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कर्नाटक में AI आधारित सुरक्षा प्रणाली: महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा पर जोर

कर्नाटक सरकार ने महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मेडिकल संस्थानों में AI आधारित सुरक्षा प्रणाली लागू करने की योजना बनाई है। जानिए कैसे यह प्रणाली सुरक्षा को और मजबूत बनाएगी।

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Vaishali Garg
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Consulting doctor about health issues of women

हाल ही में कर्नाटक सरकार ने मेडिकल संस्थानों में सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित प्रणाली लागू करने की योजना बनाई है। यह कदम खासतौर पर महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है। मेडिकल शिक्षा और कौशल विकास मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने इस मुद्दे पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई।

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कर्नाटक में AI आधारित सुरक्षा प्रणाली: महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा पर जोर

मेडिकल संस्थानों में बढ़ते सुरक्षा चिंताओं का समाधान

हाल ही में देशभर में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हो रही हिंसा और दुराचार की घटनाएं सामने आई हैं। विशेष रूप से, कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के बाद देशभर में महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसी के चलते कर्नाटक सरकार ने अपने राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने का निर्णय लिया है।

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कर्नाटक सरकार की AI आधारित सुरक्षा योजना

कर्नाटक के मेडिकल शिक्षा मंत्रालय ने मौजूदा सुरक्षा प्रणालियों की समीक्षा करते हुए AI आधारित सुरक्षा समाधान की पेशकश की है। डेक्कन हेराल्ड के अनुसार इस बारे में मंत्री शरण प्रकाश पाटिल ने कहा, "AI का उपयोग एक मजबूत सुरक्षा प्रणाली बनाने में मदद करेगा जो 24 घंटे काम करेगी, जिससे महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।" उन्होंने सभी मेडिकल संस्थानों के निदेशकों को निर्देश दिया है कि वे कर्मचारियों से लिखित रूप में फीडबैक लें और त्वरित समाधान लागू करें।

सुरक्षा ऑडिट समिति और अन्य कदम

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बैठक के दौरान मंत्री पाटिल ने मेडिकल संस्थानों में एक सुरक्षा ऑडिट समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा, जो मासिक बैठकों के जरिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करेगी। इसके अलावा, सुरक्षा कर्मियों की पृष्ठभूमि की गहन जांच करने पर भी जोर दिया गया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि महिला स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे की कैंटीन सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि उन्हें रात में परिसर छोड़ने की आवश्यकता न पड़े।

इस बैठक में मेडिकल शिक्षा निदेशक बी एल सुजाता राठौर ने राज्य के मेडिकल संस्थानों में मौजूदा सुरक्षा प्रणालियों की जानकारी दी और महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तार से चर्चा की।

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