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अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में टयुशिन सेंटर में धमाके से 19 लोगों की मौत कई ज़ख़्मी हो गई है और बहुत लोग ज़ख़्मी हो गए है। बीबीसी के मुताबिक़, यह धमाका शहर के पच्छिम में दश्त-ए-बारची इलाक़े के काज हाइअर एजुकेशनल सेंटर में हुआ। ट्यूशिन सेंटर के अधिकारियों का कहना बच्चे विश्वविद्यालय की अभ्यास परीक्षा में बैठे थे। मारने वालों में ज़्यादातर लड़कियाँ है।
हज़ारा जाती अल्पसंख्यक
जिस इलाक़े में यह विस्फोट हुआ है वहाँ के लोग हज़ारा जातीय अल्पसंख्यक है जिन्हें पिछले हमलों में भी निशाना बनाया जा चुका है। हज़ारा शिया मुस्लिम है जिन्हें काफ़ी समय से उग्रवादी इस्लामिक स्टेट समूह (IS) और तालिबान की तरफ़ से उत्पीड़न का सामना करना पढ़ा है। 2021 में तालिबान ने द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया है और फिर से उन पर काफ़ी हमले हुए है जिनमें ISIS का नाम आया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़,स्थानीय पुलिस अफ़सर ख़ालिद जद्रान का कहना है, जब सेंटर पर सूसायड बंब फेंका गया तब विद्यार्थी यूनिवर्सिटी इग्ज़ाम की तैयारी कर रहे थे। दुर्भाग्यपूर्ण, वहाँ पर 19 लोग की मौत हो गई है और 27 और ज़ख़्मी हो गए।
सूचना एजेन्सी एएफ़पी ने कहा, एक औरत अपनी बहन को अस्पताल में ढूँढ रहीं थी, “मुझे मिल नहीं रही उसकी उम्र 19 साल है।
विस्फोट में ज़्यादा महिलाएँ पीड़ित
बीबीसी के मुताबिक़, वहाँ पर मजूद लोगों ने बताया हमले में ज़्यादातर लड़कियाँ पीड़ित है।इसी तरह एक लड़के ने एएफ़पी एजेन्सी से बात करते हुए कहा, हम 600 के क़रीब विद्यार्थी थे,लेकिन लड़कियों में ज़्यादा हताहतों की संख्या हैं।
लड़कियों को नहीं पढ़ने की इजाज़त
जबसे तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा किया है तबसे वह पर ज़्यादातर गर्ल्ज़ स्कूल्ज़ बंद ही पढ़े है लेकिन कुछ ऐसे निज़ी स्कूल में जो खुले है। ऐसे ही यह काज एजुकेशनल सेंटर खुला हुआ था जिसमें लड़के और लड़कियाँ दोनों ही पड़ती थी।
अभी तक इस हमले की ज़िम्मेदारी किसी ग्रूप ने नहीं ली है।लेकिन इससे पहले एक एजुकेशनल सेंटर हुए हमले में आईएसआईएल ने ज़िम्मेदारी ली थी जिसमें बच्चों को मिलाकर 24 लोगों की मौत हुई थी।
जबसे तालिबान ने देश पर क़ब्ज़ा किया हुआ है तबसे बहुत से ब्लास्ट अफ़ग़ान के शिक्षा संस्थानो में हो चुके है। अफ़ग़ान ने शिक्षा अभी भी बड़ा मुद्दा है। वहाँ पर आज भी लड़कियों को स्कूल में पढ़ने की आज्ञा नहीं है।तालिबान और आईएसआईएल आज भी लड़कियों की शिक्षा का विरोध करते है।