अफगानिस्तान में दाइयों और नर्सों की ट्रेनिंग ले रही महिलाओं को कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया है। 3 दिसंबर 2024 को तालिबान के एक सूत्र ने मीडिया को इस फैसले की जानकारी दी। अफगानिस्तान के पाँच अलग-अलग संस्थानों ने भी इस बात की पुष्टि की कि तालिबान ने उन्हें "अगले आदेश तक" बंद करने का निर्देश दिया है। इस फैसले के बाद, सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में छात्रों को रोते हुए देखा गया।
अफगान क्रिकेटर्स ने की महिला मेडिकल शिक्षा पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग
क्रिकेटर्स ने दी प्रतिक्रिया: शिक्षा सभी के लिए ज़रूरी
अफगानिस्तान के दो प्रमुख क्रिकेटर्स ने इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है। मोहम्मद नबी ने सोशल मीडिया पर लिखा,
"यह फैसला केवल इन लड़कियों के भविष्य को ही नहीं, बल्कि पूरे देश और राष्ट्र को नुकसान पहुंचाता है। अफगानिस्तान को शिक्षित पुरुषों के साथ-साथ शिक्षित महिलाओं की भी आवश्यकता है। कृपया इस फैसले को पलटें और हमारी लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने दें।"
इसी तरह, राष्ट्रीय टीम के कप्तान राशिद खान ने लिखा,"यह महत्वपूर्ण है कि हमारी बहनें और माताएं ऐसे चिकित्सा पेशेवरों से देखभाल प्राप्त करें जो उनकी ज़रूरतों को सही तरीके से समझें। सभी को शिक्षा प्रदान करना केवल सामाजिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारे विश्वास और मूल्यों में गहराई से निहित एक नैतिक कर्तव्य है।"पहले से ही खराब मातृ मृत्यु दर और बदतर होगी
एक नर्सिंग छात्रा ने बताया,
"हममें से कई के लिए, कक्षाओं में जाना लंबे समय तक बेरोजगारी, अवसाद और घर पर अलग-थलग रहने के बाद एक छोटी सी उम्मीद की किरण थी।"
तालिबान पहले ही पुरुष डॉक्टरों से महिलाओं का इलाज करवाने पर रोक लगा चुका है। 2023 में संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि अफगानिस्तान को 18,000 अतिरिक्त दाइयों की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, अफगानिस्तान में मातृ मृत्यु दर दुनिया में सबसे खराब है, जहां प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों पर 620 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
भविष्य और भी अंधकारमय
बीबीसी के अफगान भाषा सेवा की सहायक संपादक मरियम अमान ने इस फैसले के बड़े परिणामों की ओर इशारा करते हुए कहा,
"पाँच साल बाद आप कल्पना कर सकते हैं कि महिलाएं घर पर अकेले बच्चों को जन्म देंगी और कई जिलों में दाइयों और स्वास्थ्य सेवाओं तक कोई पहुंच नहीं होगी।"
महिला अधिकारों का हनन: शिक्षा से लेकर आज़ादी तक
तालिबान ने 1.3 मिलियन लड़कियों को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया है। 2021 के बाद से, छठी कक्षा के बाद लड़कियों की पढ़ाई पर रोक लगाई गई है। 2022 में, देश के सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों को सूचित किया गया कि महिलाओं को विश्वविद्यालय शिक्षा से निलंबित कर दिया गया है।
महिलाओं का महत्व: समाज की प्रगति की कुंजी
तालिबान यह समझने में असफल हो रहा है कि महिलाओं की शिक्षा समाज को बेहतर बनाने में कितनी महत्वपूर्ण है। पुरुष-प्रधान सोच से देखने पर भी, शिक्षित महिलाएं बेहतर माँ बनेंगी और परिवार की वित्तीय स्थिति में योगदान दे सकेंगी।
महिलाओं की शिक्षा पर यह रोक केवल अफगानिस्तान के स्वास्थ्य तंत्र को कमजोर नहीं करती, बल्कि पूरे समाज को पीछे धकेलती है।