह पाला। एक साल बाद पति की मृत्यु हो गई, जिसके बाद राजलक्ष्मी ने अकेले ही उसका पालन-पोषण किया।
रिश्तों में तनाव और साजिश की शुरुआत
कुछ साल पहले राजलक्ष्मी अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए परलाखेमुंडी चली आईं और वहां उसे केंद्रीय विद्यालय में दाखिला दिलाया। धीरे-धीरे किशोरी की दोस्ती गणेश रथ और दिनेश साहू से हो गई, जो उससे उम्र में काफी बड़े थे। राजलक्ष्मी को यह रिश्ता स्वीकार नहीं था और उसने विरोध किया, जिससे मां-बेटी के बीच तनाव बढ़ता गया।
पुलिस अधीक्षक जतिंद्र कुमार पांडा ने बताया कि गणेश रथ ने किशोरी को राजलक्ष्मी की हत्या के लिए उकसाया। उसने समझाया कि यदि राजलक्ष्मी को रास्ते से हटा दिया जाए, तो वे दोनों अपने संबंधों को खुलकर निभा सकते हैं और उसकी संपत्ति पर भी अधिकार पा सकते हैं।
हत्या की योजना
29 अप्रैल की शाम किशोरी ने अपनी मां को पहले नींद की गोलियां दीं। जब वह बेहोश हो गईं, तो उसने गणेश और दिनेश को बुलाया। तीनों ने मिलकर कथित तौर पर तकिए से उसका गला घोंट दिया। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। लड़की और उसके साथियों ने दावा किया कि राजलक्ष्मी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। चूंकि पीड़िता को पहले से दिल की बीमारी थी, इसलिए किसी को शक नहीं हुआ और अगले दिन भुवनेश्वर में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
राज़ से उठा पर्दा
घटना दो हफ्ते तक छिपी रही। राजलक्ष्मी के भाई सिबा प्रसाद मिश्रा को संदेह तब हुआ जब उन्हें लड़की का मोबाइल फोन मिला, जो भुवनेश्वर में छूट गया था। जब फोन की जांच की गई, तो इंस्टाग्राम चैट से हत्या की पूरी साजिश सामने आ गई। बातचीत में राजलक्ष्मी की हत्या, सोने के गहने और नकदी को लेकर की गई योजना का विवरण था।
मिश्रा ने 14 मई को परलाखेमुंडी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद पुलिस ने किशोरी, गणेश रथ और दिनेश साहू को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों से 30 ग्राम सोने के गहने, तीन मोबाइल फोन और हत्या में इस्तेमाल किए गए दो तकिए बरामद किए हैं। बताया गया कि किशोरी ने पहले ही कुछ गहने गणेश रथ को सौंप दिए थे, जिसे उसने 2.4 लाख रुपये में गिरवी रख दिया था।