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केरल पुलिस ने 19 साल पुराना त्रिपल मर्डर केस AI की मदद से सुलझाया

केरल पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से 19 साल पुराना त्रिपल मर्डर केस सुलझाया। इस मामले में दो पूर्व सैनिकों की गिरफ्तारी ने रहस्यमय हत्या की गुत्थी को सुलझाया। जानिए कैसे AI ने जांच में अहम भूमिका निभाई।

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Vaishali Garg
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Police

फरवरी 2006 में, दो पूर्व सैनिकों ने कथित रूप से केरल के कोल्लम में एक महिला और उसकी 17 दिन पुरानी जुड़वां बच्चियों की हत्या कर दी थी। लगभग 19 साल बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आखिरकार उन्हें पकड़ लिया।

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कैसे केरल पुलिस ने AI का इस्तेमाल कर 19 साल पुराने ट्रिपल मर्डर केस को सुलझाया

मर्डर केस की शुरुआत और लंबी जाँच प्रक्रिया

फरवरी 2006 में केरल के अंचल, कोल्लम में एक महिला रंजीनी और उसकी 17 दिन पुरानी जुड़वां बच्चियों की हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप दो पूर्व सैनिकों, दिविल कुमार और राजेश पर था, जिन्होंने अपना बचाव यह बताते हुए किया कि वे पठानकोट में मिलिट्री स्टेशन पर ड्यूटी पर थे। उस समय पुलिस के पास CCTV फुटेज या कॉल रिकॉर्ड्स जैसे कोई खास सुराग नहीं थे, जिससे यह मामला ठंडा पड़ गया था।

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CBI द्वारा 19 साल बाद गिरफ्तारी

मामला लगभग 19 साल बाद 2025 में फिर से सुर्खियों में आया, जब CBI ने दो हत्या आरोपियों को पुडुचेरी में ट्रैक किया। दिविल और राजेश, जिनके पास नए नाम और पहचान थे और वे अब बिजनेस मालिक बन चुके थे, CBI के चेन्नई यूनिट द्वारा गिरफ्तार किए गए। कोर्ट ने उन्हें 18 जनवरी तक रिमांड पर भेज दिया।

कैसे पकड़े गए आरोपी?

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दिविल और राजेश, दोनों कन्नूर के पुथुसेरी के रहने वाले थे और 19 साल से फरार थे। पुलिस ने भारत और विदेशों में कई स्थानों पर तलाशी ली और आरोपियों के बारे में सूचना देने पर ₹50,000 का इनाम भी घोषित किया था। केस को 2010 में केरल हाई कोर्ट के आदेश पर CBI को सौंपा गया था, जिसके बाद एजेंसी ने अपनी खोज तेज कर दी।

AI का इस्तेमाल और डिजिटल पहचान

केरल के एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) मनोज अब्राहम ने इंडियन एक्सप्रेस को की पुलिस की तकनीकी खुफिया टीम ने इस लंबित मामले की जांच में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का इस्तेमाल किया। आरोपियों की पुरानी तस्वीरों को डिजिटल तरीके से वृद्ध किया गया, ताकि उनके वर्तमान रूप की भविष्यवाणी की जा सके। इस प्रक्रिया के दौरान AI द्वारा जनरेट की गई तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद तस्वीरों से मिलाई गईं। एक फोटो ने 90% मैच दिखाया, जो फेसबुक पर एक शादी की तस्वीर के रूप में मिली। इस मैच ने CBI को राजेश तक पहुंचाया, जो अंततः दिविल तक ले गए।

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रंजीनी और उसकी बच्चियों की हत्या की कहानी

10 फरवरी 2006 को रंजीनी और उसकी जुड़वां बच्चियों के शव उनके घर में मिले थे। उनकी गर्दन कटी हुई थी। शवों को रंजीनी की मां संथम्मा ने देखा था, जो कुछ देर पहले पंचायत कार्यालय से बच्चों के लिए दस्तावेज लेने आई थीं। संथम्मा ने तुरंत दिविल पर हत्या का शक जताया। संथम्मा ने पुलिस को बताया कि दिविल, रंजीनी के बच्चों का पिता था, जो अवैध रूप से रंजीनी के साथ रिश्ते में था।

रंजीनी ने दिविल से बच्चों की जिम्मेदारी लेने की मांग की थी, लेकिन उसने मना कर दिया। इस तनावपूर्ण स्थिति में, रंजीनी ने कानूनी कदम उठाए थे, जिससे दिविल और उसके मित्र राजेश ने मिलकर हत्या की योजना बनाई, रिपोर्ट्स के मुताबिक।

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AI और तकनीकी खुफिया की अहम भूमिका

इस केस ने यह साबित कर दिया कि कैसे आधुनिक तकनीकी उपकरण, जैसे AI, पारंपरिक पुलिस जांच के साथ मिलकर पुराने मामलों को सुलझाने में मदद कर सकते हैं। CBI की इस खोज ने न केवल एक लंबित केस को सुलझाया, बल्कि यह दिखाया कि एआई और डिजिटल टूल्स का सही इस्तेमाल अपराधियों तक पहुंचने में कितनी अहमभूमिका निभा सकता है।

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